हुल दिवस (Hul divas)
- प्रतिवर्ष 30 जून को हुल क्रांति दिवस मनाया जाता है।
- 30 जून 1855 को वर्तमान झारखंड के साहेबगंज जिले के भगनाडीह गांव से सिद्धू तथा कान्हु दो भाइयों ने इस हुल विद्रोह का प्रारंभ किया था।
- इसी मौके पर सिद्धू ने “करो या मरो”अंग्रेजों हमारी माटी छोड़ो” का नारा दिया।
- इसे अंग्रेजो के खिलाफ पहली लड़ाई माना जाता है।
राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान अकादमी
- 21 अप्रैल 1961 को “भारतीय चिकित्सा विज्ञान अकादमी” को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम-21(1860) के तहत पंजीकृत किया गया
- इसके तहत वैज्ञानिक, शैक्षणिक, धर्मार्थ एवं कल्याणार्थ हेतु निर्मित समितियों का पंजीकरण व नवीनीकरण किया जाता है।
- इसका विधिवत उद्घाटन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 19 दिसंबर 1961 को किया।
NADA APP (नाडा ऐप)
- नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी ने हाल ही में एक मोबाइल एप लांच किया है जिसका उद्देश्य खिलाड़ियों को खेल निषिद्ध पदार्थों व डोप टेस्ट से संबंधित विभिन्न पहलुओं की जानकारी देना है।
- इसे केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने लांच किया है।
- NADA की स्थापना सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860के तहत वर्ष 2005 में की गई।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र
- इसकी स्थापना 1987 में संस्कृति मंत्रालय के अधीन की गई है।
- यह कला विशेष रूप से लिखित, मौखिक और दृश्यात्मक स्रोत सामग्रियों के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में कार्य करता है।
- हाल ही में इसमें देशभर के उन कलाकारों को रेखांकित करने की घोषणा की गई है जो कोविड-19 महामारी के दौरान आम लोगों का मनोबल बढ़ाते हुए silent covid Warrior या मूक कॉविड योद्धा के रूप में कार्य किया।
अराकान सेना
- म्यामार का एक आतंकी संगठन है। हाल ही में चीन ने इस आतंकवादी समूह को हथियारों की आपूर्ति की है।
प्लाज्मा बैंक
- हाल ही में दिल्ली सरकार द्वारा इसकी शुरुआत की गई है।
- रक्त में प्लाज्मा का 55 % हिस्सा होता है।
- प्लाज्मा के प्रमुख संगठन तत्व-जल, प्रोटीन, लवण, हार्मोन व ग्लूकोज
व्लादीमीर पुतिन
- यह रूस के वर्तमान राष्ट्रपति हैं ।
- हाल ही में वहां के नागरिकों ने उन्हें 2036 तक राष्ट्रपति बने रहने के पक्ष में मतदान किया।
FAME-2.0-(फेम 2.0)
- योजना इलेक्ट्रिक व हाइब्रिड वाहन को बढ़ावा देने से संबंधित है।
- इसका प्रारंभ FICCI के द्वारा किया गया है।
डिजिटल सेवाओं में सुधार का समय
संदर्भ-
- डिजिटलीकरण में इंटरनेट का महत्व
- अर्थव्यवस्था एवं डिजिटल इंडिया
- डिजिटल भारत के समक्ष चुनौतिया
- डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने में सरकार के प्रयास
संदर्भ–
- डिजिटलीकरण के दौर में इंटरनेट संचार एवं सूचना प्राप्ति का अत्यंत महत्वपूर्ण साधन है।जैसे कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरन प्रभावित लोगों तक प्रशासनिक मदद और खाद्य सामग्री पहुंचाने का कार्य प्रभावी रूप से डिजिटल माध्यम द्वारा किया जा रहा है।
