द्विपक्षीय व्यापार और निवेश समझौता (BTIA)
- आगामी आभासी “यूरोपीय संघ-भारत शिखर सम्मेलन” में ‘Bilateral Trade and Investment Agreement- (BTIA)’ पर वार्ता में तेजी लाने की उम्मीद की जा रही है।
- भारत – EU के मध्य एक ‘मुक्त व्यापार क्षेत्र (FTA)’ के मुद्दे पर काफी समय से वार्ता चल रही है, परंतु विभिन्न मुद्दों पर मतभेद के कारण वार्ता रुकी हुई है।
चुनौतियां
- BTIA पर वार्ताकार आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं क्योंकि यूरोप भारत को “संरक्षणवादी” मानता है।
- कोविड-19 संकट के दौरान ‘make in India कार्यक्रम’ को तेज किया गया है और आत्मनिर्भर होने के लिए की गई घोषणाओं ने यूरोपीय देशों में BTIA पर आगे बढ़ने के लिए आशंका उत्पन्न की है।
भारत – EU व्यापार
- EU के कुल वैश्विक व्यापार का मात्र 3%है।
- EU,भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार तथा निवेशक है।
- भारत के कुल वैश्विक व्यापार का 11% EU के साथ होता है।
BTIA के बारे मे
- जून 2007 में, भारत और EU द्वारा “ब्रुसेल्स (बेल्जियम)” में एक “वैविध्यपूर्ण वैश्विक व्यापार और निवेश समझौते (Broad-Based BTIA)” पर वार्ता का आरंभ किया गया।
- 13 अक्टूबर 2006, ‘हेलसिंकी’ (फिनलैंड) में आयोजित 7वें भारत-EU शिखर सम्मेलन में भारत-EU उच्च स्तरीय तकनीकी समूह की रिपोर्ट के आधार पर एक “वैविध्यपूर्ण द्विपक्षीय व्यापार और निवेश समझौते” पर विचार करने हेतु घोषित प्रतिबद्धताओं के अनुरूप थी।
महत्व
- भारत तथा EU, वस्तुओं एवं सेवाओं के व्यापार में आने वाली बाधाओं को दूर करके परस्पर द्विपक्षीय व्यापार तथा अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने की अपेक्षा रखते हैं।
- WTO के नियमों और सिद्धांतों के अनुरूप, एक व्यापक एवं महत्वकांक्षी समझौता,भारत-EU के व्यवसायों के लिए नए व्यापार खुलेगा तथा अवसरों का विस्तार करेगा।
वार्ता-क्षेत्र
- वस्तु व सेवा व्यापार
- निवेश
• स्वच्छता व हरित स्वच्छता संबंधी उपाय
• व्यापार में तकनीकी बाधाएं
• व्यापार उपचार
• स्रोत संबंधी नियम
• सीमा शुल्क तथा व्यापार सुविधा
• बौद्धिक संपदा अधिकार और भौगोलिक संकेतक
• सतत विकास
• प्रतिस्पर्धा, व्यापार सुरक्षा तथा विवाद निपटान
वर्तमान विचार-विमर्श
- EU द्वारा कुछ मांगों जैसे- ऑटोमोबाइल्स क्षेत्र, वाहन तथा स्पिरिट्स के लिए अधिक व्यापार पहुंच और बैंकिंग, बीमा तथा ई-कॉमर्स जैसे वित्तीय सेवा क्षेत्र के विस्तार आदि मुद्दों पर सहमति नहीं बनने से 2013 से वार्ता से शिथिल पड़ी है।
- EU, श्रम, पर्यावरण व सरकारी खरीद को भी वार्ता-प्रक्रिया में सम्मिलित करना चाहता है।
- भारत, आसान कार्य-वीजा तथा स्टडी-वीजा मानकों के साथ-साथ सुरक्षित डाटा स्टेटस की मांग कर रहा है जिससे EU कंपनियां अपने व्यापार को आसानी पूर्वक भारत से आउटसोर्स कर सकेगी।
जीरो हंगर पर UNO की रिपोर्ट
