पुनर्जागरण काल

पुनर्जागरण काल

भारत में पुनर्जागरण काल तथा महत्वपूर्ण खोज यात्री

विशेषकर यूरोपीय इतिहास में तेरहवीं शताब्दी से 17वीं शताब्दी के मध्य के समय को उत्तर मध्यकाल अथवा इस युग को तथ्य अन्वेषण युग भी कहा जाता है। इस काल में नए-नए मार्गो, द्बीपो की खोज हुई।

स्वतंत्रता, समानता, व्यक्तिवाद, मानवतावाद, तर्कवाद तथा वैज्ञानिक चेतना ने धार्मिक कट्टरपंथ को नियंत्रित करने का कार्य किया।

उस समय के विचारकों यथा रूसो, वॉल्टेयर,हाब्स,लाक आदि ने धार्मिक रुढ़ियो पर कड़ा प्रहार किया तथा मानव तर्क बुद्धि को प्रमुख माना। इस कारण ही इसे प्रबोधन या विवेक का काल भी कहा जाता है।

इस काल की प्रमुख विशिष्टताएं

जैसे:-

  • नए-नए परिवहन मार्गों की खोज ।
  • नए स्थानों की खोज।
  • सर्वेक्षण के यंत्रों का विकास
  • मानचित्र कला का विकास
  • ब्राह्मड़ रचना एवं संचालन से संबंधित दृष्टिकोण में परिवर्तन।
  • इस काल में हुए कुछ अविष्कारों एवं विचारों ने मानव के सोचने के तरीके को पूरी तरह से परिवर्तित कर दिया।

इस काल के प्रमुख विचारों

  • कॉपरनिकस का सूर्य केंद्रीय सिद्धांत
  • केप्लर के ग्रह गति का नियम
  • इनके अनुसार ग्रहों का परिक्रमण मंडलाकार होता है
  • न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम।

     कुछ प्रमुख आविष्कार

 मुद्रण, प्लेन टेबल (1590), दूरबीन (गैलीलियो 1709), पृथ्वी की गोलाभ आकृति।

पुनर्जागरण काल के प्रमुख खोज यात्री।

  • कोलंबस
  • वास्कोडिगामा
  • मार्को पोलो
  • मैगलन
  • थॉमस कुक
  • फ्रांसिस डेड
  • हडसन
  • तस्मान

मार्को पोलो

मार्कोपोलो तेरहवीं शताब्दी का महत्वपूर्ण खोज यात्री था। उसने मध्य एशिया, सोवियत रूस, वर्तमान चीन की यात्रा की। वहां कुछ साल रुकने के पश्चात वह सागर के रास्ते दक्षिणी पूर्वी एशिया, दक्षिण एशिया, अरब सागर तथा फारस की खाड़ी से होते हुए फारस तक की यात्रा की। वहां से यह अपने देश (वेनिस) लौट गया।

प्रमुख पुस्तकें- मार्कोपोलो की यात्राएं (travels of Marco Polo) , यह द मिलियन का अंग्रेजी अनुवाद है।, विभिन्न साहसों की पुस्तक

      कोलंबस

इन्होंने अमेरिका की (1492) खोज की। उल्लेखनीय है की पुर्तगाली यात्री अमेरिगो वेसपुसी(1500) के नाम पर नई दुनिया का नाम अमेरिका पड़ा।

कोलंबस पियरे द एली की पुस्तक इमेजियो मुंडी से काफी प्रभावित था।

स्पेन की सम्रागी इसाबेला की सहयोग से चार बार समुद्री यात्रा की।वह खोजने तो निकला था भारत को किंतु उसनेे दक्षिणी अमेरिका, उत्तरी अमेरिका तथा कैरेबियन सागर में अनेक स्थानों की खोज की।

वह मूलतः इटली का निवासी था। बाद में स्पेन जाकर बस गया।

वास्कोडिगामा

इन्होंने यूरोप से भारत जाने के लिए अफ्रीका होते हुए 1498 में एक समुद्री मार्ग की खोज की। यह पुर्तगाल निवासी था।

मैगलन

यह भी पुर्तगाली यात्री था। वह अटलांटिक महासागर से होते हुए मैगलन स्टेट के सहारे प्रशांत महासागर के द्वीप फिलीपींस पहुंचा।स्थानीय शासकों से विवाद होने के नाते उसकी मृत्यु हो जाती है लेकिन साथ में उसके चालक दल द्वारा पृथ्वी की संपूर्ण परिक्रमा पूरी की गई।

जेम्स कुक

यह 18 वीं सदी का प्रमुख खोज यात्री (ब्रिटेन) था। इसने तीन बार समुद्री यात्राएं की। प्रथम यात्रा में वह न्यूजीलैंड ऑस्ट्रेलिया होते हुए ब्रिटेन पहुंचा।

दूसरी यात्रा में वह अंटार्कटिका महाद्वीप के तटीय क्षेत्र मे पहुंचा।

तीसरी यात्रा में वह उत्तमाशा अंतरीप होते हुए न्यूजीलैंड पहुंचा वहां उसने प्रशांत महासागर में हवाई द्वीप की खोज की। उसने अपनी तीसरी यात्रा में ही उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तटों की विस्तृत खोज की।

