12 June 2021 Current affairs

दिल्ली मास्टर प्लान 2041: प्रमुख क्षेत्र और चुनौतियाँ

हाल ही में, दिल्ली विकास प्राधिकरण ने ‘दिल्ली के लिए मास्टर प्लान-2041’ (Master Plan for Delhi 2041) के मसौदे को अपनी प्रारंभिक मंजूरी दे दी है। इस मास्टर प्लान के मसौदे को सार्वजनिक कर आम नागरिकों से आपत्ति और सुझाव आमंत्रित किए गए हैं, जिसके बाद इसे लागू किया जाएगा।

सबसे पहले, ‘मास्टर प्लान’ क्या होता है?

  • किसी भी शहर का मास्टर प्लान, शहर के योजनाकारों और इसकी जमीन पर स्वामित्व रखने वाली एजेंसीज के परिकल्पना दस्तावेज (Vision Document) की भांति होता है। यह भविष्य में शहर का विकास करने हेतु एक रूपरेखा होती है। इसमें, जनसंख्या, अर्थव्यवस्था, आवास, परिवहन, सामुदायिक सुविधाओं और भूमि उपयोग को ध्यान में रखते हुए विश्लेषण, सिफारिशें और प्रस्ताव शामिल होते हैं।

दिल्ली मास्टर प्लान- 2041’ क्या है?

  • ‘दिल्ली मास्टर प्लान- 2041’ का उद्देश्य, दिल्ली को वर्ष 2041 तक एक संवहनीय, निवास योग्य और जीवंत बनाने हेतु तैयार करना है।
  • आवास क्षेत्र: आवास क्षेत्र के लिए इस मसौदे में, बड़ी संख्या में प्रवासी आबादी को ध्यान में रखते हुए, निजी क्षेत्र और सरकारी एजेंसियों अधिक निवेश करने के लिए आमंत्रित करके, किराए के आवासों को प्रोत्साहित करने की बात की गई है।
  • ‘उपयोगकर्ता भुगतान‘ सिद्धांत (‘User pays’ principle): पार्किंग की समस्याओं को दूर करने के लिए, मसौदे में ‘उपयोगकर्ता भुगतान’ सिद्धांत का सुझाव दिया गया है, जिसका अर्थ है कि गैर-मोटर चालित वाहनों को छोड़कर, सभी निजी मोटर वाहनों के उपयोगकर्ताओं को अधिकृत पार्किंग सुविधाओं, स्थानों और सड़कों के लिए भुगतान करना होगा।
  • इसका उद्देश्य, सार्वजनिक परिवहन को हरित ईंधन में परिवर्तित करना और आवागमन-उन्मुख विकास (Transit-Oriented Development – TOD) के बहु-उपयोग मॉडल को अपनाते हुए, प्रमुख रणनीतियों के माध्यम से वाहनों के प्रदूषण को कम करना है।
  • मसौदा में यमुना नदी के निकट ‘बफर जोन’ की स्पष्ट सीमा निर्धारित की गई है- शहर में प्रवाहित होने वाली नदी के किनारों पर, जहां भी संभव हो, 300 मीटर की चौड़ाई का ‘बफर जोन’ बनाया जाएगा।

महामारी के मद्देनजर प्रस्तावित बदलाव:

  • इसका उद्देश्य आपात स्थिति के दौरान, आश्रय स्थल, सामूहिक रसोई और संगरोध हेतु स्थान (Quarantine Space) उपलब्ध कराने हेतु सामूहिक सामुदायिक स्थलों को विकसित करना है।
  • रात्री-कालीन अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए, सांस्कृतिक उत्सवों, बसों में मनोरंजन, मेट्रो, खेल सुविधाओं और खुदरा स्टोरों पर केंद्रित योजनाओं को, दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की नाइट लाइफ सर्किट योजना में शामिल किया गया है।
  • इसमें, यांत्रिक वातायन-व्यवस्था (mechanical ventilation systems) पर निर्भरता कम करने हेतु, विकेन्द्रीकृत कार्यक्षेत्रों, अनिवार्यतः खुले क्षेत्रों का निर्माण, बेहतर आवास योजनाएं और हरित-प्रमाणिक विकास के माध्यम से, वायुवाहित महामारी (airborne epidemics) के प्रति संवेदनशीलता कम करने का भी प्रस्ताव किया गया है।

कार्यान्वयन में चुनौतियां:

1.राजनीतिक दलों से टकराव
2.संसाधनों और धन की कमी
3.विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार
4.राजनीतिक और नौकरशाही 5.इच्छाशक्ति की कमी और 6.एजेंसियों की अधिकता