चर्चा में क्यों-UNO द्वारा हाल ही में कुपोषण पर अपनी सालाना रिपोर्ट जारी की है
रिपोर्ट के मुख्य तथ्य
- वर्ष 2019 में भुखमरी से पीड़ित वैश्विक आबादी 61 मिलियन ( 2010 के सापेक्ष 10 मिलियन अधिक)
- 2019 में 750 मिलियन लोग गंभीर खाद्य सुरक्षा के संकट में
- विविध रूपों में कुपोषण सभी देशों के लिए चुनौती बना
- 21% स्टंटिंग , 6.9% वेस्टिंग, 5.6% अत्याधिक वजन से वैश्विक आबादी पीड़ित है।
- कुपोषण व भुखमरी के कारण जीरो हंगर ( SDG) का संभावित लक्ष्य और दुष्कर हो जाएगा।
खाद्य सुरक्षा पर कोविड-19 का प्रभाव
- खाद्य प्रणाली कमजोर हुई है।
- कुपोषित लोगों की संख्या 83 मिलियन से बढ़कर 132 मिलियन हो सकती है।
- स्वास्थ्य, सामाजिक, आर्थिक दशा के ऊपर गंभीर प्रभावो के चलते वंचित समूह की पोषण स्थिति और खराब हो सकती है।
रिपोर्ट में भारत
- 2004-06- में अल्प पोषण – 21% ( 250 मिलियन)
- 2019 – 20 – अल्प पोषण – 14% ( 189 मिलियन)
भुखमरी : आशय व गंभीर समस्या के रूप में
भारतीय मानक/परिभाषा – भोजन की अनुपलब्धता भुखमरी है
- FAO के अनुसार – 1800 किलो कैलोरी/ दिन से कम प्राप्त होना भुखमरी है। उल्लेखनीय है कि भंडारण संबंधी को प्रबंधन व प्रशीतको के अभाव के चलते भारत में 7 % खाद्यान्न व 80 % फल व सब्जियां बर्बाद हो जाती हैं।
- अफ्रीका में 40 मिलियन लोगों के खाने लायक खाद्यान्न बर्बाद होता है
कुपोषण/अल्प पोषण/खाद्य सुरक्षा हेतु सुझाव
- पोषक पदार्थों के उत्पादन में वृद्धि हेतु लघु उत्पादकों को प्रोत्साहित करना।
- खाद्य पदार्थों की बाजार तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना।
- शिक्षा, संचार के माध्यम से पोषण को देश की प्राथमिकता सूची में महत्व प्रदान करना।
V.N.R – रिपोर्ट वह भारत में निर्धनता
चर्चा में क्यों
- वर्ष 2020 में सतत विकास लक्ष्य को लेकर संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच की वर्चुअल बैठक हाल ही में संपन्न हुई हैं।
- उक्त बैठक में ही नीति आयोग द्वारा स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा ( VNR) रिपोर्ट जारी की गई है।
V.N.R संबंधित मुख्य तथ्य
- यह रिपोर्ट संबंधित राष्ट्र स्वैच्छिक रूप से जारी करते हैं।
- V.N.R. रिपोर्ट में राष्ट्र SDG लक्ष्यों को हासिल करने में मिली सफलता/चुनौतियों को आपस में साझा करते हैं।
- भारत में 2005-06 से लेकर 2016 -2017 के बीच 271 मिलियन लोगों को बहुआयामी गरीबी से निकाला गया है।
- 2016-17 में भारत में कुल निर्धन आबादी – 27.9% थी।
- विश्व बैंक की अत्यधिक गरीबी संबंधित निर्देशांक में भारत 2011 के 21% के सापेक्ष 2015 में 13.4% पर आ गया
निर्धनता निवारण संबंधी भारत के प्रयास
- सामाजिक सहायता कार्यक्रम
- रोजगार सुरक्षोपाय ( मनरेगा)
- आधारभूत सुविधाओं तक पहुंच
- सामाजिक सेवाओं पर व्यय % में वृद्धि।
कुइझोउ-11
चर्चा में क्यों?
