पाकिस्तान का नया मानचित्र
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, सरक्रीक और जूनागढ़ को शामिल करते हुए एक नए राजनीतिक मानचित्र का अनावरण किया है।
प्रमुख बिंदु
- मानचित्र में पूरे जम्मू कश्मीर क्षेत्र को विवादित क्षेत्र के रूप में दर्शाया गया है तथा यह कश्मीर के पूर्व में कोई सीमा नहीं दर्शाता है।
- इस्लामाबाद में कश्मीर राजमार्ग का नाम बदलकर श्रीनगर राजमार्ग दर्शाया गया।
- नक्शे में संघीय रूप से प्रशासित जनजातीय क्षेत्र (Federal Administered Tribal Areas- FATA) को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के हिस्से के रूप में भी दिखाया गया है।
भारत की प्रतिक्रिया
- भारत में इसे ‘राजनीतिक गैर-बराबरी की एक कवायद करार’ दिया है और इन दावों की न तो कोई कानूनी वैधता है और न ही अंतरराष्ट्रीय विश्वसनीयता है,यह कहते हुए मानचित्र को खारिज कर दिया।
भारत के लिए चिंता
- हाल ही में नेपाल ने ‘कालापानी क्षेत्र’ पर दावा करते हुए इसे अपने मानचित्र में शामिल किया।
- नेपाल व पाकिस्तान की चीन के साथ निकटता।
- चीन ने हाल ही में पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ अपने पक्ष में यथास्थिति बदल दी।
सरक्रीक लाइन
- यह कक्ष के रण में भारत और पाकिस्तान के मध्य विवादित जल की 96 किलोमीटर लंबी पट्टी है।
- पाकिस्तान मुंबई सरकार संकल्प 1914 (सिंध सरकार और कक्ष के राव महाराज के बीच) के अनुसार अपना दावा पेश करता है जबकि भारत ‘थालवेग सिद्धांत’ के अनुसार इस हिस्से को दोनों देशों के मध्य विभाजित करने का दावा करता है।
- भारत व पाकिस्तान के बीच सरक्रीक क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा और अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा को सीमांकित नहीं किया गया ।
- सियाचिन ग्लेशियर पूर्वी काराकोरम श्रेणी में स्थित है। यह दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है।
आगे की राह
- पिछले 1 वर्ष से पाकिस्तान द्वारा जम्मू कश्मीर का मुद्दा कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया गया जिसे व्यापक समर्थन नहीं मिला।
- नेपाल के साथ विवाद, श्रीलंका का चीन की ओर झुकाव, बांग्लादेश के साथ नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पर विवाद, ईरान की चाबहार रेलवे लिंक परियोजना से बाहर हो जाना, भारत के प्रभाव क्षेत्र (पड़ोस व विस्तारित पड़ोस) मेंं सापेक्ष गिरावट दर्शाता है। यह विदेश नीति की गहन परीक्षा की मांग करता है।
ONORC ( one nation one ration card)
चर्चा में – मणिपुर, नागालैंड,U.K तथा जम्मू कश्मीर (केंद्र शासित प्रदेश) आदि राज्यों में ONORC लागू किया गया।
प्रमुख बिंदु – अब तक 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लागू। शेष में 2021 तक लागू करने का लक्ष्य।
ONORC योजना – 2019
- अंतर्राज्यीय पोर्टविलिटी की सुविधा प्रदान करने हेतु।
- National food security act (NFSA) के तहत आरंभ किया गया।
- इसे वर्तमान में 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 65 करोड़ लोग शामिल।
ONORC का लाभ
- पारदर्शिता, पहचान
- खाद्य सुरक्षा
- सतत विकास लक्ष्य – SDG-2
