विधि रिपोर्ट
- हाल ही में दिल्ली स्थित स्वतंत्र थिंकटैंक विधि ‘ सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी” द्वारा भारत में समाचार/पत्रकारिता के भविष्य की जांच के संबंध में एक रिपोर्ट जारी की गई है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि बिगड़ते आर्थिक हालात में प्रिंट पत्रकारिता की जनता को विश्वसनीय सूचना उपलब्ध कराने की इनकी क्षमता खतरे में पड़ गई है तथा ये सत्ता द्वारा नियंत्रित संस्था के रूप में कार्य कर रहे हैं तथा बिना किसी नियमन के डिजिटल संस्थाओं का संचालन हो रहा है।
- रिपोर्ट में बताया गया है कि पोस्ट ट्रुथ पैराडाइम तथा गलत सूचनाओं के प्रसार के कारण डिजिटल मीडिया के लाभ को बाधित कर रहा है।
पोस्ट ट्रुथ – ऐसी परिस्थिति जिसमें जनता की राय को मूर्त रूप देने को प्रभावित करें।
सिफारिश
- रिपोर्ट में प्रिंट पत्रकारिता के डिजिटलाइजेशन व लाभदायी बनाने हेतु एक रोडमैप तैयार किया गया है।
- ऑनलाइन विज्ञापन के माध्यम से तथा डिजिटल समाचार को बाजारोन्मुख बनाने तथा ऑनलाइन विज्ञापन प्लेटफार्म से संबंधित प्रभुत्व की जांच हेतु प्रतिस्पर्धा आयोग से सिफारिश की गई है। गलत समाचार रोकने के व्यापक उपाय तथा खबरों की विश्वसनीयता व प्रमाणिकता के संदर्भ में डिजिटल समाचार संस्थाओं को भी उपर्युक्त जिम्मेदारी दी गई है।
गंदगी मुक्त भारत अभियान
- प्रधानमंत्री द्वारा शुरुआत किया गया।
- 8 अगस्त से 15 अगस्त तक शहरी एवं ग्रामीण भारत में स्वच्छता के लिए जन आंदोलन पर विशेष स्वच्छता कार्यक्रम किए जाएंगे।
- नई दिल्ली के राजघाट पर गांधी स्मृति और दर्शन समिति में “राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र”का शुभारंभ जो “स्वच्छ भारत मिशन” पर एक संवादात्मक अनुभव केंद्र है।
विश्व जैव ईंधन दिवस
- 10 अगस्त को (2015 से) मनाया जा रहा है।
- विषय: “जैव ईंधन की ओर आत्मनिर्भर भारत”
उद्देश्य
- परंपरागत जीवाश्म ईंधन के एक विकल्प के रूप में गैर जीवाश्म ईंधन के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने और जैव ईंधन के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को उजागर करने के लिए।
- जैव इंधन कार्यक्रम “आत्मनिर्भर भारत”से संबंधित है।
NOTE
- 10 अगस्त को “सर रुडोल्फ डीजल”ने 1893 में मूंगफली के तेल से मशीन इंजन चलाया था।
जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति, 2018
- गन्ने का रस, चीनी युक्त सामग्री, स्टार्च युक्त सामग्री तथा क्षतिग्रस्त अनाज जैसे-गेहूं, टूटे चावल, सड़े हुए आलू का उपयोग करके एथेनॉल उत्पादन हेतु कच्चे माल के दायरे का विस्तार किया गया है।