- डिजिटल सेवाएं 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हो गई है ।जब राष्ट्रीय या वैश्विक आपात स्थिति में वाणिज्य के पारंपरिक तरीके बाधित होते हैं तब डिजिटल सेवाएं निर्मित हुए ऐसे अंतराल को भरने में सफल रही हैं।डिजिटल सेवाएं कई क्षेत्रों में विभिन्न प्रभार के उत्पादों की पहुंच और वितरण को सक्षम बनाती है जैसे स्वास्थ्य ,खुदरा वितरण, वित्तीय सेवाएं आदि।
डिजिटलीकरण मे इंटरनेट का महत्त्व_-
- इंटरनेट संचार को आसान और सुविधाजनक बना दिया है।
- Tale- education
- Tele -medicine
- Defence के क्षेत्र में
- सूचना तक आसान पहुंच से आम लोग अपने अधिकारो के प्रति जागरूक हुए हैं।
- सभी सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराने से सरकार की लागत में कमी
• सरकार की जवाबदेही व पारदर्शिता बढ़ती है।
• सरकारी योजनाओं के सफल कार्यान्वयन में सहायक
- राजनीति व लोकतंत्र में नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने में मदद
- टैक्स चोरी व भ्रष्टाचार में कमी
अर्थव्यवस्था एवं डिजिटल इंडिया-इस लक्ष्य की प्राप्ति कोविड-19 के कारण आने वाली बाधाओं को डिजिटल सेवाओं में वृद्धि कर दूर किया जा सकता है।
विमुद्रीकरण के बाद सरकार द्वारा डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जा रहा है ।
डिजिटल इंडिया, ई गवर्नेंस तेजी से लागू
डिजिटल सेवाओं के उपयोग हेतु जागरूकता में वृद्धि।
डिजिटल भारत के समक्ष चुनौतियां-
- एसोचैम के अनुसार, नीतियों में अस्पष्टता व ढांचागत कठिनाइयों के चलते महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया परियोजना के सफल क्रियान्वयन में अनेक चुनौतियां है। जैसे-बार-बार नेटवर्क कनेक्टिविटी का टूट जाना, सर्वर का ठप हो जाना।
- भारत को बेहतर कनेक्टिविटी के 80 लाख से अधिक वाईफाई हॉटस्पॉट की जरूरत होगी,जबकि इनकी उपलब्धता बहुत कम है।
- डिजिटल निरक्षरता व जागरूकता का अभाव
- Taxation व अन्य नियामकों की दिशा निर्देशों से जुड़े कुछ मुद्दे।
- FDI नीति में स्पष्टता का अभाव जिसने ई-कॉमर्स सेक्टर को प्रभावित किया है।
- नीतिगत ढांचे में अस्पष्टता के कारण उबर और ओला जैसे परिवहन सेवा कंपनियों का बार-बार स्थानीय सरकारों से विवाद।
- भारत का मौजूदा IT कानून साइबर अपराधों को रोकने में बहुत प्रभावी नहीं है।
NOTE- ATM की क्लोनिंग, बैंक अकाउंट का हैक हो जाना, डाटा चोरी और गोपनीय जानकारी का लीक हो जाना आदि शिकायतें आती रहती हैं। इसके लिए कठोर प्रावधान नहीं है।
डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने में सरकार के प्रयास
भारत नेट कार्यक्रम
उद्देश्य-राज्यों तथा निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी से ग्रामीण तथा दूर दराज के क्षेत्रों में नागरिकों तथा संस्थानों को सुलभ ब्रॉडबैंड उपलब्ध कराना
- स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों, कौशल विकास केंद्रों को निःशुल्क इंटरनेट कनेक्शन।
- परियोजना के तहत 2.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर के जरिए हाई स्पीड ब्रॉडबैंड, किफायती दरों पर उपलब्ध।
- वित्तपोषण-” universal basic obligation fund” द्वारा
राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन-
- शुरुआत वर्ष 2020 तक भारत के प्रत्येक घर में कम से कम एक व्यक्ति को डिजिटल साक्षर बनाने का उद्देश्य है।
राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति-2018
- प्रत्येक नागरिक को 50 MBPS की गति से सार्वभौमिक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना।
- सभी ग्राम पंचायतों को वर्ष 2020 तक 1GBpsतथा वर्ष 2022 तक 10GBps की कुल कनेक्टिविटी प्रदान करना।
- राष्ट्रीय फाइबर प्राधिकरण बनाकर राष्ट्रीय डिजिटल ग्रिड की स्थापना करना।
- ऐसे क्षेत्र जिन्हें अभी तक कवर नहीं किया गया है ,उनके लिए कनेक्टविटी सुनिश्चित करना।
डिजिटल नवाचार का केंद्र बन रहा भारत-
- ऑप्टिकल फाइबर से जुड़े एक लाख से अधिक गांव, 121 करोड़ मोबाइल फोन ,100 करोड़ आधार एवं 50 करोड़ इंटरनेट सेवा का उपयोग करने वाले लोगों के साथ भारत , दुनिया में प्रौद्योगिकी की साथ सहायता से जुड़ा सबसे बड़ी आबादी वाला देश है।
अपेक्षित सुधार- इन तीन सुधारों को अपनाना जरूरी है।
- व्यक्तिगत संरक्षण डाटा विधेयक
- ई-कॉमर्स नीति
- सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन ) अधिनियम
NOTE–
- व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक एक व्यापक कानून है जो व्यक्तियों को इस बात पर अधिक नियंत्रण देने का प्रयास करता है कि उनका व्यक्तिगत डाटा कैसे एकत्रित, संग्रहित और उपयोग किया जाता है।
- यह विधेयक पारित होने के बाद भारतीय गोपनीयता कानून में व्यापक सुधार होगा।
स्टेट ऑफ द वर्ल्ड पापुलेशन 2020 रिपोर्ट-
The United Nations Population Fund- UNFPA द्वारा जारी।
रिपोर्ट के अनुसार-
- हर वर्ष विश्व में 142 मिलियन (14.2 करोड़) लड़कियों की मृत्यु हो रही है।
- महिलाओं की मृत्यु की संख्या पिछले 50 वर्षों में दोगुनी से अधिक हो गई है।
- 1970 में यह 61 मिलियन (6.10करोड़) थी जो 2020 में बढ़कर 14.26 करोड़ पहुंच गई।
- रिपोर्ट में पक्षपात पूर्ण लिंग चयन तथा जन्म के समय लिंगानुपात असंतुलन का अध्ययन।
- अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में 5 वर्ष से कम उम्र लड़कियों की मृत्यु दर 3% से कम है।
- भारत में2020 तक मृत महिलाओं की संख्या 45.8 मिलियन तथा चीन में 72.3 मिलियन हैं।
- विश्व में लिंग परीक्षण के कारण मृत लड़कियों की संख्या दो तिहाई है तथा जन्म के बाद मृत्यु दर लगभग एक तिहाई है।
- लिंग चयन के कारण प्रतिवर्ष विश्व में लगभग 12-15 लाख लड़कियों की मृत्यु जिनमें से 90%-95% भारत व चीन में होती है।
भारत की स्थिति-
- लिंग चयन के कारण 46 मिलीयन (4.6करोड़) लड़कियों की मृत्यु प्रति वर्ष।
- वर्ष 2014 के आधार पर भारत में प्रति 1000 महिला पर 13.5% महिला की मृत्यु प्रसव पूर्व लिंग चयन के कारण हुई है।
- भारत में 5 वर्ष से कम उम्र में मृत्यु दर का अनुपात 9 लड़कियों पर 1 है जो सर्वाधिक है।
कमी के कारण-
- बाल विवाह, पुत्र प्राप्ति की इच्छा, लिंग चयन
- UN रिपोर्ट के अनुसार विश्व में उन प्रथाओं के कारण लाखों लड़कियां प्रताड़ित है जो शारीरिक व भावनात्मक रूप से उन्हें नुकसान पहुंचाती हैं।
ऑनलाइन शिक्षा: चुनौती और संभावनाएं
- चर्चा में क्यों?-
- ऑनलाइन शिक्षा में मौजूद सामाजिक असमानता को कम करने के लिए केंद्र सरकार दीर्घकालीन उपाय अपनाने पर विचार कर रही है।
प्रमुख बिंदु-
- Covid-19 के कारण देश में ऑनलाइन शिक्षा का महत्व बढ़ा है किंतु सामाजिक असमानता व डिजिटल डिवाइड इस दिशा में बड़ी चुनौती है।
