वितरणात्मक भूगोल

वितरणात्मक भूगोल

भौगोलिक चरो के वितरण प्रतिरूप का अध्ययन भूगोल के अध्ययन का एक प्रमुख विषय वस्तु है। वितरण प्रतिरूप को स्पष्ट करने के लिए विभिन्न भौगोलिक तथ्यों का कालिक व स्थानिक अध्ययन किया जाता है।



कालिक अध्ययन के अंतर्गत हम भौगोलिक तथ्यो यथा जनसंख्या जलवायु आदि तत्वों का अध्ययन कालिक दृष्टिकोण से करते हैं। इस तरह कालिक अध्ययन के अंतर्गत मानव तथा भौतिक भूगोल दोनों के प्रमुख विषय वस्तु का अध्ययन किया जाता हैं। स्थानिक वितरण भी भौगोलिक वितरण का एक प्रमुख पक्ष है । स्थानिक वितरण का संबंध मुख्य रूप से प्रदेश से होता है जिसके अंतर्गत भौगोलिक तथ्यों के क्षैतिज और लंबवत वितरण का अध्ययन किया जाता है । क्षैतिज वितरण के अंतर्गत भौगोलिक तथ्यों का कटिबंधीय एवं देशांतरीय अध्ययन करते हैं । जैसे जलवायु के विभिन्न तत्वों का अध्ययन हम कटिबंधीय एवं देशांतरीय दृष्टिकोण से विश्लेषण करते हैं।


इस तरह जलवायु के विभिन्न तत्वों का हम देशांतरीय ( जैसे- सम विसंगत तापमान ) दृष्टिकोण सेेे अध्ययन करते हैं।
लवणता का ऊर्ध्वाधर वितरण ,जलवायु विज्ञान की सामान्य ताप ह्रास दर की संकल्पना ( normal lapse rate ) का संबंध लंबवत वितरण से ही है। इस तरह भूगोल के वितरण प्रतिरूप संबंधित आयाम अध्ययन का एक प्रमुख केंद्रीय विषय वस्तु है। भूगोल में वितरण प्रतिरूप की केंद्रीय स्थिति होने के कारण भूगोल को वितरण भूगोल तथा वितरण विज्ञान भी कहा जाता है।
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