सिमलीपाल में जंगल की आग एक चिंता
सन्दर्भ
फरवरी में सिमलीपाल के जंगल में आग लगने की एक और घटना देखी गई । सिमलीपाल के जंगल में आग लगने की घटनाएं बहुत आम हैं ।
- ओडिशा के वन विभाग ने आखिरकार एक हफ्ते बाद आग पर काबू पा लिया है ।
- मयूरभंज जिले में बायोस्फीयर रिजर्व का लगभग एक तिहाई क्षेत्र आग के कारण नष्ट हो गया ।
- सिमलीपाल वन ‘ सिमुल ‘ ( रेशम कपास ) के पेड़ के लिए प्रसिद्ध है ।
- 1994 में सिमलीपाल वन और आस पास के क्षेत्रों को बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया गया था ।
आग का कारण :
- बिजली और आंधी के कारण जंगल में आग लगने की घटनाएं होती हैं ।
- सूखे पत्तों में आग लगने की अधिक संभावना होती है।
- एक चिंगारी से भीषण आग लग सकती है ।
- आग की मदद से ग्रामीणों द्वारा जमीन पर सूखे पत्तों की सफाई ।
नियंत्रित करने के तरीके
- वन क्षेत्रों की नियमित निगरानी करके ।
- वन क्षेत्रों के आसपास रहने वाले गांवों में जागरूकता पैदा करके ।
- शिकारियों को रोककर
सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान
- यह 2,750 वर्ग किमी में फैला है ।
- यह ओडिशा का एक राष्ट्रीय उद्यान है ।
- यह बाघ और हाथियों की आबादी के लिए प्रसिद्ध है ।
- यह भारत का 7 वां सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान ।
“पर्यावरण आतंकवाद” का आरोप
चर्चा में क्यों?
हाल ही में इज़राइल के समुद्री तट के पास तेल फैलाव देखने को मिला है। इज़राइल के पर्यावरण संरक्षण मंत्री ने ईरान को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए ईरान पर “पर्यावरण आतंकवाद” का आरोप लगाया है। हालाँकि ईरान ने आरोपों का खंडन किया है।
प्रमुख बिंदु
- समय से कई इजरायली कार्यकर्ता समुद्र के किनारे पर जमा तेल के फैलाव को साफ करने में लगे हुये हैं।
- इज़राइल ने ईरान को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए ईरान पर “पर्यावरण आतंकवाद” का आरोप लगाया है।
पर्यावरणीय आतंकवाद
- पर्यावरणीय आतंकवाद से अभिप्राय राज्यीय या गैर-राज्यीय कर्ताओं द्वारा दुर्भावनापूर्ण किए गए गैरकानूनी कार्यों से होता है।
- पर्यावरणीय संसाधनों को नुकसान पहुंचाते हैं या उन्हें नष्ट करते हैं या दूसरों को उनके उपयोग से वंचित करते हैं।
- ईरान-इज़राइल संबंध के बारे में
- पिछले कुछ समय से ईरान व इज़राइल के बीच संबंध वैश्विक समुदाय के लिए चिंता का कारण बने हुये है। जिसके निम्नलिखित कारण हैं-
- ईरान का परमाणु कार्यक्रम।
- अमेरिका के द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध एवं इज़राइल को कूटनीतिक समर्थन।
- इज़राइल के द्वारा सीरिया में ईरान समर्थित ठिकानों पर किए गये हमले।
- ईरान के द्वारा इज़राइल को दी गयी युद्ध की धमकियाँ।
- ईरान का आरोप है कि इज़राइल ने उसके परमाणु वैज्ञानिक की हत्या कारवाई है।
भारत पर प्रभाव
- ईरान व इज़राइल के बीच संबंध बिगड़ने से भारत को पश्चिम एशिया में अपनी विदेश नीति में संतुलन साधने में दिक्कत हो सकती है।
- पश्चिम एशिया में अस्थिरता होने से भारत की ऊर्जा सुरक्षा प्रभावित होगी।
- पश्चिम एशिया में किसी भी प्रकार की अशांति इस क्षेत्र में रह रहे डायसपोरा भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगी।
उपकर और अधिभार
चर्चा मे क्यों?