योजना के कार्यान्वयन से जुड़े मुद्दे
- राशन का वितरण
- लॉजिस्टिक
- आंकड़ों की कमी
सुझाव
- असंगठित क्षेत्र के सामाजिक सुरक्षा अधिनियम -2008 के अंतर्गत प्राप्त आंकड़ों का उपयोग किया जा सकता है।
- e-commerce platform का उपयोग
- फुलप्रूफ फूड कूपन सिस्टम या DBT को बेहतर विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
कोविड-19 तथा विटामिन-D की कमी
चर्चा में
- विटामिन-D की कमी वाले उच्च जोखिम रोगी उच्च जोखिम (कोविड-19) क्षेत्र में
प्रमुख बिंदु
- उष्णकटिबंधीय देश होने के बावजूद भारतीय विटामिन-D की कमी से पीड़ित।
- विटामिन-D शरीर द्वारा कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है।
- अधिकतम दुग्ध उत्पादक देश होने के बावजूद भारतीयों में कैल्शियम की कमी देखी जा रही है।
सरकारी पहल
- मध्याह्न भोजन योजना
- एकीकृत बाल विकास योजना
- बायोफोर्टिफिकेशन
सुझाव
- मिड डे मील में और पोषक तत्वों के समावेश की आवश्यकता
- समुद्री शैवाल पोषक तत्व के रूप में
- धूप में खड़ा किया जाना
- व्यायाम
RBI की मौद्रिक नीति की समीक्षा
चर्चा में
- मौद्रिक नीति की बैठक में RBI ने मौद्रिक नीतिगत दरों को यथावत बनाए रखने का निर्णय लिया है।
प्रमुख बिंदु
- रेपो दर- 4%
- बैंक दर- 4.25%
- सीमांत स्थाई सुविधा दर (MSFR)- 4.25%
- आयात में कमी
• विदेशी मुद्रा भंडार- 536.6 मिलियन डॉलर
• वास्तविक GDP में कमी की संभावना
• मांग के बुरे तरह प्रभावित होने की संभावना
उच्च आवृत्ति वाले आर्थिक संकेतक में सुधार के लक्षण किंतु पुनः महामारी के संक्रमण बढ़ने से आर्थिक संकेतको में देखा गया सुधार समाप्त हो गया।
प्रमुख शब्दावली
- उच्च आवृत्ति वाले आर्थिक संकेतक में नीति निर्माताओं को उन आर्थिक गतिविधियों से संबंधित जानकारी देते हैं जिसके आधार पर वार्षिक व तिमाही GDP का अनुमान लगाया जाता है।
रेपो दर
- RBI बैंकों को LAF के तहत तरलता की सुविधा प्रदान करता है (अल्पकालिक)
रिवर्स रेपो दर
- RBI LAF (Liquidity Adjustment Facility) के तहत तरलता अवशोषित करता है (अल्पकालिक)
सीमांत स्थायी सुविधा (MSF)
- इसके माध्यम से वाणिज्यिक बैंक अपनी SLR पोर्टफोलियो मैं एक निश्चित सीमा तक कमी कर अल्पकालिक रूप में अतिरिक्त राशि उधार ले सकते हैं।
बैंक दर
- RBI द्वारा इस दर पर अन्य बैंकों को उधार दिया जाता है। इसे MSF से संरेखित कर दिया गया है।
CRR
- बैंकों को कुल नकद रिजर्व का एक हिस्सा RBI के पास रखना होता है।
SLR
- शुद्ध मांग एवं समय देयताओं (NDTTL) का एक हिस्सा बैंकों को स्वयं सुरक्षित रखना पड़ता है।
खुले बाजार की क्रियाएं
- RBI द्वारा प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री
बाजार स्थिरीकरण योजना
- इसके माध्यम से लघु दिनाकिंत सरकारी प्रतिभूतियों एवं ट्रेजरी बिल की बिक्री के माध्यम से तरलता को अवशोषित किया जाता है।
मौद्रिक नीति समिति (MPC)
- 2016 में गठन भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम- 1934 के तहत किया गया है।
- MPC के 6 सदस्यों में 3 RBI से तथा RBI का गवर्नर MPC का भी चेयरमैन होता है।
EWS आरक्षण की संविधान पीठ में सुनवाई
