मॉडल इंश्योरेंस विलेज
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने ग्रामीण क्षेत्रों में बीमा संबंधी सेवाओं को बढ़ावा देने के लिये ‘मॉडल इंश्योरेंस विलेज’ (MIV) की अवधारणा को प्रस्तुत किया है।
- आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 के अनुसार, भारत में बीमा संबंधी सेवाओं की पहुँच, जो वर्ष 2001 में 2.71% थी, वर्ष 2019 में 3.76% तक बढ़ गई, लेकिन यह वृद्धि वैश्विक औसत 7.23% से काफी नीचे है।
- हाल ही में संसद ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा को 49% से बढ़ाकर 74% करने के लिये बीमा संशोधन विधेयक, 2021 पारित किया है।
प्रमुख बिंदु:
‘मॉडल इंश्योरेंस विलेज’ (MIV) की अवधारणा:
- इस अवधारणा के तहत ग्रामीणों के समक्ष आने वाले सभी बीमा योग्य जोखिमों के लिये व्यापक बीमा सुरक्षा प्रदान करने तथा रियायती अथवा सस्ती दरों पर बीमा कवर उपलब्ध कराने पर विचार किया गया है।
- बीमा प्रीमियम को सस्ता बनाने के लिये राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), अन्य संस्थानों, कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी (CSR) फंड्स, सरकारी सहायता तथा पुनर्बीमा कंपनियों द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान किये जाने की आवश्यकता है।
- प्रथम वर्ष के दौरान इसे देश के विभिन्न ज़िलों में न्यूनतम 500 गाँवों में लागू किया जा सकता है इसके बाद आगामी दो वर्षों में इसका विस्तार 1,000 गाँवों तक किया जा सकता है।
- इस अवधारणा को आगे बढ़ाने और संचालित करने के लिये प्रत्येक सामान्य बीमा कंपनी और बीमा व्यवसाय को स्वीकार करने वाली पुनर्बीमा कंपनी जिसका कार्यालय भारत में है, को शामिल किया जाने की आवश्यकता है।
MIV के तहत संभावित प्रस्ताव
- मौसम सूचकांक उत्पाद या हाइब्रिड उत्पाद जिसमें मौसम सूचकांक उत्पाद भी शामिल होते हैं और ऐसी विभिन्न फसलें जिन्हें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत बीमा सुरक्षा प्राप्त नहीं है, के लिये क्षतिपूर्ति आधारित बीमा सुरक्षा।
- फसलों, पशुधन, किसानों, खेत की व्यापक आवश्यकताओं को लक्षित करने वाली लचीली फार्म इंश्योरेंस पैकेज नीतियाँ।
- उच्च मूल्य कृषि, अनुबंध कृषि और कॉर्पोरेट कृषि समुदाय के लिये अलग-अलग उत्पाद का प्रस्ताव क्योंकि इनकी ज़रूरतें अलग हैं।
- आपदाओं के कारण उत्पन्न बड़े जोखिमों को कवर करने वाले पूर्व निर्धारित पैरामीट्रिक मौसम सूचकांक के आधार पर राज्यों को बड़े स्तर पर बीमा कवर की पेशकश की जा सकती है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बीमा के प्रसार में चुनौतियाँ:
- जागरूकता की कमी, बीमा उत्पादों का सीमित विकल्प, लोगों के अनुकूल और पारदर्शी दावा निपटान तंत्रों की अनुपस्थिति तथा बीमा कंपनियों का कमज़ोर नेटवर्क आदि ग्रामीण बीमा व्यवसाय के विकास को आगे बढ़ाने से संबंधित मुद्दे/चुनौतियाँ हैं।
NPCI द्वारा भारत में क्रिप्टो करेंसी के व्यापार पर प्रतिबंध लगाने से इंकार
NPCI के उत्पाद
1- Rupay
2- national common mobility card ( NCMC)
3- भीम एप (BHIM)
4- एकीकृत भुगतान प्रणाली
5- भारत बिल भुगतान प्रणाली
इंकार के कारण
• सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई के निर्देश ( 2018) को रद्द कर दिया था। जिसमें बैंकों और फाइनेंस कंपनियों को वर्चुअल करेंसी में डील करने या किसी को ऐसी डिजिटल करेंसी में डील करने के लिए सर्विस मुहैया कराने से प्रतिबंधित किया था।
मांग के कारण
- अन्य ऑनलाइन लेनदेन की तुलना में सस्ता विकल्प
- बिना किसी थर्ड पार्टी ( जैसे क्रेडिट/डेबिट कार्ड या बैंकों) के निधि अंतरण में आसानी।
- पहचान जाहिर न करने की बेमिसाल सुविधा।
- निधि अंतरण के लिए प्रोसेसिंग फीस न्यूनतम।
- निजी कुंजी की जानकारी केवल ‘वौलेट’ के मालिक को होती है।
क्रिप्टो करेंसी के नुकसान
- लेन-देन की गुप्त प्रकृति के कारण, अवैध गतिविधियों ( मनी -लांड्रि , कर चोरी और संभवतः आतंक वित्तपोषण) की संभावना
