भारत में एमनेस्टी इंटरनेशनल मायरेशंस का निलंबन
चर्चा में क्यों
- एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा भारत पर बार-बार मानवाधिकार के उल्लंघन व गोपनीयता के आरोप के चलते भारत ने एमनेस्टी इंटरनेशनल के खाते को फ्रीज कर दिया है।
- भारतीय कार्यवाही की EU ने आलोचना की है।
एमनेस्टी का आरोप- हाल में एमनेस्टी ने दिल्ली दंगो व जम्मू और कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाकर निष्पक्ष जांच में अतिशय सक्रियता दिखाई थी।
भारत का तर्क
- एमनेस्टी ने भूमि कानून का उल्लंघन किया है।
- विदेशों से प्राप्त फंडिंग का विकासात्मक अवरोध के रूप में प्रयोग किया है।
- विदेशी अंशदान विनिमय अधिनियम 2010 (FCRA) के नियमों का एमनेस्टी द्वारा उल्लंघन।
- पूर्व के कुछ वर्षों में नि० लि० संस्थाओं द्वारा FCRA कानून उल्लंघन के चलते प्रतिबंधित किया गया है। कंपैसन इंटरनेशनल, वर्ल्ड मूवमेंट फॉर डेमोक्रेसी, ग्रीनपीस।
FCRA कानून 2020 के तहत N.G.O के लिए नए निर्देश
- N.G.O विदेशी फंडिंग पाने के लिए गृह मंत्रालय की पंजीकरण आवश्यक होगी। 5 वर्ष में नवीनीकृत कराना होगा।
- FCRA पंजीकृत N.G.O को नई दिल्ली में SBI खाते में अकाउंट खोलना होगा।
- प्राप्त फंडिंग का केवल 20% प्रशासनिक व्यय पर खर्च हो सकता है (पहले 50% था)
- यह अधिनियम एक इकाई, एक सहयोगी व एक व्यक्ति को विदेशी अनुदान हस्तांतरण पर रोक।
आलोचना
- सरकार के खिलाफ असंतोष फैलाने वाले N.G.O को दमित करने वाला अधिनियम है।
- भारत में कार्यरत N.G.O प्रभावित होंगे।
लाभ
- अनुपालन तंत्र/पारदर्शिता/जवाबदेहिता में वृद्धि
- देश की संप्रभुता, एकता, अखंडता, सांप्रदायिक सदभाव में संतुलन आएगा।
भारत-डेनमार्क हरित रणनीतिक साझेदारी
- हरित रणनीतिक साझेदारी महत्वकांक्षी ‘पेरिस समझौते’ और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित ‘सतत विकास लक्ष्यों’ के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ राजनीतिक सहयोग को आगे बढ़ाने, आर्थिक संबंधों और हरित विकास का विस्तार करने, रोजगार सृजन और वैश्विक चुनौतियां एवं अवसरों के समाधान में सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक पारस्परिक समझौता है।
- दोनों देशों ने हरित रणनीतिक साझेदारी की स्थापना के महत्व को स्वीकार करते हुए भारत और डेनमार्क के संबंधित मंत्रालयों, संस्थानों और हित धारकों के माध्यम से सहयोग करने का आश्वासन दिया है।
- यह कदम भारत को जलवायु परिवर्तन एवं अन्य वैश्विक समस्या से संबंधित स्थाई समाधान तलाशने में सहायता कर सकता है।
हरित रणनीतिक साझेदारी के अंतर्गत सम्मिलित प्रमुख क्षेत्र
- ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन
- पर्यावरण/जल और चक्रीय अर्थव्यवस्था
- स्मार्ट शहरों सहित शहरी विकास
- व्यापार, कारोबार और नौवहन
- विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार और डिजिटलीकरण
- खाद्य और कृषि
- स्वास्थ्य और जीवन विज्ञान
- सांस्कृतिक सहयोग, लोगों से लोगों के बीच संपर्क और श्रम गतिशीलता
- बहुपक्षीय सहयोग।
DAP-2020
- रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (Defence Acquisition process-DAP)- 2020-1 अक्टूबर लागू
DAP-2020 की प्रमुख विशेषताएं
- भारतीय विक्रेताओं के लिए श्रेणियों में आरक्षण
- स्वदेशी सामग्री का संवर्धन-स्वदेशी कच्चे माल का उपयोग, स्वदेशी सॉफ्टवेयर जैसे-फायर कंट्रोल सिस्टम, रडार, कम्युनिकेशन आदि को अपनाकर
- परीक्षण और जांच प्रक्रियाओं के द्वारा उपकरण के कार्यात्मक प्रभावशीलता की पुष्टि करने वाले उचित प्रमाण पत्र प्राप्त किए जा सकते हैं।
निर्माण और नवाचार
- आईडेक्स (IDEX), प्रौद्योगिकी विकास कोष और आंतरिक सेवा संगठनों जैसी पहलो के तहत ‘नवाचार’ के माध्यम से विकसित प्रोटोटाइप खरीद की सुविधा।
ऑफसेट के प्रावधान में परिवर्तन
- भारत की ऑफसेट नीति के अनुसार विदेशी कंपनियों को अनुबंधन का 30% भारत में अनुसंधान या उपकरणों पर खर्च करना होता है। लेकिन 2005-2018 तक 90% मामलों में कंपनियों ने ऑफसेट के बदले सिर्फ सामान खरीदा है, कोई तकनीक स्थानांतरित नहीं हुई है।
आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य
- कलपुर्जों,/छोटे उपकरणों के स्तर पर निर्माण और स्वदेशी पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना के लिए विदेशी विक्रेताओं की इच्छा का पता करना
- अंतर सरकारी समझौते के माध्यम से सह-उत्पादन सुविधाओं की स्थापना और ‘आयात प्रतिस्थापन लक्ष्य को हासिल करना।
- रक्षा विनिर्माण में नई FDI नीति के साथ कई उपयुक्त प्रावधानों को शामिल किया गया ताकि घरेलू उद्योगों को आवश्यक संरक्षण प्रदान करते हुए विदेशी OEM (Original Equipment Manufacture) को भारत में अपनी सहायक कंपनी के माध्यम से विनिर्माण/रख-रखाव संस्थाओं की स्थापना के लिए प्रोत्साहित करना।
आगे की राह
- DAP-2020 भारत सरकार के आत्मनिर्भर के विजन और मेक इन इंडिया के अनुकूल प्रक्रिया है।DAP-2020 दस्तावेज एक विश्वास पैदा करता है और यह रक्षा क्षेत्र से जुड़े सभी हित धारकों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा।
अनुच्छेद 254 (2) और संबंधित राज्य शक्तियां
चर्चा में क्यों?- कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों में कृषि कानून के विरुद्ध आर्टिकल- 254 (2) के तहत अपने-अपने राज्यों में कानून पारित करें।
Art-254-(2)
- ऐसी स्थिति, जहां किसी भी मामले के संबंध में राज्य द्वारा बनाई गई विधि जो समवर्ती सूची में आता है संसद द्वारा बनाई गई विधि के विरुद्ध होता है।
- ऐसी स्थिति में यदि राष्ट्रपति कानून को अपनी सहमति दे देता है तो राज्य कानून को प्रभावी माना जाएगा और उस राज्य में संबंधित केंद्रीय कानून लागू नहीं होगा।
- यह प्रावधान केवल सातवीं अनुसूची में शामिल उपबंधो के लिए है।
- राष्ट्रपति अपने विशेषाधिकार का प्रयोग कर ऐसे विधेयकों को पारित कर सकता है अतः ऐसे विधायकों का पारित होना कठिन माना जाता है।
पृष्ठभूमि
- केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि विधेयकों के विरोध में पंजाब और हरियाणा के राज्य सरकारों द्वारा विरोध।
महिलाओं वअनुसूचित जातियों के विरुद्ध अपराधों में वृद्धि – NCRB Report
चर्चा में क्यों?
NCRB की वार्षिक रूप से प्रकाशित भारत में अपराध 2019 ( crime in India 2019) रिपोर्ट के अनुसार,महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या में वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2019 में 7.3% की वृद्धि हुई है। इसी समयावधि में अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराधों में भी 7.3% तक की वृद्धि दर्ज की गई है।
महिलाओं से संबंधित अपराध के मामले
- वर्ष 2019 के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 405861 मामले दर्ज किए गए हैं। यह संख्या वर्ष 2018 की तुलना में 7.3% अधिक थी। प्रति लाख जनसंख्या पर सर्वाधिक मामले असम में दर्ज किए गए।
- इसी अवधि में सर्वाधिक मामले में, महिलाओं के खिलाफ पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता शीर्ष पर है। कुल मामलों का 30% यही है।
- इसके पश्चात महिला की शीलता का अपमान करने के उद्देश्य से हमला (21.8%) अपहरण (17.9%) बलात्कार (7.9%) से संबंधित मामलों को दर्ज किया गया।
अनुसूचित जाति से संबंधित अपराध के मामले
- रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019 के दौरान अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराध के रूप में 45935 मामले दर्ज किए गए।
- SC/ST अधिनियम (अत्याचार निवारण) 1989 के तहत कुल 9.8% (4129) मामले दर्ज किए गए हैं।
- राजस्थान में दलित महिलाओं के बलात्कर से संबंधित सर्वाधिक मामले (554) दर्ज किए गए हैं। उसके बाद उत्तर प्रदेश (537) व मध्य प्रदेश (510) का स्थान है।
Team rudra
Abhishek Kumar Verma
Amarpal Verma
Krishna
Yograj Patel
anil Kumar Verma
Rajeev Kumar Pandey
Prashant Yadav
Dr.Sant lal
Sujata Singh
Anand Yadav
Geography team mppg college ratanpura mau
- Surjit Gupta
- Saty Prakash Gupta
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