बंदर पुनर्वास केंद्र
चर्चा में क्यों
हाल ही में तेलंगाना में बंदरों के लिये एक बचाव और पुनर्वास केंद्र (Monkey Rehabilitation Centre) की स्थापना की गई है।
प्रमुख बिंदु:
- यह प्राइमेट के लिये देश में इस प्रकार का दूसरा ऐसा केंद्र है। इससे पहले हिमाचल प्रदेश में ऐसा केंद्र स्थापित किया गया था।
- प्राइमेट के अंतर्गत ऐसे समूह के स्तनपायी आते हैं जिसमें लीमर (Lemurs), लॉरीज़ (Lorises), टार्सियर (Tarsiers), बंदर, वानर (Apes) और मनुष्य शामिल हैं।
- इससे पहले पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश में बंदरों (रीसस मैकाक) को ‘वर्मिन’ घोषित किया था।
- इसके तहत स्थानीय अधिकारियों को एक वर्ष तक शिमला में कुछ चिह्नित गैर-वन क्षेत्रों में इस जानवर को मारने की अनुमति दी गई।
वर्मिन पशु:
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 62 के अनुसार, राज्यों द्वारा केंद्र को वन्यजीवों की एक सूची भेजी जाती है, जिसमें यह अनुरोध किया जाता है कि चयनित पशु को वर्मिन घोषित कर उसके वध की अनुमति दी जाए।
- वन्यजीव कानून में प्रजातियों को I से V तक अनुसूचियों में विभाजित किया गया है। अधिनियम की अनुसूची 1 और अनुसूची 2 के दूसरे भाग वन्य जीवों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करते हैं. इसलिये इसमें कठोरतम सज़ा का प्रावधान है।
- जंगली सूअर, नीलगाय और रीसस मैकाक अनुसूची II और III के तहत संरक्षित हैं, परंतु विशिष्ट परिस्थितियों में इनका शिकार किया जा सकता है।
चिल्ले/चिल्लाई- कला
चर्चा में क्यों
- 21 दिसंबर, 2020 को कश्मीर घाटी के ऊपरी क्षेत्रों में कठोर शीत ऋतु के पारंपरिक 40 दिन की अवधि के ‘चिल्ले/चिल्लाई- कलां’ (Chillai kalan) की शुरुआत हो गई है।
- यह 31 जनवरी, 2021 तक जारी रहेगा।
चिल्ले/चिल्लाई- कलां के विषय में:
- भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department- IMD) के अनुसार, 21 दिसंबर से 30 जनवरी की अवधि को कश्मीर की स्थानीय भाषा में चिल्ले/चिल्लाई- कलां कहा जाता है।
- इन 40 दिनों में बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है और तापमान में अधिकतम गिरावट होती है, अर्थात् यह लगभग शून्य डिग्री के नीचे या उसके आस- पास आ जाता है।
- इन 40 दिनों के बाद शीत लहर जारी रहती है इसलिये चिल्ले/चिल्लाई- कलां के बाद 20 दिन चिल्ले/चिल्लाई- खुर्द (Chillai Khurd) तथा उसके बाद के 10 दिन चिल्ले/चिल्लाई- बच्चा (Chillai Baccha) के नाम से जाना जाता है।
- 21 दिसंबर का दिन उत्तरी गोलार्द्ध में शीतकालीन संक्रांति के रुप में मनाया जाता है।
एडीबी ने त्रिपुरा को 2100 करोड़ रुपये का ऋण देने की दी मंजूरी
चर्चा में क्यों
एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank) ने पूर्वोत्तर राज्य में शहरी क्षेत्रों और पर्यटन के विकास के लिए त्रिपुरा सरकार को 2,100 करोड़ रुपये का ऋण देने की घोषणा की है। कुल 2,100 करोड़ रुपये के फंड से, 1600 करोड़ रुपये शहरी विकास के लिए और 500 करोड़ रुपये पर्यटन क्षेत्र के लिए होंगे।
परियोजना के बारे में:
- इसके तहत, त्रिपुरा में सभी 20 शहरी स्थानीय निकायों को कवर किया जाएगा और पर्यटन क्षेत्र के सभी पर्यटन स्थलों, इन पर जाने वाले मार्ग और पर्यटक सुविधाओं को कवर किया जाएगा।
- ऋण व्यवस्था के तहत, शुरूआत में एडीबी शहरी और पर्यटन क्षेत्रों के लिए परियोजना के डिजाइन और प्रबंधन सलाहकारों के लिए 40 करोड़ रुपये प्रदान करेगा।
- एक बार परियोजनाएं की तैयारी हो जाने के बाद, एडीबी शहरी क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए 1,600 करोड़ रुपये और अगले तीन वर्षों में पर्यटन क्षेत्र के लिए 500 करोड़ रुपये प्रदान करेगा।
महत्वपूर्ण तथ्य-