- इसके तहत किए गए भुगतान अपरिवर्तनीय नहीं होते हैं।
- क्रिप्टो करेंसी हर जगह स्वीकार नहीं की जाती है और अन्य जगह पर इसका मूल्य सीमित होता है।
- बिटकॉइन जैसे क्रिप्टो करेंसी का आधार किसी भी भौतिक वस्तु से संबद्ब नहीं होता है।
जैविक बाजरे का निर्यात
- हिमालय में उगाए गए जैविक बाजरे की पहली खेप डेनमार्क के निर्यात की जाएगी।
- कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादन निर्यात विकास प्राधिकरण ने उत्तराखंड के किसानों से रागी और झिंगोर ( बर्नयार्ड बाजरा) खरीदा है।
- जैविक उत्पाद हेतु राष्ट्रीय कार्यक्रम
- स्थापना 2001, इसे विदेशी व्यापार ( विकास और विनियमन) अधिनियम 1992 के अंतर्गत अधिसूचित किया गया है।
- देश के विभिन्न उत्पादों का निर्यात इसके प्रावधानों के अनुसार होता है।
जैविक खेती
- रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और सिंथेटिक हार्मोन आदि के बिना प्रयोग वाली कृषि की प्रणाली है।
- भारत में जैविक उत्पादों में 2019 से 2021 में लगभग 51% की बढ़ोतरी हुई है।
- भारत द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा देने की पहल
- 1- N-E क्षेत्र के लिए जैविक मूल्य श्रृंखला विकास मिशन
- 2- परंपरागत कृषि विकास योजना
- सिक्किम विश्व का प्रथम जैविक राज्य है। इसे यूनाइटेड नेशन द्वारा future policy gold award 2018 से भी सम्मानित किया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस – 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में 8 मई को अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस मनाया गया है।
थीम – “एड्रेसिंग हेल्थ इनइक्वलिटी एक्रोस द ग्लोबल थैलेसीमिया कम्युनिटी” है।
तथ्य
- अनुवांशिक रक्त विकार रोग है।
- हीमोग्लोबिन निर्माण के उत्तरदायी जींस या तो नष्ट हो जाते है ।
- हिमोग्लोबिन ऑक्सीजन के परिवहन का कार्य करता है।
- थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को बार-बार खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है।
थैलेसीमिया के प्रकार
α-थैलेसीमिया (अल्फा थैलेसीमिया): यह तब होता है जब ‘α-globin प्रोटीन’ से संबंधित जीन या जीन समूह अनुपस्थित या परिवर्तित (उत्परिवर्तित) हो जाते हैं।
β-थैलेसीमिया (या बीटा थैलेसीमिया): यह तब होता है जब समान जीन दोष ‘β-globin प्रोटीन’ के उत्पादन को प्रभावित करते हैं।
पुदुचेरी के मुख्यमंत्री
सन्दर्भ
आईएनआरसी प्रमुख एन रंगासामी ने पुडुचेरी के मुख्यमंत्री की शपथ ली ।
तथ्य
- वह चौथी बार मुख्यमंत्री बने ।
- उपराज्यपाल तमिलिसाई साउंडराजन ने एन रंगासामी को शपथ दिलाई ।
हाल ही में हुए चुनाव में ,
- आईएनआरसी ने 10 सीटें हासिल की , जबकि भाजपा ने छह सीटें जीतीं ।
पुडुचेरी
- विधानसभा की कुल संख्या 30 है ।
- भाजपा और आईएनआरसी पुडुचेरी में गठबंधन सरकार बनाएगी ।
- केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली , जम्मू कश्मीर और पुडुचेरी में एक निर्वाचित विधान सभा है । मुख्यमंत्री के लिए योग्यताएं :
- उसे भारत का नागरिक होना चाहिए ।
- उसकी उम्र 25 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए ।
- उसे राज्य विधानसभा के किसी भी सदन का सदस्य होना चाहिए ।
टीम रूद्रा
मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs )
अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता)
डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या
अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर)
योगराज पटेल (VDO)-
अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )
प्रशांत यादव – प्रतियोगी –
कृष्ण कुमार (kvs -t )
अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)
मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)
अश्वनी सिंह – प्रतियोगी
प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।