- कुइझोउ-11, चीनी राकेट उड़ान के दौरान खराबी के कारण विफल हो गया जिससे ले जा रहे दो उपग्रह भी नष्ट हो गए।
Important facts
- कुइझोउ का अर्थ- तेज जहाज
- यह कम लागत वाला “ठोस ईंधन वाहक रॉकेट” है।
- “KZ-11” भी कहा जाता है।
- भारक्षमता- 70.8 टन
- इसे पृथ्वी की निचली एवं सूर्य-तुल्यकालिक कक्षा के उपग्रहों को लांच के लिए डिजाइन किया गया था
चीन के अन्य महत्वपूर्ण मिशन
1- तियानवेन-1 (Tianwen-1)
- चीन का यह ‘मंगल मिशन’ जुलाई 2020 में शुरू किया जाएगा।
2- यिंगहुओ-1 (Yinghuo-1)
- मंगल मिशन (2012) विफल हो गया था।
NOTE- “तियानवेन-1” में “लांग मार्च 5 राकेट” का प्रयोग किया जाएगा
- “लांग मार्च 5 राकेट” को स्थाई अंतरिक्ष स्टेशन का संचालन करने तथा चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के लिए डिजाइन किया गया है।
तियांगोंग
- चीन के स्पेस स्टेशन का नाम है जो 2022 तक पूर्ण हो जाएगा।
महत्व
- जिस तरह कुछ निजी कंपनियां जैसेे- एक्सस्पेस (Expace), आईस्पेस (iSpace) और लैंडस्पेस (Landspace) वाणिज्यिक अंतरिक्ष उद्योग में आगे बढ़ रही है, उसी तरह चीन का यह प्रक्षेपण वाणिज्यिक अंतरिक्ष उद्योग को दर्शाता है।
अंतरिक्ष का व्यवसायीकरण एवं भविष्य में भारत और चीन के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा की संभावना
- कम लागत वाले वाहक राकेट के विकास से चीन “वैश्विक अंतरिक्ष प्रक्षेपण बाजार” को आकर्षित करने हेतु भारत के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हैं।
- चीन का वाणिज्यिक अंतरिक्ष उद्योग भारत से पीछे है। (ग्लोबल टाइम्स 2017 के अनुसार)
- ISRO के प्रयासों एवं विश्वसनीय “ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV)”से अब तक 297 विदेशी उपग्रहो को लांच किया गया है।
- ISRO के पास PSLV के विभिन्न संस्करण है जो विभिन्न आकार के पेलोड और भिन्न-भिन्न कक्षाओं में उपग्रहों को ले जाने की क्षमता रखते हैं।
लघु उपग्रह क्रांति (वैश्विक स्तर पर)
- वर्ष 2020 से 2030 के बीच 17000 छोटे उपग्रहों को लांच करने की उम्मीद है।
भारत द्वारा अंतरिक्ष उद्यमिता के लिए उठाए गए कदम
1- “भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACE)” द्वारा निजी कंपनियों को अवसर प्रदान करने के लिए स्वीकृति देना।
2- “New space India Limited (NSIL)” ISRO की नवनिर्मित दूसरी वाणिज्यिक शाखा है।
यह ‘एंट्रिक्स कारपोरेशन’ के बाद ISRO के ‘विदेशी उपग्रहों के वाणिज्यिक प्रक्षेपण’ की सुविधा हेतु स्थापित किया गया था।
NOTE
3- “लागत-प्रभावशीलता” ने ISRO को उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं के वाणिज्यिक के क्षेत्र में एक अलग बढ़त दी है।
“प्रज्ञाता” दिशा निर्देश
- केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा डिजिटल शिक्षा पर प्रशासकों, स्कूल प्रमुखों, अभिभावकों व छात्रों को “प्रज्ञाता” नामक दिशा निर्देश जारी किया गया है जो मुख्यत: 8 चरणों पर आधारित है- योजना, समीक्षा, व्यवस्था, मार्गदर्शन, बात, निर्धारण, ट्रैक, सराहना।
प्रज्ञाता दिशा निर्देश की आवश्यकता क्यों?