- सर्वोच्च न्यायालय को यह तय करना था कि EWS के लिए आरक्षण की वैधता से संबंधित इस मामले को संविधान पीठ के समक्ष भेजा जाए अथवा नहीं।
- हाल ही में मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ ने यह भी आदेश दिया कि इस मुद्दे पर विभिन्न उच्च न्यायालयों के समक्ष लंबित याचिकाओं को भी पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ को हस्तानांतरित की जाए।
याचिकाकर्ता के तर्क
- 103 वां संविधान संशोधन और स्पष्ट तौर पर आधिकातीत (Ultra Vires) है, क्योंकि यह संविधान के मूल ढांचे में बदलाव करता है।
- 1992 में इंदिरा साहनी बनाम भारत संघ मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के विपरीत है।
- यह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लागू की गई 50% की सीमा का उल्लंघन करता है। ध्यातव्य है कि SC, ST और OBC वर्ग को पहले से ही क्रमश: 15%, 7.5% और 27% की दर से आरक्षण दिया जा चुका है।
सरकार का पक्ष
- EWS के सामाजिक उत्थान के लिए आरक्षण जरूरी है, क्योंकि इस वर्ग को मौजूद आरक्षण प्रावधानों का लाभ नहीं मिलता।
- EWS आरक्षण का उद्देश्य लगभग 200 मिलियन लोगों का उत्थान करता है, जो अभी भी गरीबी रेखा से नीचे हैं।
103 वां संविधान संशोधन
- इसके तहत संविधान में अनुच्छेद 15 (6) और 16 (6) को सम्मिलित किया गया।
NOTE
- संविधान के अनुच्छेद 145 (3) के अनुसार संविधान की व्याख्या के रूप में यदि विधि का कोई सारवान प्रश्न चिन्हित हो तो उसका विनिश्चय अनुच्छेद 145 के अधीन मामलों की सुनवाई के प्रयोजन के लिए संविधान पीठ का गठन किया जाएगा जिसमें कम से कम 5 न्यायाधीश होंगे।
भूजल के व्यवसायिक उपयोग हेतु NGT द्वारा कड़ी शर्तें
चर्चा में क्यों – केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (CGWA) द्वारा वर्ष 2018 एवं 2020 द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देश को NGT (National green tribunal) द्वारा रद्द कर दिया गया।
निर्धारित शर्तें
- भूजल निकासी हेतु परमिट जारी करने की प्रक्रिया में व्यापक परिवर्तन।
- बिना EIA वाले व्यावसायिक इकाइयों पर विशेष रूप से प्रतिबंध।
- डिजिटल प्रवाह मीटर के माध्यम से निगरानी
- तीसरे पक्ष द्वारा आडिट
- जल मानचित्रण करना उन इकाइयों के लिए अनिवार्य होगा जो आतिशोषित क्षेत्रों में स्थित है।
- अतिशोषित क्षेत्रों के लिए जल प्रबंधन योजना बनाने के लिए 3 माह की समयावधि निर्धारित।
इन शर्तों की आवश्यकता
- 23 वर्षों में जल स्तर में सुधार नहीं।
- जल गुणवत्ता सूचकांक में भारत 120 स्थान पर।
ब्रू शरणार्थी
हाल ही में विस्थापित ब्रू समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले 3 संगठनों ने संयुक्त आंदोलन समिति (JMC) द्वारा त्रिपुरा में ब्रू समुदाय के पुनर्वास हेतु प्रस्तावित अवसरों को खारिज कर दिया है। JMC गैर-ब्रू-समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाला एक संगठन है।
प्रमुख बिंदु
- ब्रू प्रतिनिधियों का तर्क है कि इस समुदाय के लिए प्रस्तावित स्थलों के चयन में कंचनपुर नागरिक सुरक्षा मंच व JMC का हस्तक्षेप पूरी तरह अनुचित है क्योंकि वह नेता ना तो चतुर्पक्षीय समझौते के हस्ताक्षरकर्ता थे न ही उनकी कोई भागीदारी थी।