- एडीबी के अध्यक्ष: मासत्सुगु असकावा; मुख्यालय: मनीला, फिलीपींस
- एडीबी की स्थापना: 9 दिसंबर 1966
माॅक एग
चर्चा में क्यों
- हाल ही में IIT दिल्ली के वैज्ञानिकों की एक टीम ने “प्लांट आधारित मॉक एग” के नवाचार के लिये यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) एक्सलेरेटर लैब इंडिया द्वारा आयोजित एक नवाचार प्रतियोगिता (इनोवेट 4 SDG) जीती।
प्रमुख बिंदु:
- UNDP एक्सेलेरेटर लैब इंडिया भारत में कुछ प्रमुख मुद्दों, जैसे- वायु प्रदूषण, सतत् जल प्रबंधन आदि का समाधान नवाचारों के माध्यम से करने की कोशिश कर रही है।
- नवाचार करने वाली विजेता टीम को पुरस्कार के रूप में 5,000 अमेरिकी डॉलर प्रदान किये गए।
माॅक एग:
- इसका विकास बहुत ही सरल तरीके से कृषि फसलों से किया गया है जिसमें प्रोटीन पाया जाता है। अंडे के समान स्वाद और उसी की तरह दिखने के साथ ही यह पोषण संबंधी विशेषता में भी पोल्ट्री अंडे के समान है।
- माॅक एग आहार-विशिष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और शुद्ध शाकाहारी लोगों की प्रोटीन आवश्यकताओं की पूर्ति करता है।
- टीम ने फलों और सब्जियों का उपयोग करके संयंत्र आधारित चिकन और मछली के मांस के सादृश्य (Analogues) उत्पाद भी विकसित किये हैं।
- प्लांट आधारित ये खाद्य पदार्थ जो कि अंडे, मछली और चिकन के समान हैं, लोगों को कुपोषण से निपटने और स्वच्छ प्रोटीनयुक्त भोजन की प्राप्ति के उद्देश्य से विकसित किये गए हैं।
“बड़ौदा मिलिट्री सैलरी पैकेज”
सन्दर्भ
बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) ने भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं
इसके तहत बैंक खाताधारकों को सुविधाओं के साथ-साथ अनुकूलित सेवाएं भी प्रदान करेगा।
बैंक ने ”Baroda Military Salary Package” के माध्यम से विशेष रूप से अनुकूलित बैंकिंग सेवाओं की पेशकश करने के लिए भारतीय सेना के साथ अपने मौजूदा समझौता ज्ञापन को नवीनीकृत किया है।
“Baroda Military Salary Package” के बारे में:
- ‘”Baroda Military Salary package” के तहत 8,200 से अधिक घरेलू शाखाओं और लगभग 20,000 व्यापार संवाददाता टचप्वाइंट के बैंक के नेटवर्क के माध्यम से भारतीय सशस्त्र बलों के सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों को सेवाए प्रदान की जाएंगी।
- पैकेज में नि: शुल्क व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कवर, स्थायी कुल विकलांगता कवर, आंशिक विकलांगता कवर और बड़ी मात्रा में
- पैकेज के तहत अन्य सेवाओं में सभी बैंक एटीएम पर असीमित मुफ्त एटीएम लेनदेन, खुदरा ऋणों में विभिन्न सेवा शुल्क पर छूट ।
महत्वपूर्ण तथ्य-
- बैंक ऑफ बड़ौदा मुख्यालय: वडोदरा, गुजरात, भारत
- बैंक ऑफ बड़ौदा के अध्यक्ष: हसमुख अधिया
- बैंक ऑफ बड़ौदा के एमडी और सीईओ: संजीव चड्ढा
अमेरिका के सर्वोच्च सम्मान ‘लीजन ऑफ मेरिट’
चर्चा में क्यों
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका के सर्वोच्च सैन्य सम्मान ‘The Legion of Merit’ से सम्मानित किया है।
- दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने में उनके नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रतिष्ठित लीजन ऑफ मेरिट प्रदान किया गया था।
- इस पुरस्कार को प्रधानमंती की तरफ से अमेरिका में भारत के राजदूत, तरनजीत सिंह संधू ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ’ब्रायन से व्हाइट हाउस में 21 दिसंबर 2020 को स्वीकार किया।
Team rudra
Abhishek Kumar Verma
Amarpal Verma
Krishna
Yograj Patel
anil Kumar Verma
Rajeev Kumar Pandey
Prashant Yadav
Dr.Sant lal
Sujata Singh
Anand Yadav
Geography team mppg college ratanpura mau
Surjit Gupta
Saty Prakash Gupta
Shubham Singh
Akhilesh Kumar