- मूल्यांकन सही ढंग से हो
- विभिन्न पहलो के साथ समन्वय व सहयोग बनाने के लिए
- साइबर सुरक्षा व नैतिकता को बनाए रखने के लिए
- डिजिटल शिक्षा के दौरान, मानसिक, शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए
- गतिशील व समावेशी समाज के निर्माण के लिए
- तकनीकी प्रयोग में सावधानी बरतने के लिए
ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण)
अधिनियम-2019
- केंद्र सरकार द्वारा ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की पहचान प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने वाले ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए चिकित्सा परीक्षण की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है।
नियम ड्राफ्ट 2020 का अवलोकन
- शैक्षणिक संस्थानों में किसी भी प्रकार के भेदभाव के मामले की सुनवाई करने के लिए एक समिति गठित की जाएगी।
- किसी भी सरकारी/निजी संस्थान या प्रतिष्ठान मे भेदभाव प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाएगी।
- अभियोजन की धारा 18 में ट्रांसजेंडर समुदाय के विरुद्ध अपराध और दंड का प्रावधान किया गया है।
- ट्रांसजेंडर समुदाय के विरुद्ध अपराध में जुर्माने के साथ 6 माह से 2 साल तक की सजा हो सकती है।
ट्रांसजेंडर व्यक्ति ?
- अधिनियम के अनुसार ट्रांसजेंडर व्यक्ति वह व्यक्ति है, जिसका लिंग जन्म के समय नियत लिंग से मेल नहीं खाता। इसमें ट्रांस मेन, ट्रांस-विमेन, इंटर सेक्स भिन्नताओ वाले व्यक्ति और जेंडर क्वीर आते हैं तथा इनमें सामाजिक, सांस्कृतिक पहचान वाले व्यक्ति जैसे- किन्नर, हिजड़ा भी शामिल है।
भूकंप की भविष्यवाणी के लिए नया गणितीय मॉडल
- हैरियट- वाट यूनिवर्सिटी, स्कॉटलैंड के शोधकर्ताओं ने भूकंप की भविष्यवाणी की प्रक्रिया में सुधार करने के लिए नए गणितीय मॉडल का विकास किया है।
- शोधकर्ताओं के अनुसार कुछ विशिष्ट प्रकार की चट्टाने भूकंप के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। इन चट्टानों को सामूहिक तौर पर फीलोसिलीकेटस (phyllosilicates) कहा जाता है। चट्टानों को एक दूसरे से टकराने के पश्चात भूकंप की उत्पत्ति होती है।
- इस प्रकार चट्टानों के टकराने अथवा फिसलन में घर्षण शक्ति (frictional strength) एक महत्वपूर्ण कारक होती है जिसकी गणितीय माध्यम से गणना की जा सकती है।
- इस अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने फीलोसिलीकेटस की घर्षण शक्ति की भविष्यवाणी करने की कोशिश की।
भूकंप का अर्थ
- भूकंप का अर्थ पृथ्वी की कंपन से होता है। यह एक प्राकृतिक घटना है जिसमे पृथ्वी के अंदर से ऊर्जा उत्पन्न होने के कारण तरंग उत्पन्न होती है जो सभी दिशाओं में फैल कर पृथ्वी को कंम्पीत करती हैं।
- भूपर्पटी के नीचे वह स्थान जहां कंपन आरंभ होता है,उद्गम केंद्र कहलाता है। जबकि उद्गम केंद्र (Focus) के भू सतह पर इनके निकटतम स्थान को अधिकेंद्र (Epicenter) कहते हैं।
भूकंप का मापन
- भूकंपीय तरंगों को भूकंप मापी (Seismometer) नामक उपकरण से मापते हैं।
- वैज्ञानिक भूकंपमापी उपकरण में दर्ज की गई जानकारी के आधार पर भूकंप के समय और तीव्रता का निर्धारण कर सकते हैं।
विश्व युवा कौशल दिवस
- वर्ष 2014 से संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रत्येक वर्ष 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस मनाने की घोषणा की है।
2020 के लिए थीम – “उत्साही युवाओं के लिए कौशल”
डल झील
- यह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में दूसरी सबसे बड़ी झील है।
- यह झील तैरते हुए बगीचों सहित प्राकृतिक आद्र भूमि का हिस्सा है।
- यह झील जबरवन पर्वत घाटी में स्थित है, यह तीन ओर से पहाड़ियों से घिरी हुई है।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (असम )