- इस नीति में जैव ईंधनो को “आधारभूत जैव ईंधनो”(पहली पीढ़ी) के बायोएथेनॉल और बायोडीजल तथा “विकसित जैव ईंधनो”(दूसरी पीढ़ी) के एथेनॉल, निगम के ठोस कचरे(MSW) से लेकर ड्रॉप-इन इंधन(तीसरी पीढ़ी) के जैव इंधन, बायो CNG आदि को श्रेणीबद्ध किया है, ताकि प्रत्येक श्रेणी के अंतर्गत उचित वित्तीय और आर्थिक प्रोत्साहन बढ़ाया जा सके।
जैव इंधन के लाभ
- खनिज तेल के आयात में कमी
- स्वच्छ वातावरण
- किसानों की आय में वृद्धि
- रोजगार का सृजन
तितलियों की 140 दुर्लभ प्रजातियां
- हाल ही में 125 वर्षों के बाद वैज्ञानिकों ने मुंबई के पास “माथेरान हिल स्टेशन”में 77 नई प्रजातियां सहित तितलियों की 140 दुर्लभ प्रजातियों की खोज की है।
- वर्ष 1894 में “जे एस वेथम” ने 78 प्रजातियों को संहितावद्ध किया था।
- BNHS के वैज्ञानिकों ने “फाइंडिंग द फाॅरगाटेन: रिविजिटिंग द बटरफ्लाई आफॅ माथेरान आफ्टर 125 ईयर्स”में जानकारी दी।
NOTE
- तितलियां एक स्वस्थ पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी तंत्र की संकेतक है।
बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी(BNHS)
- अखिल भारतीय वन्यजीव अनुसंधान संगठन है।
- स्थापना-15 सितंबर 1883 में
- भारत में संरक्षण और जैव विविधता पर शोध कार्य करने वाले सबसे बड़े NGO में से एक है।
- प्रकृति तथा प्राकृतिक संसाधनों के संवर्धन, शिक्षा एवं संसाधन पर कार्य करने वाली संस्था है।
के०वी०कामथ
- हाल ही में AIBEA ने RBI द्वारा कोविड-19 से प्रभावित ऋणों के पुनर्गठन पर विशेष समिति के प्रमुख के रूप में नियुक्ति का विरोध किया है क्योंकि उनका नाम सीबीआई के प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) में दर्ज है।
AIBEA का आरोप
- ICICI बैंक के पूर्व CEO एवं गैर कार्यकारी अध्यक्ष के वी कामथ भी इस पैनल के सदस्य थे जब चंदा कोचर (ICICI बैंक की पूर्व MD एवं CEO) ने वीडियोकॉन समूह को गलत तरीके से ऋण स्वीकृत किया था।
- 1999 के दौरान केवी कामथ ने NPA पर भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा गठित टास्क फोर्स का नेतृत्व किया था। इस टास्क फोर्स ने कुछ भारतीय बैंकों को बंद करने और SBI एवं BOB जैसे बैंकों की निजीकरण करने की सिफारिश की थी।
NOTE
- के वी कामथ NDB बैंक के पहले अध्यक्ष थे जबकि वर्तमान में “मार्कोस ट्रायजो”(ब्राजील) है।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA)
- भारत में बैंक कर्मचारियों का सबसे पुराना एवं सबसे बड़ा राष्ट्रीय व्यापार संघ केंद्र है।
- स्थापना 20 अप्रैल 1946 कोलकाता में।
- वेतन और सेवा शर्तो में सुधार के लिए संघर्ष के अतिरिक्त AIBEA ने बैंकों के राष्ट्रीयकरण के लिए भी अभियान चलाया था।
राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (NIP)
संदर्भ
- हाल ही में, वित्त मंत्री द्वारा राष्ट्रीय अवसंरचना पाइप लाइन के लिए ऑनलाइन डैशबोर्ड का शुभारंभ किया।
राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन?