हिंदूकुश पर्वत

U.N.D.P के अनुसार हिंदू कुश हिमालय ( HKH) वर्ष 2100 तक अपनी 2/ 3 बर्फ से विहीन हो सकती है।

कारण

  • पर्यावरणीय तंत्र में मानवीय हस्तक्षेप।
  • औद्योगिकीकरण तथा नगरीकरण
  • कृषि का अवैज्ञानिक तरीका।
  • थर्मल पावर प्लांट का प्रयोग।

खतरा

  • हिमालय परितंत्र पर संकट
  • नदियों/समुद्र में जल स्तर का बढ़ना।
  • द्वीपों के डूबने की आशंका।
  • नदी तथा महासागरीय इकोसिस्टम पर खतरा।

अनुसंशाये

  • G.H.G का शुद्ध – शून्य उत्सर्जन
  • कृषि पद्धतियों में बदलाव
  • ऊर्जा तथा परिवहन के लिए जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता घटना।
  • black carbon के उत्सर्जन को कम करना।

भारतीय पहल

  • जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना।
  • peris Agreement के प्रति प्रतिबद्ध।
  • one nation one gas grid.
  • I.S.A.

नागालैंड में नागा मुद्दों के समाधान हेतु समिति का गठन

नागा राजनीतिक मुद्दों का संक्षिप्त इतिहास

स्वतंत्रता पूर्व

  • अंग्रेजों ने 1826 में असम पर कब्जा किया और 1881 में नागा हिल्स भी ब्रिटिश भारत का हिस्सा बन गई।
  • नागा विद्रोह का पहला संकेत वर्ष 1918 में नागा क्लब के गठन में देखा जाता है। इसके सदस्यों ने 1929 में साइमन कमीशन को नागा पहाड़ियों से निकल जाने को कहा था।
  • वर्ष 1946 में नागा नेशनल काउंसिल ( NNC) का गठन हुआ, जिसमें 14 अगस्त 1947 को नागालैंड को एक स्वतंत्र राज्य घोषित कर दिया।
  • नागा नेशनल काउंसिल ने संप्रभु नागा राज्य स्थापित करने का संकल्प लिया और वर्ष 1951 में एक जनमत संग्रह कराया जिसमें 99% ने एक स्वतंत्र नागालैंड के पक्ष में मतदान किया।

स्वतंत्रता पश्चात

  • 22 मार्च 1952 को एक भूमिगत नागा फेडरल गवर्नमेंट ( NFG) और नागा फेडरल आर्मी (NFA) का गठन किया गया। भारत सरकार ने विद्रोह कुचलने के लिए सेना भेजी तथा वर्ष 1958 में सरकार सशस्त्र बल ( विशेष अधिकार ) अधिनियम बनाया गया।

इस संबंध में समझौता

  • 1997 में नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल आफ नागालैंड ( NSCN -1M) द्वारा केंद्र सरकार के साथ एक युद्ध विराम समझौता किया गया और उस समय से दोनों के बीच वार्ता जारी है।
  • इसके अलावा वर्ष 2017 से सात अलग-अलग नागा राष्ट्रीय राजनीतिक समूहों (Naga National Political group- NNPGS) के एक समूह का भी केंद्र के साथ वार्ता चल रही है।
  • 2015 में केंद्र सरकार और NSCN (1M) के बीच एक फ्रेमवर्क समझौता पर हस्ताक्षर किए गए तथा वर्ष 2017 में केंद्र ने NNPG के साथ एक सहमत स्थिति पर हस्ताक्षर किए।
  • हालांकि NSCN (1M) द्वारा अलग नागा ध्वज और संविधान की मांग किए जाने की वजह से काफी लंबे समय से लंबित नागा राजनीतिक मुद्दों पर अंतिम समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की देर हो रही है।

भारत में फास्ट ट्रैकिंग फ्रेंट : नीति आयोग

चर्चा में क्यों
नीति आयोग तथा रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट ( R.M.I.) की नई रिपोर्ट भारत फास्ट ट्रैकिंग फ्रेट , स्वच्छ एवं लागत प्रभावी माल परिवहन के लिए रोड मैप लांच की।
• R.M.I. – 1982 में स्थापित एक N.G.O है।

उद्देश्य – माग, ढुलाई की बढ़ती मांग के लिए स्वच्छ एवं लागत प्रभावी माल परिवहन।

भारत की पहल

• डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर ( D.F.C)
• फेम योजना
• भारत स्टेज – VI मानदंड
• कारपोरेट औसत ईंधन दक्षता (CAFE) विनियमन।
• fast tag, R.F.I.D के साथ E-way Bill एकीकरण।