- इसे 1974 में राष्ट्रीय उद्यान,तथा वर्ष 2007 से टाइगर रिजर्व घोषित किया गया है।
- 1985 में UNESCO का विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।
- इसे वर्डलाइफ इंटरनेशनल द्वारा महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- काजीरंगा में बड़ी 4 प्रजातियां – राइनो, हाथी, रॉयल बंगाल टाइगर और एशियाई जल भैंस के संरक्षण के प्रयास हेतु कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।
डॉल्फिन
मध्य प्रदेश वन विभाग की डॉल्फिन जनगणना रिपोर्ट
- राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण में सिर्फ 68 डॉल्फिन बची हैं जो तीन राज्यों से गुजरती है ( मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान)
- चंबल नदी में डॉल्फिन की एक दुर्लभ प्रजाति (प्लैटनिस्टा गैगेटिका) का निवास स्थान है इसे IUCN की रेडलिस्ट में लुप्तप्राय श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है।
- शिकार व सर्फिंग के लिए ‘अल्ट्रासोनिक ध्वनि’ का प्रयोग करती हैं।
सुपरकैपेसिटर इलेक्ट्रोड
इंटरनेशनल एडवांस रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यू मैटेरियल्स (ARCI) के वैज्ञानिकों ने औद्योगिक अपशिष्ट कपास से एक कम लागत वाला पर्यावरण अनुकूलन एवं टिकाऊ सुपरकैपेसिटर इलेक्ट्रोड का निर्माण किया है जिसे ‘एनर्जी हार्वेस्टर डिवाइस स्टोरेज’ के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
तात्या टोपे – ( मूल नाम – रामचंद्र पांडुरंग टोपे )
- महाराष्ट्र सरकार ने नासिक जिले के मेओला में तात्या टोपे के राष्ट्रीय स्मारक का निर्माण किया है।
- इस संदर्भ में सरकार ने बाम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि इस स्मारक पर अब तक 2.5 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है।
- टोपे को पेशवा के दत्तक पुत्र नाना साहिब का दाहिना हाथ माना जाता है।
- इन्होंने जनरल विंडहम (General Windham) को ग्वालियर शहर से पीछे हटने पर विवश कर दिया तथा शहर पर कब्जा करने के लिए रानी लक्ष्मीबाई का साथ दिया।
- कॉलिन कैंपवेल (Colin Campbell) ने टोपे को पराजित किया तथा शिवपुरी में जनरल मीड (General meade)के कैंप में फांसी दे दी गई।
नार्गोनो – काराबाख क्षेत्र (Nagorno Karabakh Region)
- इसे आर्त्शाख ( Artsakh) के नाम से भी जाना जाता है।
- यह काराखास पर्वत श्रेणी में स्थित एक स्थलरूद्व देश है
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह अज़रबैजान का हिस्सा माना जाता है
- हाल ही में यह क्षेत्र अज़रबैजान तथा इसकी आर्मीनियाई मूल की आबादी के बीच विवाद के कारण चर्चा में रहा।
कोविड-19 महामारी के बाद की चिकित्सा जटिलताएं
हाल ही में स्वास्थ्य सेवा निदेशालय द्वारा सफदरजंग ,राम मनोहर लोहिया अस्पताल तथा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के साथ-साथ भारत के प्रमुख केंद्रीय अस्पतालों से कोविड-19 के बाद के चिकित्सा जटिलताओं से संबंधित डेटा एकत्र करने का कार्य शुरू किया गया है
कोविड-19 के बाद के प्रभाव
- महामारी के बाद निम्न बीमारियों के होने की चिंता व्यक्त की गई है
- मानसिक सुस्तता व ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता।
- फाइब्रोसिस – यह एक रेशेदार संयोजी उत्तक है जो शरीर में चोट या क्षति के दौर विकसित होता है तथा चोट लगने या कट जाने पर रक्त का थक्का जमाने में सहायक होता है।
- संवहनी रोग –इसमें हाथ एव पैरों में बड़ी धमनियों के संकरा होने के कारण रक्त प्रवाह में रुकावट।
- थ्रोंबोसिस– इसके कारण शरीर के भीतर धमनियों में रक्त के थक्के जम जाते हैं और फेफड़ों में पहुंचकर रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध कर देते हैं जिससे पल्मोनरी एंबोलिज्म (pulmonary embolism) कहा जाता है।
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