- NIP देशभर में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने और सभी नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक अनूठी पहल है।
- इससे परियोजना की तैयारी में सुधार एवं अवसंरचना में निवेश आकर्षण को बढ़ावा मिलेगा।
- NIP में आर्थिक और सामाजिक अवसंरचना परियोजना, दोनों को सम्मिलित किया गया है।
NOTE
- 2019-20 के बजट भाषण में अगले 5 वर्ष में अवसंरचना परियोजनाओं के लिए ₹100 लाख करोड़ के व्यय की घोषणा की गई थी।
कार्यबल रिपोर्ट
- मई 2020 में अतनु चक्रवर्ती की अध्यक्षता में NIP पर गठित एक टास्क फोर्स ने वित्त वर्ष 2020-25 के दौरान 111 लाख करोड़ रुपए के अनुमानित बुनियादी ढांचा निवेश के साथ राष्ट्रीय अवसंरचना पाइप लाइन पर एक अंतिम रिपोर्ट जमा की थी।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु तथा महत्वपूर्ण सिफारिशें
- निवेश की आवश्यकता (अगले 5 वर्षों में 111 लाख करोड़ रुपए का)
- कुल परियोजना का 70% व्यय ऊर्जा, सड़क, रेलवे और शहरी क्षेत्रों की परियोजनाओं पर अनुमानित
- परियोजनाओं में हिस्सेदारी केंद्र, राज्य एवं निजी क्षेत्र की क्रमशः 39%, 40% और 21% है।
- परिसंपत्तियों की बिक्री हेतु आक्रामक रवैया।
- अवसंरचना परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण।
- विकास वित्त संस्थाओं की स्थापना।
- नगरपालिका बांड बाजार को मजबूत करना।
कार्यबल की सिफारिशे
- निम्नलिखित समितियों के गठन की सिफारिशें
- NIP प्रगति हेतु निगरानी समिति
- क्रियान्वयन प्रक्रिया अनुपालन हेतु मंत्रालय स्तर पर संचालन समिति
- NIP हेतु वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) की एक संचालन समिति
अंत: समुद्री संचार केबल
संदर्भ
- हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा चेन्नई से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को जोड़ने वाली अंतः समुद्री ऑप्टिकल फाइबर केबल की शुरुआत की गई।
प्रमुख बिंदु
- बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने हेतु लगभग 2300 किलोमीटर की OFC बिछाने में लगभग 1224 करोड रुपए की लागत आई है।
- इसके तहत चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर और 7 अन्य द्वीपो [(स्वराज द्वीप (हैवलॉक), लाॅग आईलैंड, रंगत, हटने (लिटिल अंडमान) कामोर्ता, कार निकोबार और कैंपबेल बे (ग्रेट निकोबार)] के लिए बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी।
- इस परियोजना को सरकार द्वारा संचार मंत्रालय के अधीन यूनिवर्सल सर्विस आब्लिगेशन फंड (USOF) के माध्यम से वित्त पोषित किया गया है।
परियोजना से लाभ
- बेहतर कनेक्टिविटी से टेलीमेडिसिन और टेली एजुकेशन को बढ़ावा देने में मददगार
- ई कॉमर्स में अवसरों से छोटे उद्यमों को फायदा होगा।
- बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग सेवाएं और अन्य माध्यम एवं बड़े उद्यम भी बेहतर कनेक्टिविटी से लाभान्वित होंगे।
- इंटरनेट बिल में काफी कमी आएगी।
अंत: सागरीय केबल क्या है?
- यह समुद्र तल पर बिछाई गई ऑप्टिकल फाइबर केबल होती है जिसके माध्यम से मुख्य भूमि तथा सागरो, महासागरों में स्थित स्थलीय भागो के मध्य दूरसंचार संकेतों को भेजा जाता है।
महत्व
- वर्तमान में पार-महासागरीय 99% डाटा ट्रैफिक, अंतः सागरीय केबलों के द्वारा होता है।
- विश्वसनीयता काफी अधिक
- इसमें डाटा संचरण क्षमता प्रति सेकंड टेराबाइट्स में होती है।
चुनौतियां
- एक विशिष्ट अधिक टेराबाइट क्षमता युक्त पार-समुद्रीय अंत: सागरीय केबल प्रणाली के निर्माण में कई सौ मिलियन डॉलर का व्यय होता है।
बुद्ध की नागरिकता : विवाद का मुद्दा