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनुसार लगभग 31 लाख सरकारी स्कूलों में सूचना व संचार तकनीकी (ICI) सुविधाएं नहीं है।
- आगामी 5 वर्षों में डिजिटल पाठ्यक्रम सामग्री और संसाधनों के विकास के लिए 2306 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव।
ऑनलाइन शिक्षा और Covid-19-
- देश में लागू लॉकडाउन के कारण शिक्षा क्षेत्र गंभीर रूप से प्रभावित हुआ।
- इस कारण सभी शिक्षण संस्थाएं शैक्षणिक कार्यों के लिए ऑनलाइन शिक्षा व ई लर्निंग का विकल्प अपना रही है।
ई- लर्निंग अथवा ऑनलाइन शिक्षा-
- ऑनलाइन शिक्षा से तात्पर्य इंटरनेट व अन्य संचार उपकरणों की सहायता से प्राप्त की जाने वाली शिक्षा से है। इसमें वेब लर्निंग, मोबाइल लर्निंग ,कंप्यूटर लर्निंग ,म्यूच्यूअल क्लास रूम शामिल है।
ऑनलाइन शिक्षा की सीमाएं व चुनौतियां
- शिक्षण संस्थानों को ऑनलाइन शिक्षा का कोई विशेष अनुभव नहीं है।
- डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तक छात्रों की पहुंच एक बड़ी समस्या है।
- कई विषयों के लिए छात्रों को व्यवहारिक शिक्षा की आवश्यकता होती है। ऐसे विषयों को ई लर्निंग से सीखना मुश्किल कार्य है।
आगे की राह-
- शिक्षण संस्थाओं को शिक्षण माध्यमों के नए विकल्पों पर विचार करने की आवश्यकता।
- भारत में शिक्षा की राह में मौजूद चुनौतियों को खत्म कर विकल्प को बढ़ावा दिया जाए।
- टेलीविजन व रेडियो द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में दूरस्थ शिक्षा की व्यवस्था की जाए।
विशेष तरलता योजना (SLS)
संदर्भ – स्पेशल परपज व्हीकल (SPV) के माध्यम से NBFCs तथा HFCs ( housing finance company) के लिए।
प्रमुख बिंदु –
- भारतीय स्टेट बैंक कैपिटल मार्केटिंग लिमिटेड द्वारा SLS ट्रस्ट के नाम से SPV का गठन।
- SPV पात्र NBFC तथा HFC के NCD ( Non convertible debenture) तथा CD ( commercial papers) को अल्पावधि के (3 माह) के लिए ही खरीदेगा।
- यह विशेष प्रतिभूति ( NCD,CD) निवेश प्रकृति के होंगे। सितंबर 2020 के बाद नई खरीद नहीं होगी।
NBFC तथा HFC के लिए निर्धारित मानदंड-
- Core investment company पात्र नहीं ।
- RBI act -1934 के तहत पंजीकृत सूक्ष्म वित्तीय संस्थानों सहित NBFC (non banking financial company)
- रेटिंग एजेंसी द्वारा निवेश ग्रेड की रेटिंग मिली हो।
- NPA – 6% अधिक नहीं।
- पिछले दो वित्तीय वर्ष में कंपनी किसी एक वर्ष मुनाफे में रही हो।
- राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम – 1987 के तहत पंजीकृत(HFC)
- पिछले 1 वर्षों से किसी भी बैंक द्वारा उसको उधार के लिए SMA-1 या SMA-2 श्रेणी के तहत रिपोर्टिंग ना की गई हो।
SLS का महत्व-
- इसके माध्यम से NBFC, HFC तथा म्यूचुअल फंड में चल रही तरलता की कमी को दूर किया जा सकेगा।
- निवेशकों का बाजार की तरह रुझान बढ़ाने में सहायक।
- वित्तीय क्षेत्र में तरलता की स्थिति में सुधार, परिणाम स्वरूप संभावित प्रणाली गत जोखिम से बचाव की अनुकूल स्थिति।
Team rudra
Shri Abhishek Kumar Verma
Shri Amarpal Verma
Shri Krishna
Shri Yograj Patel
Shri anil Kumar Verma
Geography team mppg college ratanpura mau
- Surjit Gupta
- Saty Prakash Gupta
- Shubham Singh
- Akhilesh Kumar
- Vivek Pandey
- Prsant yadav