परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI)
हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने भारत के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिये ‘निष्पादन ग्रेडिंग सूचकांक’ अर्थात् ‘परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स’ (Performance Grading Index- PGI) 2019-20 जारी करने को मंज़ूरी दे दी है ।
PGI राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा की स्थिति पर अंतर्दृष्टि प्रदान करने का एक उपकरण है, जिसमें प्रमुख चरण या लीवर (Levers) शामिल हैं जो उनके निष्पादन और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुधार को संदर्भित करते हैं।
परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स के बारे में (PGI)
पृष्ठभूमि: राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिये PGI पहली बार वर्ष 2019 में 2017-18 के संदर्भ में प्रकाशित किया गया था।
PGI : राज्य/संघ राज्य क्षेत्र 2019-20 के लिये इस शृंखला का तीसरा प्रकाशन है।
उद्देश्य
PGI अभ्यास में परिकल्पना की गई है कि सूचकांक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को बहु-आयामी हस्तक्षेप करने के लिये प्रेरित करेगा जो कि वांछित इष्टतम शिक्षा परिणाम लाएगा।
PGI राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को अंतराल को इंगित करने में मदद करता है जो हस्तक्षेप के लिये क्षेत्रों को प्राथमिकता देता है ताकि स्कूली शिक्षा प्रणाली के प्रत्येक स्तर को मज़बूत करना सुनिश्चित किया जा सके।
क्रियान्वयन एजेंसी
यह स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSEL) द्वारा शुरू किया गया है।
सूचना का स्रोत
यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (UDISE), NCERT के नेशनल अचीवमेंट सर्वे (NAS), मिड डे मील वेबसाइट, पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (PFMS) और राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा DoSEL के शगुन पोर्टल पर अपलोड की गई सूचनाओं को DoSEL के पास उपलब्ध डेटा से संकेतकों की जानकारी ली गई है।
कार्यप्रणाली
PGI को दो श्रेणियों में गठित किया गया है अर्थात् परिणाम, शासन एवं प्रबंधन तथा 1000 के कुल भार के साथ कुल 70 संकेतक शामिल हैं।
श्रेणियों के तहत डोमेन (Domains) में शामिल हैं : एक्सेस, इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएँ, इक्विटी, गवर्नेंस प्रक्रिया।
PGI 2019-20 के महत्त्वपूर्ण निष्कर्ष
राज्यवार निष्पादन
- इन आँकड़ों के अनुसार 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने पिछले वर्ष की तुलना में 2019-20 में PGI स्कोर में सुधार किया है।
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, पुद्दुचेरी, पंजाब और तमिलनाडु ने कुल PGI स्कोर में 10% का सुधार किया है।
अंतर-राज्यीय अंतराल
वर्ष 2019-20 में अधिकतम संभव 1000 अंकों पर उच्चतम और निम्नतम स्कोर वाले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के बीच की सीमा 380 अंक से अधिक है।
क्षेत्र-वार (Domain-wise) निष्पादन
पहुँच (Access) : अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप और पंजाब ने पहुँच (एक्सेस) डोमेन के मामले में 10% या उससे अधिक का सुधार किया है।
अवसंरचना और सुविधाएँ : राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने ‘बुनियादी ढाँचे और सुविधाओं’ में 10% या उससे अधिक का सुधार किया है, जबकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा ओडिशा ने अपने कार्यक्षेत्र (डोमेन) स्कोर में 20% या उससे अधिक का सुधार किया है।
समानता या इक्विटी : अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और ओडिशा ने इक्विटी में 10% से अधिक का सुधार किया है।
शासन (Governance) प्रक्रिया : इसमें 19 राज्यों ने 10% या उससे अधिक सुधार किया है।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर,पंजाब, राजस्थान तथा पश्चिम बंगाल ने कम-से-कम 20 प्रतिशत का सुधार किया है।
तुर्की में ‘सी स्नाट’ का प्रकोप
- सी स्नाट हरे रंग के कीचड़ की एक चिपचिपी परत होती है। यह शैवालों में पोषक तत्वों की अति प्रचुरता से होती हैं, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचता है।
- शैवालों में पोषक तत्वों की अति प्रचुरता का कारण वैश्विक उष्मण, जल प्रदूषण, घरेलू और औद्योगिक कचरे को समुद्र में और नियंत्रित निर्मोचन से है।