- पिछले कुछ समय से गौतम बुद्ध के मूल स्थान को लेकर भारत और नेपाल के बीच वाक युद्ध जारी है।
इतिहास की दृष्टि से
- बुद्ध, शाक्य गणराज्य के एक राजकुमार थे, जो भारत और नेपाल के वर्तमान सीमाओं में विस्तारित था।
- बौद्ध ग्रंथों में, शाक्य प्रमुख के परिवार का संबंध ‘इक्ष्वाकु वंश’ से बताया गया है। भगवान राम भी इसी वंश से संबंधित थे।
- बौद्ध ग्रंथों के अनुसार, बुद्ध के जन्म के समय उनकी मां महामाया यात्रा कर रही थी। उनका जन्म नेपाल के लुंबिनी नामक स्थान पर एक बगीचे में हुआ था।
- लुंबिनी, यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल में शामिल है।
भारत की दृष्टि से
- गौतम बुध का पालन-पोषण ‘कपिलवस्तु’ में हुआ तथा कपिलवस्तु की अवस्थिति की पहचान निश्चयात्मक रूप से नहीं की जा सकी है।
- यह निश्चित रूप से ज्ञात तथ्य है कि गौतम बुद्ध को भारत के बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति हुई। इसी स्थान पर वह गौतम बुद्ध कहलाए।
- गौतम बुद्ध ने पहला उपदेश वाराणसी के निकट दिया।
- बुद्ध का महापरिनिर्वाण कुशीनगर में हुआ, जो वर्तमान उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित है।
हिमालय क्षेत्र में भूतापीय जल-स्रोतों से CO2 का उत्सर्जन: अध्ययन
- हाल ही में वाडिया इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन जियोलॉजी (WIHG) के वैज्ञानिकों द्वारा हिमालय क्षेत्र में भूतापीय जल स्रोतों पर एक अध्ययन किया गया।
प्रमुख निष्कर्ष
- भूतापीय जल-स्रोत, हिमालय के गढ़वाल क्षेत्र में लगभग 10000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए हैं।
- हिमालय क्षेत्र में लगभग 600 गर्म पानी के स्रोत हैं जो वायुमंडल में बड़ी मात्रा में CO2 का उत्सर्जन करते हैं।
- इन तापीय जल-स्रोतों के लिए CO2 की प्राप्ति, हिमालय क्षेत्र के पूर्व में मौजूद कार्बोनेट चट्टानों में मेटामोर्फिक डिकार्बोनाइजेशन तथा ग्रेफाइट के मैग्मा में परिवर्तित होने और इसका ऑक्सीकरण होने से ही होती है।
- अधिकांश तापीय जल-स्रोतों में बड़े पैमाने पर वाष्पीकरण होता है इसके पश्चात सिलीकेट चट्टानों का अपक्षय होता है।
भूतापीय जल-स्रोत क्या है?
- भू-गर्भ में स्थित जल के भूतापीय प्रक्रियाओं द्वारा गर्म होकर पृथ्वी की सतह पर बाहर निकलने से उत्पन्न जल स्रोतों को भूतापीय जलस्रोत कहा जाता है।
ईरान पर संयुक्त राष्ट्र हथियार प्रतिबंध
- हाल ही में खाड़ी सहयोग परिषद द्वारा UNSC को पत्र लिखकर ईरान पर लगे हथियार प्रतिबंध अवधि को बढ़ाने की मांग की गई। ईरान पर लगा प्रतिबंध 18 अक्टूबर 2020 को समाप्त हो रहा है। जो UNSC संकल्प 2231 के तहत ईरान पर लगाए गए थे।
- संयुक्त व्यापक कार्रवाई योजना (JOPOA) के तहत P5+1 ( USA , चीन, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन+जर्मनी) तथा ईरान के मध्य 2015 में हुए समझौते के तहत ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर कुछ आवश्यक सीमाएं निर्धारित कर हथियार प्रतिबंध से राहत प्रदान की गई थी किंतु वर्ष 2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस समझौते से हट गए थे तथा इस ईरान पुनः प्रतिरोध लगा दिया गया था
- खाड़ी सहयोग परिषद का आरोप है कि ईरान द्वारा यमन के हाउती विद्रोही, सीरिया व लेबनान के हिजबुल्ला आतंकी संगठनों को हथियार उपलब्ध कराया जाता है तथा यूक्रेन के यात्री विमान दुर्घटना तथा सऊदी अरब के तेल उद्योग पर हमले में भी ईरान की संलिप्तता है।
- ईरान ने खाड़ी सहयोग परिषद के इस कदम की निंदा करते हुए इनको सबसे बड़ा हथियार आयातक व अमेरिकी हित में काम करने वाला बताया है
- खाड़ी सहयोग परिषद के सदस्य देश – UAE , सऊदी अरब , बहरीन , ओमान , कतर तथा कुवैत।