- इसके अलावा उनका कहना है कि JMC द्वारा प्रस्तावित स्थल सड़क व बिजली जैसी सुविधाओं से असंबंध है तथा अस्पताल, स्कूल एवं अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं है।
पृष्ठभूमि
- 16 जनवरी 2020 को केंद्र सरकार, त्रिपुरा व मिजोरम की राज्य सरकारों व ब्रू समुदाय के प्रतिनिधियों के मध्य ब्रू शरणार्थियों से जुड़ा एक चतुर्पक्षीय समझौता हुआ था।
- इस समझौते के अनुसार, 34000 ब्रू – शरणार्थियों को त्रिपुरा में ही बसाया जाएगा, साथ ही उन्हें सीधे सरकारी तंत्र से जोड़कर राशन, यातायात, शिक्षा आदि प्रदान कर उनका पुनर्वास किया जाएगा।
- ब्रू-समुदाय भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र का एक जनजातीय समूह है। इस समुदाय के लोग झूम कृषि से जुड़े रहे हैं।
- ये स्वयं को म्यामार का मूल निवासी मानता है । तथा सदियों पहले म्यांमार से आकर मिजोरम में बस गए थे।
- त्रिपुरा में ब्रू-समुदाय को रियांग के नाम से जाना जाता है।
- इस समुदाय के लोग ब्रू -भाषा बोलते हैं, वर्तमान में इस भाषा की कोई लिपि नहीं है।
- इस समुदाय के अंतर्गत 12 उप जातियां हैं।
- इस समुदाय के लोग पूर्वोत्तर के कई राज्यों में रहते हैं परंतु इस समुदाय की सबसे बड़ी आबादी मिजोरम के मामित व कोलासिब जिलों में पाई जाती है।
एक्सोप्लानेट TVLM5236
- पहली बार खगोलविदों ने रेडियो तरंगों और वोब्ली तारें (wobbly star) का उपयोग करके इसका पता।
- नया एक्सोप्लानेट शनि के द्रव्यमान के बराबर है। जिसकी कक्षा बुध ग्रह की कक्षा के समरूप है।
- यह बहुत छोटा, लाल बौना है, पृथ्वी से 35 प्रकाश वर्ष दूर है।
नोट – वोब्ले (wobbly) – जब कोई बड़ा ग्रह किसी तारे की परिक्रमा करता है तो तारे में उत्पन्न होने वाला wobbly , ग्रह और तारे के बीच दूरी बढ़ने के साथ बढ़ता जाता है। wobbly की मात्रा ग्रह के आकार के समानुपाती होती है।
चावल की पोक्कली किस्म
- चावल की पोक्कली (pokkali) किस्म “ खारे जल के प्रतिरोध के लिए” जानी जाती है जिसकी पैदावार केरल के तटीय जिले – अलप्पुझा, एर्नाकुलम, त्रिशूर में की जाती है।
- 20 मई 2020 को पश्चिम बंगाल में अम्फान चक्रवात आने से दक्षिण 24 परगना जिला में खारे जल के भर जाने से चावल की पोक्कली किस्म (वाइटिला-11) की रोपाई हो रही है।
आयरलैंड में आयरलैंड का डाटा सेंटर
- लघु वीडियो साझा करण ऐप टिक टॉक 500 मिलियन डॉलर की लागत से आयरलैंड में अपना पहला यूरोपियन डाटा सेंटर शुरू करने की योजना बना रहा है।
मनोज सिन्हा
- जम्मू और कश्मीर के नए उपराज्यपाल नियुक्त किए गए जो गिरीश चंद्र मुर्मू का स्थान लेंगे।
शशिधर जगदीशन
- HDFC बैंक के नए MD और CEO नियुक्त किए गए जो आदित्य पुरी का स्थान लेंगे
- वर्तमान में बैंक के समूह प्रमुख के तौर पर कार्य कर रहे हैं।
Team rudra
Abhishek Kumar Verma
Amarpal Verma
Krishna
Yograj Patel
anil Kumar Verma
Rajeev Kumar Pandey
Prashant Yadav
Dr.Sant lal
Sujata Singh
Geography team mppg college ratanpura mau
- Surjit Gupta
- Saty Prakash Gupta
- Shubham Singh
- Akhilesh Kumar
- Sujit Kumar Prajapti