- हाल ही में काला सागर को एजियन सागर से जोड़ने वाले तुर्की के मरमरा सागर में सी स्नाट का सबसे बड़ा प्रकोप देखा जा रहा है।
प्रभाव–
- समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को खतरा।
- यह समुद्री सतह के नीचे पहुंचकर समुद्री तल ढक सकते हैं।
- सभी जलीय जीवो को विषाक्त बना सकती है।
- मछुआरों की आजीविका प्रभावित हो रही है।
- इस्तांबुल जैसे शहरों में हैजा जैसी जल जनित बीमारियों का प्रकोप फैल सकता है।
G 7 कारपोरेट टैक्स समझौता-
- इसका उद्देश्य कर- परिहार (Tax Avoidance) रोकना है, और इसके लिए नए समझौते के अनुसार कंपनियों को उन देशों में करों का भुगतान करना होगा जहां वे व्यापार करती हैं।
- सभी देशों के परस्पर एक दूसरे के खिलाफ करों में कटौती करने से बचने हेतु वैश्विक न्यूनतम कारपोरेट टैक्स दर को 15% रखने के लिए प्रतिबद्ध किया गया है।
- 15% फ्लोर रेट की अभिपुष्टि करने का निर्णय अमेरिका द्वारा पूरे विश्व में निम्न कर वाले इलाकों (टैक्स हैवंस) पर हमले की घोषणा करने के बाद लिया गया है।
- यह बहुराष्ट्रीय परिचालन और मुनाफे को विदेशों में स्थानांतरित करने को हतोत्साहित करता है।
- आमतौर पर कंपनियां (एप्पल, अल्फाबेट और फेसबुक इत्यादि) विश्व के प्रमुख बाजारों से और अर्जित लाभों को आयरलैंड या कैरेबियाई देशों जैसे टैक्स वाले देशों में भेजने के लिए सहायक कंपनियों के जटिल जाल का सहारा लेती है।
भारत पर प्रभाव
- चुकी भारत की प्रभावी कर-दर वैश्विक न्यूनतम कर-दर से अधिक है इसलिए यह भारत में कारोबार करने वाली कंपनियों को प्रभावित नहीं करेगी।
- भारत अपने बड़े आंतरिक बाजार प्रतिस्पर्धी दरों पर गुणवत्तापूर्ण श्रम, निर्यात हेतु रणनीतिक अवस्थिति और एक संपन्न निजी क्षेत्र के कारण विदेशी निवेश को आकर्षित करता है।
प्रोजेक्ट-75
• रक्षा अधिग्रहण परिषद ने प्रोजेक्ट- 75 के तहत 6 पारस्परिक पनडुब्बियों के निर्माण के लिए प्रस्ताव हेतु अनुरोध जारी करने की मंजूरी दी।
प्रोजेक्ट-75-
• 2007 से स्वदेशी पनडुब्बी निर्माण के लिए भारतीय नौसेना की 30 वर्षीय योजना का हिस्सा।
महत्व–
• स्वदेशी रक्षा निर्माण को बढ़ावा।
• मेक इन इंडिया की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक।
• आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना।
• इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की रक्षा।
• भारत में बनने वाली कुल 24 पनडुब्बियों में 6 परमाणु ऊर्जा से संचालित होगी।
• भारत के पास केवल एक परमाणु पनडुब्बी है- INS-अरिहंत।
हथियार कन्वेंशन
- हाल ही में रासायनिक हथियारों के निषेध संगठन (OPCW) ने U.N को सूचित किया कि 17 मामलों में सीरिया द्वारा रासायनिक हथियारों के प्रयोग की संभावना है।
- OPCW का गठन- 1997।
- यह रासायनिक हथियारों पर प्रतिबंध तथा उनके विनाश की आवश्यकता वाली बहुपक्षीय संधि है।
- सदस्य- 192, हस्ताक्षरकर्ता- 165 देश
- भारत ने जनवरी 1993 में हस्ताक्षर किया।
- OPCW को 2013 में नोबेल शांति पुरस्कार भी प्राप्त है।
- मुख्यालय- नीदरलैंड
- OPCW को लागू करने के लिए भारत ने रासायनिक हथियार कन्वेंशन अधिनियम 2000 पारित किया।
- OPCW से संबंधित कन्वेंशन- बेसल कन्वेंशन, राटरडैम कन्वेंशन, स्टॉकहोम कन्वेंशन।
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण चरण – II
- स्वच्छ भारत मिशन ( ग्रामीण चरण 2 कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बीच लगातार प्रगति कर रहा है, जिसमें 1249 गांव को ODF (खुले में शौच मुक्त) प्लस घोषित किया गया है।
- SBM (G) चरण -II को फरवरी 2020 में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया गया था।
- यह चरण – I के तहत प्राप्त की गई उपलब्धियों की स्थिति और ग्रामीण भारत में ठोस/तरल और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (SLWM) के लिए पर्याप्त सुविधाएं प्रदान करने पर जोर देता है।
कार्यान्वयन
- SBM (G) चरण – II वर्ष को 2020-21से 2024-25 तक की अवधि के लिए 1,40,881 करोड रुपए के कुल परिव्यय के साथ एक मिशन के रूप में कार्यान्वित किया जाएगा।
- केंद्र और राज्यों फंड शेयरिंग का अनुपात पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयी राज्यों और जम्मू कश्मीर, केंद्र शासित प्रदेश के लिए 90:10 अन्य राज्यों के लिए 60:40 और अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 100 होगा।