- ईरान पर प्रतिबंध को बढ़ाने के लिए UNSC के सभी स्थाई सदस्यों की सहमति आवश्यक है।रूस व चीन जो सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य तथा ईरान के सबसे बड़े हथियार निर्यातक है अतः ईरान पर प्रतिबंध बढ़ाने हेतु UNSC में सर्व संम्ती मुश्किल है।
अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम ( IFC )
- IFC विश्व बैंक समूह का एक अंग है जो विकासशील देशों में निजी क्षेत्र के विकास को प्रोत्साहित करने हेतु निवेश सलाहकार तथा संपत्ति प्रबंधन से संबंधित सेवाएं प्रदान करता है । इसका मुख्यालय वाशिंगटन डी .सी में है।
चर्चा का कारण
- हाल ही मे IFC द्वारा इंडिया पार्टनर फंड – II में 10 मिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा की है ।
- IFC की स्थापना 1956 में विश्व बैंक के निजी क्षेत्रक शाखा के रूप में की गई थी जिसका उद्देश्य विकास तथा गरीबी कम करने हेतु केवल लाभकारी व्यवसाय की परियोजनाओं में निवेश करना था । यह विभिन्न प्रकार की ऋण व एक्विटी फाइनेंसियल प्रदान कर कंपनियों को ऋण में सहयोग करती है।
- IFC का स्वामित्व तथा प्रशासन सदस्य देशों द्वारा किया जाता है तथा इसके संचालन हेतु निजी कर्मचारी तथा कार्यकारी कार्यालय है।
- या एक निगम है तथा सदस्य देशों की सरकारें इसके शेयर धारक होती हैं। सदस्य देश ही निवेश हेतु राशि भी प्रदान करते हैं तथा इन्हें IFC से संबंधित विषयों पर मतदान का भी अधिकार है।
- IFC सदस्य देशों को स्वास्थ्य , शिक्षा , निर्वाहनीय कृषि , जलवायु , माइक्रोफाइनेंस, अवसंरचना तथा छोटे व्यवसाय हेतु सहयोग करता है
भुगतान शेष
- हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल फिक्की द्वारा आयोजित एक सेमिनार को संबोधित करते हुए बताया कि इस वर्ष निर्यात में महत्वपूर्ण सुधार तथा आयात में कमी के कारण भुगतान शेष (BOP) की स्थिति काफी मजबूत रहने की उम्मीद जताई। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की जुलाई के मुकाबले इस वर्ष जुलाई में 91% निर्यात स्तर प्राप्त हो चुका है जबकि आयात 70 से 71% के बीच रहा।
- जून माह में पेट्रोलियम हुआ कपड़ा क्षेत्र में गिरावट के चलते निर्यात स्तर में भी गिरावट आई किंतु आयात में 47.59 % की गिरावट के चलते भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भी पहली बार अधिशेष ( 0.79 विलियन डॉलर ) के स्थिति दर्ज की गई।
- भुगतान शेष किसी देश के आयात निर्यात से संबंधित सांख्यिकीय वितरण होता है जब किसी देश का निर्यात आयात से अधिक होता है तो व्यापार अधिशेष जबकि आयात निर्यात से ज्यादा होता है तो व्यापार घाटा कहलाता है।
लोया जीरगा
- लोया जीरगा अफगानिस्तान की एक सामूहिक राष्ट्रीय सभा है जो विभिन्न जाति या धर्म एवं जनजातीय समुदायों के प्रतिनिधियों एक मंच पर लाती है। राष्ट्रीय संकट या राष्ट्रीय मुद्दों को सुलझाने के लिए इसकी बैठक होती है । अफगानी संविधान में इसे जनता की सर्वोच्च अभिव्यक्ति माना जाता है किंतु इसके निर्णय ना तो अधिकारिक होते हैं और ना ही कानूनी रूप से वाध्य होते हैं।
चर्चा का कारण
- अमेरिका तालिबान तथा अफगान सरकार के समझौते तथा कैदियों की अदला बदली तथा 400 लड़ाकूओं को मुक्त करने से संबंधित निर्णय के लिए हाल ही में तीन दिवसीय लोया जिरगा महासभा को बुलाया गया है
Team rudra
Abhishek Kumar Verma
Amarpal Verma
Krishna
Yograj Patel
anil Kumar Verma
Rajeev Kumar Pandey
Prashant Yadav
Dr.Sant lal
Sujata Singh
Geography team mppg college ratanpura mau
- Surjit Gupta
- Saty Prakash Gupta
- Shubham Singh
- Akhilesh Kumar
- Sujit Kumar Prajapti