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ( FSSAI)

FSSAI ने खाद्य व्यवसाय संचालकों के लिए 1 अक्टूबर से भुगतान रसीद हो या खरीद बिल पर FSSAI लाइसेंस या पंजीकरण संख्या का उल्लेख करना अनिवार्य किया है।

FSSAI के बारे में

  • यह खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम , 2006 ( FSS अधिनियम) के तहत स्थापित एक स्वायत्त वैधानिक निकाय है।
  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत।
  • किसी भी खाद्य संबंधित व्यवसाय के लिए FSSAI की अनुमति से प्रमाण पत्र और लाइसेंस हासिल करना आवश्यक होता है।

पक्के टाइगर रिजर्व

  • पूर्वी हिमालय जैव विविधता हॉटस्पॉट के अंतर्गत आने वाले इस टाइगर रिजर्व को ‘पाखुई टाइगर रिजर्व ‘ के नाम से भी जाना जाता है।
  • इसको अपने हार्नबील नेस्ट एडाॅप्शन प्रोग्राम ( hornbill next adaptation programme) के लिए संकटग्रस्त प्रजातियों के संरक्षण की श्रेणी में भारत जैव विविधता पुरस्कार 2016 प्रदान किया गया था।
  • इस टाइगर रिजर्व के पश्चिम और उत्तर में भरेली या कामेंग नदी और पूर्व में पक्के नदी बहती हैं तथा इसी क्षेत्र में बहने वाली प्रमुख बारहमासी नदियां नामेरी,खारी और ऊपरी डिकरोई है।

अटलांटिक चार्टर

  • अटलांटिक चार्टर, USA और ब्रिटेन द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध ( 1939-45) के दौरान जारी एक संयुक्त घोषणा पत्र था , जिसमें युद्ध के पश्चात विश्व के लिए एक दृष्टिकोण निर्धारित किया गया था।
  • इस घोषणापत्र को सर्वप्रथम 14 अगस्त 1941 को जारी किया गया था, बाद में 26 मित्र राष्ट्रों ने जनवरी 1942 तक अपना समर्थन देने का वादा किया था।
  • किसी राष्ट्र को अपनी सरकार चुनने का अधिकार व्यापार प्रतिबंधों में ढील और युद्ध के पश्चात निरस्त्रीकरण का अधिवचन इसके प्रमुख बिंदु में शामिल थे।

प्रमुख बिंदु

  • अटलांटिक चार्टर में आठ सामूहिक सिद्धांत शामिल किए गए थे।
  • यूएसए और ब्रिटेन द्वारा विश्वयुद्ध से कोई भी क्षेत्रीय लाभ नहीं उठाने पर सहमति तथा नागरिकों की इच्छा के विरुद्ध किए जाने वाले क्षेत्रीय परिवर्तन का विरोध किया।
  • जिन राष्ट्रों पर युद्ध के दौरान कब्जा हो गया था, उनकी सरकार गिर गई थी। के लिए अपनी सरकार बनाने के लिए सहायता करना।
  • अटलांटिक चार्टर को 1947 में गठित संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण माना जाता है।

सेना में महिलाएं

सेना ,वायु सेना और नौसेना ने वर्ष 1992 में महिलाओं को शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारियों के रूप में शामिल किया गया है।
यह पहली बार था जब महिलाओं को मेडिकल स्ट्रीम के बाहर सेना में शामिल होने की अनुमति दी गई थी।
तथ्य

  • वर्ष 2020 में सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को सेना की गैर लड़ाकू सहायता इकाइयों में महिला अधिकारियों को अनेक पुरुषों समकक्षों के समान स्थाई कमीशन देने का आदेश दिया था।
  • वर्ष 2021 के प्रारंभ में भारतीय नौसेना ने लगभग 25 वर्षों के अंतराल के बाद 4 महिला अधिकारियों को युद्धपोत पर तैनात किया ।
  • मई 2021 में सेना ने कोर आफ मिलिट्री पुलिस में महिलाओं के पहले बैच को शामिल किया, यह पहली बार था जब महिलाएं गैर अधिकारी कैडर में सेना में शामिल हैं।

लाभ

• लैंगिकता बाधक नहीं
• सैन्य तैयारी
• प्रभावशीलता
• परंपराओं को बदलने की आवश्यकता आदि।

 टीम रूद्रा

मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs ) 

अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता) 

डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या 

अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर) 

योगराज पटेल (VDO)- 

अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )

प्रशांत यादव – प्रतियोगी – 

कृष्ण कुमार (kvs -t ) 

अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)

 मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)

अश्वनी सिंह – प्रतियोगी

प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।

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