महत्त्व
ठोस एवं अपशिष्ट प्रबंधन के तहत बुनियादी ढांचों जैसे की खाद के गड्ढे, सूखने वाले गड्ढे, अपशिष्ट स्थिरीकरण तालाब, शोधन संयंत्र आदि का भी निर्माण किया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के इस चरण में घरेलू शौचालयों के निर्माण के माध्यम से रोजगार सृजन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन प्रदान करना जारी रहेगा।
स्वच्छ भारत मिशन ( ग्रामीण) चरण – I
- भारत में 20 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया। इस समय ग्रामीण स्वच्छता कवरेज 38.7% दर्ज की गई थी।
- इसके तहत 10 करोड़ से ज्यादा व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया गया। जिसके परिणाम स्वरूप सभी राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों ने स्वयं को 2 अक्टूबर, 2019 को ODF घोषित कर दिया।
SBM के हिस्से के रूप में अन्य योजनाएं
• गोबर धन योजना – 2018 में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा लांच इसका उद्देश्य गांव को स्वच्छ रखना ग्रामीण घरों की आय बढ़ाना और मवेशियों द्वारा उत्पन्न कचरे का उत्पादन करना।
व्यक्तिगत घरेलू शौचालय – SBM के तहत शौचालयों के निर्माण के लिए ₹15000 मिलते हैं।
स्वच्छ विद्या अभियान – लड़कों और लड़कियों के लिए ( सरकारी स्कूलों में) अलग-अलग शौचालय उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छ विद्यालय कार्यक्रम शुरू किया गया।
रेंगमा नागाओ द्वारा ‘स्वायत्तता परिषद’ की मांग
कार्बो आंगलांग स्वायत्त परिषद के गठन के बाद रेंगमा नागाओ द्वारा एक स्वायत्त के जिला परिषद की मांग की जा रही।
स्वायत्त जिला परिषद
- 6th अनुसूची के अनुसार असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम, चार राज्यों के जनजातीय क्षेत्र, तकनीकी रूप से अनुसूचित क्षेत्र से भिन्न होते हैं।
- राज्य द्वारा विधायी और न्यायिक शक्तियों के प्रयोग हेतु जिला परिषदों/क्षेत्रीय परिषदों का गठन करती है।
- राज्यपाल को अधिसूचना द्वारा इन का गठन होता है।
जिला परिषदों और क्षेत्रीय परिषदों का गठन
- प्रत्येक स्वायत्त जिला में एक जिला परिषद।
- सदस्य अधिकतम – 30 ( 26 वयस्क मताधिकार द्वारा ,4 राज्यपाल द्वारा नामित)
- प्रत्येक स्वायत्त क्षेत्र के लिए अलग क्षेत्रीय परिषद।
ऑपरेशन पैजिया XIV
नकली और अवैध दवाओं और चिकित्सा उत्पादों की बिक्री को लक्षित करके भारी संख्या में नकली ऑनलाइन फार्मेसी को बंद किया गया है। यह ऑपरेशन इंटरपोल द्वारा किया गया है।
सुरक्षित हम सुरक्षित तुम
- नीति आयोग और पीरामल फाउंडेशन द्वारा 112 आकांक्षी जिलों में इस अभियान की शुरुआत हुई है।
- इस अभियान में स्थानीय नेता, नागरिक समाज आदि मिलकर स्थानीय समस्याओं का समाधान करने में प्रशासन की मदद करते हैं।
YUVA- young upcoming and versatile authors
- यह युवा लेखकों का मार्गदर्शन करने हेतु एक राष्ट्रीय योजना है।
- यह योजना खुद को किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने के लिए तैयार युवा और नवोदित लेखकों ( 30 वर्ष से कम) के पुल का निर्माण करेगी।
रक्षा क्षेत्र में हालिया सुधार
चर्चा में क्यों
हाल ही में रक्षा मंत्री ने 20 reform in 2020 नामक पुस्तक में रक्षा क्षेत्र में किए गए प्रमुख सुधारों को रेखांकित किया है।
तथ्य
1- चीफ आफ डिफेंस स्टाफ ( CDS) पहले – बिपिन रावत
2- रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता
3-रक्षा अनुसंधान और विकास में सुधार
4- रक्षा अधिग्रहण ( राफेल लड़ाकू विमान)
5- डिजिटल रूपांतरण
6- रक्षा निर्यात में वृद्धि
7- सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करना।
8- महिलाओं की स्थाई कमीशन
टीम रूद्रा
मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs )
अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता)
डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या
अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर)
योगराज पटेल (VDO)-
अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )
प्रशांत यादव – प्रतियोगी –
कृष्ण कुमार (kvs -t )
अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)
मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)
अश्वनी सिंह – प्रतियोगी
प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।