तस्मान

तस्मान ने तस्मानिया द्वीप की खोज की।

हडसन

हडसन की खाड़ी की खोज हडसन ने की।

पुनर्जागरण कालीन प्रमुख भूगोलवेत्ता

  • पीटर एपीएन
  • गरहार्ड मरकेटर
  • क्लूवेरियस – प्रसिद्ध पुस्तक का नाम- introduction to universal geography यह प्रादेशिक भूगोल की आदर्श पुस्तक मानी जाती है।
  • सेवस्टियन मुस्टर- कॉस्मोग्राफी यूनिवर्सल की पुस्तक का नाम है।
  • वारेनियस – ज्योग्राफिया जेनेरलिस (सामान्य भूगोल) इनकी प्रसिद्ध पुस्तक है।इनकी इस पुस्तक में अध्ययन की क्रमबद्ध विधि का विस्तृत वर्णन किया गया है।
  • वारेनियस की पुस्तक में भूगोल को क्रमबद्ध और प्रादेशिक।
  • क्रमबद्ध भूगोल सामान्य भूगोल है।जबकि प्रादेशिक भूगोल को विशेष भूगोल का दर्जा दिया है उल्लेखनीय है कि आधुनिक भूगोल में अध्ययन की क्रमबद्ध विधि को वारेनियस द्वारा विस्तृत रूप से विश्लेषक किया गया है।

इमानुएल कांत

कांट 18वीं शताब्दी के प्रमुख दार्शनिक व भूगोल वेत्ता थे।उन्होंने भूगोल को धर्म के बंधन से स्वतंत्र कर सुदृढ़ वैज्ञानिक आधार प्रदान किया।

भौगोलिक चिंतन के इतिहास में इनकी प्रभावशाली भूमिका थी।इसलिए कुछ भूगोल विद भौगोलिक चिंतन को दो वर्गों में वर्गीकृत करते हैं।

1- कांट के पूर्व का काल

2- कांट के बाद का काल

  • उसे Armed chair geographer (दार्शनिक भूगोलवेत्ता) कहा जाता है।
  • कांट के विचार में भूगोल विज्ञान की तुलना में एक वर्णनात्मक विषय है। इसके लिए उन्होंने कोरोग्राफी शब्द का उपयोग किया।
  • कांट की रुचि मुख्यता भौतिक भूगोल के क्षेत्र में रहे हैं। उनके भाषणों के संकलन को भौतिक भूगोल के नाम से संग्रहित किया गया।

   कांट द्वारा भूगोल का वर्गीकरण

  • गणितीय भूगोल
  • नैतिक भूगोल
  • रणनीति भूगोल
  • वाणिज्यिक भूगोल
  • धर्म परख भूगोल

भूगोल में जर्मन का योगदान

जर्मनी भूगोल के अध्ययन की दृष्टि से अंग्रेजी देशों में था।हंबोल्ट रीटर तथा रैटजेल जैसे भूगोलवेत्ता जिन्हें अपने अध्ययन के माध्यम से भूगोल को धनी बनाया जर्मनी के ही थे।जर्मनी के भूगोल नेताओं के योगदान को भूगोल में शामिल किए बिना भूगोल विषय अधूरा हो जाएगा।

    प्रमुख भूगोल नेताओं जिनका भूगोल विषय में योगदान अनुकरणीय है वह अग्रलिखित हैं।

  • ऑस्कर पेशेल
  • रिच थोपन
  • फ्रेंडरिक रेटजेल
  • अलफ्रेड हैटनर
  • अल्फ्रेड फेंक
  • वाल्टर पेंक
  • कृस्टालर
  • बेवर
  • कार्ल

                 ऑस्कर पेशेल

  • दास आइसलैंड पत्रिका के संपादक

    पुस्तकें – 

  • age of Discovery
  • History of geography
  • Physical trade
  • Bolkar kunde

    फर्डीनण्ड वान रिच थोफन

  • चीन का भूगोल इनकी प्रमुख पुस्तक है।
  • उनके अनुसार भूगोल में भूतल के क्षेत्रीय भिन्नता ओं का अध्ययन होता है।

फ्रेडरिक रेटजेल

  • मानव भूगोल का पिता

प्रमुख पुस्तकें

  • एंथ्रोपॉजियोग्राफी-I. – नियत वादी विचारधारा का स्पष्ट प्रभाव।
  • एंथ्रोपॉजियोग्राफी – II  – संभववाद के तरफ रुझान।
  • राजनीतिक भूगोल
  • मानव जीवन का इतिहास ( बोल्कर कुंडे)

   अन्य तथ्य

  • भू राजनीति में लिवेंस राय ( रहने का स्थान) शब्द का उपयोग)
  • नियत वादी विचारधारा के समर्थक पार्थिव एकता के सिद्धांत का समर्थक।
  • राज्य का जैविक सिद्धांत का प्रतिपादन।
  • सांस्कृतिक भू दृश्य की संकल्पना को वैचारिक आधार प्रदान किया।

    अल्फ्रेड हेटनर

  • जियोग्राफी जाइशिफ्ट नामक प्रसिद्ध पत्रिका का संपादन
  • Geography of man नामक पुस्तक लिखी।

अल्ब्रेक्ट पेंक

    प्रसिद्ध पुस्तक –

  • Asia in the Ice age

           वाल्थर फेंक

  • अपरदन चक्र का सिद्धांत।

 वाल्टर क्रिस्टॉलर

  • केंद्रीय स्थल का सिद्धांत।

कार्ल हाउस होफर

  • भू राजनीतिक भूगोल को व्यापक एवं प्रभावशाली बनाया।

सूपन

  • सामान्य राजनीतिक भूगोल के मार्गदर्शक सिद्धांत नामक पुस्तक की रचना।
  • वेवर का औद्योगिक स्थिति सिद्धांत।
  • वांन थ्यूनैन का कृषि अवस्थी सिद्धांत।
  • परसा अगेन लैण्ड सॉफ्ट भूगोल का सर्वप्रथम प्रयोग किया।

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