8 & 9 April 2021 Current affairs

संकल्प से सिद्धि’ मुहिम

जनजातीय मामले में मंत्रालय के तहत भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ-ट्राइफेड ने ‘संकल्प से सिद्धि’- गांव एवं डिजिटल कनेक्ट मुहिम लांच की है।

तथ्य
● इस मुहिम का मुख्य उद्देश्य इन गांवों में वन धन विकास केंद्र(VDVKS) को सक्रिय बनाना है।
● जनजातीय कारीगरों तथा अन्य समूहों की भी पहचान की जाएगी और इन्हें आपूर्तिकर्ता के रूप में पैनल में शामिल किया जाएगा, जिससे ट्राइब्स इंडिया नेटवर्क (भौतिक विक्रय केंद्रों एवं tribesindia.com दोनों) के जरिए बड़े बाजारों तक उनकी पहुंच सुलभ हो सकेगी।
● इस पहल के परिणाम स्वरूप 1500 गांवों में वन धन विकास केंद्रों के सक्रिय हो जाने के बाद अगले 12 महीनों के दौरान ₹200 करोड़ की बिक्री का लक्ष्य रखा है।

ट्राई फूड( TRIFOOD) योजना

● यह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, जनजातीय मामलों के मंत्रालय और ट्राईफेड की एक संयुक्त पहल है। इस योजना के तहत गौड़ वन उपजों के गुणवत्ता संवर्धन हेतु प्रोत्साहन किया जाता है।

नई इजरायल सरकार 

    सन्दर्भ

     इजरायल के राष्ट्रपति रेवेन रिवलिन ने एक अनिश्चित चुनाव के बाद नई सरकार बनाने के लिए प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को सौंपा है । 

तथ्य

  • नेतन्याहू के पास अगली इज़राइल सरकार बनाने के लिए 28 दिन हैं । 
  • राष्ट्रपति द्वारा किसी अन्य उम्मीदवार को चुनने या संसद को एक चुनने के लिए कहने से पहले पीएम को दो सप्ताह का एक्सटेंशन मिल सकता है । 

    इजराइल

  • यह मध्य पूर्व ( भूमध्य सागर पर ) में स्थित है ।
  • इसकी राजधानी यरूशलेम है ।
  • इसकी मुद्रा इजरायली शेकेल है ।
  • इसके अध्यक्ष रियूवेन रिवलिन हैं ।

केंद्रीय सतर्कता आयोग

• केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) शीर्षस्थ सतर्कता संस्थान है जो कि किसी भी कार्यकारी प्राधिकारी के नियंत्रण से मुक्त है तथा केंद्रीय सरकार के अंतर्गत सभी सतर्कता गतिविधियों की निगरानी करता है।
• यह केंद्रीय सरकारी संगठनों में विभिन्न अधिकारियों को उनके सतर्कता कार्यों की योजना बनाने, उनके निष्पादन , समीक्षा एवं सुधार करने के संबंध में सलाह देता है ।
• सीबीआई के कार्य CVC की निगरानी एवं नियंत्रण में होते हैं क्योंकि यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत अपराधों की जांच से संबंधित है।

नियुक्ति:-

• केंद्रीय सतर्कता आयुक्त और सतर्कता आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक समिति की सिफारिश पर की जाती है जिसमें प्रधानमंत्री(अध्यक्ष), गृहमंत्री (सदस्य) और लोकसभा में विपक्ष का नेता(सदस्य) शामिल होता है।

कार्यकाल:-

• 4 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक ।

पदच्युत:-

राष्ट्रपति द्वारा निम्न स्थितियों में-

(1) दिवालिया घोषित हो या
(2) नैतिक आधार पर दोषी पाया गया हो या
(3) मानसिक शारीरिक कारणों से असमर्थ हो या
(4) लाभ के पद पर हो

इसके अलावा दुराचार व अक्षमता के आधार पर हटाया जा सकता है यदि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उन्हें जांच में दोषी पाया जाता है।

स्वास्थ्य सूचनाओं के लिये एकीकृत प्लेटफॉर्म

हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एकीकृत स्वास्थ्य सूचना प्लेटफॉर्म (Integrated Health Information Platform- IHIP) की शुरुआत की जो वर्तमान में इस्तेमाल किये जा रहे एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (Integrated Disease Surveillance Programme) की अगली पीढ़ी का अत्यधिक परिष्कृत संस्करण है।

IHIP एक उन्नत रोग निगरानी प्रणाली है।

प्रमुख बिंदु

एकीकृत प्लेटफॉर्म के विषय में:

  • यह पहले की 18 बीमारियों की तुलना में 33 रोगों की निगरानी के अलावा डिजिटल मोड में निकट वास्तविक समय के डेटा की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।
  • यह रियल टाइम डेटा, केस-आधारित जानकारी, एकीकृत विश्लेषणात्मक और उन्नत दृश्य क्षमता के लिये विकसित स्वास्थ्य सूचना प्रणाली प्रदान करेगा।।
  • इसके तहत रियल टाइम डेटा उपलब्ध कराया जाएगा:
  • ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मी अपने गैजेट (टैबलेट) के माध्यम से वास्तविक समय में डेटा प्रदान करेंगे।
  • स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों (प्राथमिक हेल्थ केयर सेंटर/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र/ज़िला अस्पताल) में नागरिकों द्वारा मांग किये जाने पर डॉक्टरों द्वारा उनका डेटा उपलब्ध कराया जाएगा।
  • नैदानिक परीक्षण प्रयोगशालाएँ भी अपने यहाँ की गई जाँचों का डेटा प्रदान करेंगी।

मुख्य विशेषताएँ

  • मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से गाँवों, राज्यों और केंद्र सभी स्तरों पर वास्तविक समय की डेटा रिपोर्टिंग।
  • उन्नत डेटा प्रतिरूपण और विश्लेषणात्मक उपकरण।
  • भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) ने एकीकृत डैशबोर्ड में चित्रात्मक डेटा को सक्षम किया।
  • भूमिका और पदानुक्रम-आधारित प्रतिक्रिया और चेतावनी तंत्र।
  • स्वास्थ्य सुविधाओं की रिपोर्टिंग की जियो-टैगिंग।
  • अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों के साथ डेटा एकीकरण की गुंज़ाइश।

महत्त्व :l

1.प्रामाणिक आँकड़ों का संग्रहण आसान हो जाएगा क्योंकि इनका संग्रहण सीधे गाँव/ब्लॉक स्तर से किया जाता है।
2.देश के छोटे-से-छोटे गाँवों और ब्लॉकों में फैली बीमारी के शुरुआती लक्षणों के विषय में बताने के लिये इस तरह का एक उन्नत डिजिटल प्लेटफॉर्म किसी भी संभावित प्रकोप या महामारी से शुरुआत में ही निपटने में सहायता करेगा।
3.यह राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (National Digital Health Mission) के साथ ताल-मेल पर आधारित है।
NDHM का उद्देश्य देश के एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य ढाँचे के लिये आवश्यक आधार विकसित करना है।
4.बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ‘हर बार सही आबादी के लिये, सही समय पर उचित हस्तक्षेप हेतु’ भारत की सूचना प्रणाली को मज़बूती प्रदान करना आवश्यक है।

एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम

  • यह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एक पहल है जिसकी शुरुआत वर्ष 2004 में विश्व बैंक (World Bank) की सहायता से की गई थी।
  • इसे 12वीं योजना (वर्ष 2012-17) के दौरान घरेलू बजट से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) के अंतर्गत एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के रूप में जारी रखा गया था।
  • इसके अंतर्गत दिल्ली में एक केंद्रीय निगरानी इकाई (CSU), सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों (UTs) में राज्य निगरानी इकाई (SSU) और सभी ज़िलों में ज़िला निगरानी इकाई (DSU) की स्थापना की गई है।

राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 के समक्ष चुनौतियां

● राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA), सरकार को किसी व्यक्ति विशिष्ट को फॉर्मल चार्ज और बिना सुनवाई हिरासत में लेने का अधिकार प्रदान करता है।
● NSA एक निवारक निरोध कानून है। मतलब किसी व्यक्ति को भविष्य में अपराध करने या अभियोजन से बचने से रोकने के लिए हिरासत में लिया जाना शामिल है।
● संविधान के अनुच्छेद 22(3) व राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था की स्थापना हेतु व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर निवारक निरोध और प्रतिबंध की अनुमति देता है
● संविधान के अनुच्छेद 22(4) के तहत किसी व्यक्ति को 3 माह से अधिक हिरासत में रखने का अधिकार नहीं है।

कारावास की अवधि

● किसी व्यक्ति को अधिकतम 12 महीने हिरासत में रखा जा सकता है लेकिन सरकार को मामले से संबंधित नवीन सबूत मिलने पर इस समय सीमा को बढ़ाया जा सकता है।

संवैधानिक अधिकारों के विरुद्ध

● अनुच्छेद 22 के मुताबिक व्यक्ति को पुलिस हिरासत में लिए जाने के 24 दिन के भीतर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाना अनिवार्य है, जबकि NSA के तहत इस प्रकार का कोई प्रावधान नहीं है, जो कि व्यक्ति के संवैधानिक अधिकारों का हनन है।

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