व्यक्तिगत विभिन्नता

व्यक्तिगत विभिन्नता

व्यक्तिगत विभिन्नता

  • व्यक्तिगत विभिन्नता का संम्प्रत्यय सबसे पहले 1869 फ्रांसिस गाल्टन ने अपनी पुस्तक ” Heredetry ginis ” में प्रस्तुत किया था।
  • यह मात्रात्मक/संख्यात्मक होती है ना की गुणात्मक होती।
  • मनोविज्ञान की वह शाखा जिसमें मात्रात्मक / संख्यात्मक विभेद करने वाले विभिन्नता को व्यक्तिगत व्यक्तिगत विभिन्नता कहते हैं।

B.F. स्किनर के अनुसार – मापन किया जाने वाला प्रत्येक पहलू / पक्ष व्यक्तिगत विभिन्नता काा अंश है।

टायलर – शरीर के रंग, रूप, आकार, रूचि, उपलब्धि, आदि की विभिन्नता।

व्यक्तिगत विभिन्नता के रूप

अन्त: व्यक्तिक विभिन्नता

  • शारीरिक गुण
  • मानसिक गुण
  • क्रियात्मक गुण
  • बुद्धि
  • अभिरुचि
  • क्षमता
  • अवस्थाएं
  • जीवन मूल्य
  • अभिप्रेरणा

अंतर व्यक्तिगत गुण

  • जब कोई भी व्यक्ति का गुण एक समान ना हो उसे अंतर व्यक्तिगत गुण कहते हैं।

व्यक्तिगत विभिन्नता का क्षेत्र

संज्ञानात्मक क्षेत्र – बुद्धि, चिंतन, शैक्षिक उपलब्धि, सृजनात्मक

भावनात्मक क्षेत्र – वृत्ति, क्षमता, रुचि, जीवन मूल्य, संवेग, अभिप्रेरणा

क्रियात्मक क्षेत्र – शारीरिक क्रिया, शारीरिक सहनशक्ति, मांस पेशियां।

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