केंद्र सरकार के सकल कर राजस्व में उपकर और अधिभार (Cess and Surcharge) का हिस्सा वित्तीय वर्ष 2011-12 (10.4%) की तुलना में वित्तीय वर्ष 2020-21 (19.9%) में लगभग दोगुना हो गया है; अर्थात पिछले 10 वर्षों में उपकर और अधिभार सकल कर राजस्व में हिस्सा लगभग दोगुना हो गया है।
क्या होता है उपकर (Cess)
- उपकर या शेष करदाता द्वारा अदा किये जाने वाले मूल कर पर लगाया गया एक अतिरिक्त कर होता है।
- राज्य या केंद्र सरकार द्वारा किसी विशेष उद्देश्य के लिये फंड एकत्रित करने हेतु लागू किया जाता है।
- निर्धारित लक्ष्य या उद्देश्य के पूरा होने के बाद इसे बंद कर दिया जाता है।
क्या होता है अधिभार
- अधिभार भी टैक्स के ऊपर टैक्स ही होता है, लेकिन यह सभी करदाताओं पर न लगकर, एक सीमा से अधिक आमदनी वाले करदाताओ पर ही लगता है।
- अधिभार के रूप में वसूली गई राशि भी भारत सरकार के कोष में पहुंचती है, और इसे सामान्य टैक्स की तरह ही किसी भी उद्देश्य के लिए खर्च किया जा सकता है।
- भारतीय संविधान के अनु 271 के तहत उपकर को तथा अधिभार को अनु 271 के तहत इकट्ठा किया जाता है।
CSIR का फ्लोरीकल्चर मिशन
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद के “फ्लोरीकल्चर मिशन” को भारत के 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू करने की मंज़ूरी दी गई है।
CSIR- (Indian Council of Agricultural Research )
- इसके अतिरिक्त एंड्रायड ऐप के साथ CSIR सामाजिक पोर्टल भी जारी किया गया।
मिशन के बारे में
- फ्लोरीकल्चर, बागवानी विज्ञान की एक शाखा है जो छोटे या बड़े क्षेत्रों में सजावटी पौधों की खेती, प्रसंस्करण और विपणन से संबंधित है।
- यह आसपास के वातावरण को सुहावना बनाने तथा बगीचों व उद्यानों के रखरखाव में सहायक है।
- इस मिशन के तहत मधुमक्खी पालन हेतु वाणिज्यिक फूलों की खेती, मौसमी/वर्ष भर होने वाले फूलों की खेती, जंगली फूलों की खेती पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- वर्ष 2019-24 के दौरान 47200 करोड़ रुपए तक होने का अनुमान है।
CSIR’s पोर्टल के बारे
- इस पोर्टल को CSIR द्वारा द्वारा MyGov की मदद से विकसित किया गया है।
- यह पोर्टल के माध्यम से सामाजिक समस्याओं का समाधान वैज्ञानिक और तकनीकी हस्तक्षेपों के माध्यम से किया जाएगा।
- यह समाज में विभिन्न हितधारकों के समक्ष उपलब्ध चुनौतियों और समस्याओं पर इनपुट से संबंधित पहला प्रयास है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
सन्दर्भ
यह दिन दुनिया भर में महिलाओं की आर्थिक , सामाजिक , राजनीतिक और सांस्कृतिक उपलब्धियों का जश्न मनाता है ।
- यह दिन महिलाओं की समानता में तेजी लाने के लिए कार्रवाई करने हेतु आवाहन भी करता है । महिलाओं से जुड़े महत्वपूर्ण
तथ्यः
- दुनिया भर में लगभग 60 % महिलाएं अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में काम करती हैं ।
- कम कमाती हैं , कम बचत करती हैं , और गरीबी में जाने के अधिक खतरे में है ।
- विश्व स्तर पर पुरुषों की तुलना में महिलाएं 23 % कम कमाती हैं ।
- दुनिया भर में केवल 24 % संसदीय सीटों पर महिलाओं का कब्जा है ।
- हर 3 में से 1 महिला ने शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव किया है।
- 200 मिलियन लड़कियों – महिलाओं को जननांग विकृति का सामना करना पड़ा है ।
- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2021 थीम : ” नेतृत्व में महिला
- कोविड -19 दुनिया में एक समान भविष्य की प्राप्ति ”
- सतत विकास लक्ष्य ( एसडीजी ) 5 : लैंगिक समानता
‘ मैत्री सेतु ‘
सन्दर्भ
भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी आज भारत और बांग्लादेश के बीच ‘ मैत्री सेतु ‘ का उद्घाटन करेंगे । इस पुल के शुरू होने के साथ , बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह तक पहुंच के लिए त्रिपुरा गेटवे ऑफ नॉर्थ ईस्ट बन जाएगा ।
तथ्य
- पीएम मोदी सबरूम ( त्रिपुरा ) में एक एकीकृत चेक पोस्ट विकसित करने के लिए आधारशिला भी रखेंगे , जिससे भारत और बांग्लादेश के बीच माल और यात्रियों की आवाजाही में आसानी होगी ।
- भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण ( एलपीएआई ) ने यह परियोजना शुरू की है ।
मैत्री सेतु
- यह फेनी नदी पर बना है , जो त्रिपुरा और बांग्लादेश के बीच बहती है ।
- यह नाम भारत और बांग्लादेश के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को दर्शाता है ।
- राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड ने इस पुल का निर्माण किया है ।
- यह एक 1.9 किमी लंबा पुल है जो बांग्लादेश में रामगढ़ के साथ भारत में सबरूम को जोड़ता है ।
टीम रूद्रा
मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs )
अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता)
डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या
अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर)
योगराज पटेल (VDO)-
अभिषेक कुमार वर्मा (प्रतियोगी)
प्रशांत यादव – प्रतियोगी –
कृष्ण कुमार (kvs -t )
अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)
मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)
प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।