वंदे भारत मिशन : एक शीर्ष नागरिक बचाव अभियान
कोविड-19 महामारी के मद्देनज़र मई 2020 में लाॅकडाउन जैसी स्थिति के कारण विदेश में फँसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिये शुरू किया गया वंदे भारत मिशन (Vande Bharat Mission) किसी देश द्वारा अपने नागरिकों को वापस लाने की सबसे बड़ी पहलों में से एक बन गया है।
वंदे भारत मिशन (VBM)
- कोरोना वायरस के कारण वैश्विक यात्रा पर प्रतिबंध होने से विदेश में फँसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने हेतु यह अब तक का सबसे बड़ा नागरिक निकासी अभियान है।
- इस अभियान ने वर्ष 1990 में खाड़ी युद्ध के दौरान कुवैत से 1,77,000 लोगों को वापस भारत लाने के अभियान को भी पीछे छोड़ दिया है।
- यह मिशन अपने 10वें चरण से गुज़र रहा है और इसके तहत अब तक लगभग 32 लाख यात्रियों को सुरक्षित घर पहुँचाया गया है।
- राष्ट्रीय वाहक एयर इंडिया ने अपनी अनुषांगिक इकाई एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ मिलकर व्यापक तौर पर इस मिशन का समर्थन किया और नागरिकों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाया।
- एयर इंडिया एक्सप्रेस (AIE) ने पश्चिम एशियाई देशों, सिंगापुर और कुआलालंपुर (मलेशिया) के लिये कृषि उपज, मुख्य रूप से फलों और सब्जियों को लाने हेतु भी अपने बेड़े का उपयोग किया।
- इसके अतिरिक्त इस मिशन का उद्देश्य संकटग्रस्त ग्रामीण किसानों और अप्रवासी भारतीयों की मदद करना और आपूर्ति शृंखला को बरकरार रखना भी है।
- इस मिशन के तहत 93 से अधिक देशों के प्रवासी भारतीयों ने प्रत्यावर्तन की सुविधा प्राप्त की है, वहीं सरकार ने अब तक 18 विभिन्न देशों के साथ विशेष हवाई यात्रा की व्यवस्था भी की है, जिसे ‘परिवहन बबल्स’ (Bubbles) के नाम से जाना जाता है।
- परिवहन बबल्स ( bubbles) या हवाई यात्रा की व्यवस्था दो देशों के बीच अस्थायी व्यवस्था है, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक यात्री सेवाओं को फिर से शुरू करना है, विशेष तौर पर जब कोविड-19 महामारी के परिणामस्वरूप नियमित अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को निलंबित कर दिया गया हो।
- यह दोनों देशों के वाहक या यात्री उड़ानों को बिना किसी प्रतिबंध के उड़ान की अनुमति देता है।
- पारस्परिक रूप से द्विपक्षीय समझौते का उद्देश्य दोनों देशों की एयरलाइनों को तेज़ी से प्रत्यावर्तन के साथ लाभांवित करना है।
- भारत समेत विभिन्न देशों में कोविड -19 के तात्कालिक बढ़ते मामलों के कारण कई वंदे भारत मिशन उड़ानों में देरी देखने को मिली है।
अन्य नागरिक बचाव मिशन:
खाड़ी देशों से निकासी (1990-91)
- वंदे भारत मिशन से पूर्व वर्ष 1990 में खाड़ी युद्ध के दौरान कुवैत से भारतीय नागरिको को वापस लाना अब तक का सबसे बड़ा निकासी अभियान था।
- खाड़ी युद्ध के दौरान लगभग 1,77,000 भारतीय फँसे हुए थे। उस समय, एयर इंडिया ने दो महीनों में लगभग 500 उड़ानें संचालित की थीं।
ऑपरेशन राहत:
- वर्ष 2015 के यमन संकट के दौरान भारतीय सशस्त्र बल द्वारा शुरू किये गए ऑपरेशन राहत के अंतर्गत यमन से 41 देशों के 960 विदेशी नागरिकों के साथ 4640 से अधिक भारतीय नागरिकों को निकाला गया था।
- यह अभियान वायु मार्ग और समुद्र मार्ग दोनों से संचालित किया गया था।
ऑपरेशन मैत्री
- वर्ष 2015 में नेपाल में आए भूकंप में बचाव और राहत अभियान के रूप में ऑपरेशन मैत्री का संचालन भारत सरकार और भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किया गया था।
- भारतीय सशस्त्र बलों ने लगभग 5,188 लोगों को निकाला था, जबकि लगभग 785 विदेशी पर्यटकों को पारगमन वीज़ा प्रदान किया गया था।
पृथ्वी के अक्ष में विस्थापन
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन (AGU) के जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स में उक्त अध्ययन में बताया गया है कि वैश्विक तापमान में वृद्धि के परिणामस्वरूप, वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन देखने को मिल रहा है। जिसके कारण ग्लेशियरों में जमी बर्फ भारी मात्रा में पिघली है।
प्रमुख बिन्दु
- 1990 में ग्लेशियरों में जमी बर्फ के भारी मात्रा में पिघलने से के दशक के बाद से पृथ्वी के अक्ष में सामान्य से अधिक गति से विस्थापन (Shift) हुआ है।
- ग्लेशियरों के रूप में जमी अरबों टन हिमाच्छादित बर्फ ने पिघलकर समुद्री जलस्तर को बढ़ाया है, जिसके कारण पृथ्वी के ध्रुवों का नई दिशाओं में विस्थापन हुआ है।
विस्थापन क्या है?
- पृथ्वी के ध्रुवों का नई दिशाओं में विस्थापन से ही पृथ्वी के अक्ष में सामान्य से अधिक गति से विस्थापन (Shift) हुआ है।
जलवायु परिवर्तन क्या है?
- किसी स्थान की दीर्घकालीन मौसम संबंधी दशाओं (यथा- आर्द्रता, वायुमंडलीय दबाव और तापमान आदि) के औसत को जलवायु कहते हैं। जब इस जलवायु में मानवीय एवं प्राकृतिक कारणों से परिवर्तन आ जाता है तो उसे जलवायु परिवर्तन की संज्ञा दी जाती है।
किर्गिस्तान-कजाकिस्तान सीमा तनाव
चर्चा में क्यों
दोनों राष्ट्रों द्वारा कोक-तश (Kok-Tash) के आसपास के क्षेत्र पर अपना अपना दावा प्रस्तुत किया जाता है। यह एक जलापूर्ति उपलब्ध कराने वाला क्षेत्र है तथा यहां विवाद दोनों देशों के बीच तब से चला आ रहा है जब से यह क्षेत्र दशकों से पूर्व सोवियत संघ का हिस्सा था।
भारत के लिए मध्य एशिया का महत्व
- भारत में शांति और आर्थिक विकास हेतु मध्य एशिया में स्थिरता और समृद्धि अनिवार्य है।
- मध्य एशिया, एशिया और यूरोप के मध्य एक भू- सेतु के रूप में कार्य करता है।
- यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों जैसे- पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, एंटी मनी, एलमुनियम, सोना, चांदी, कोयला और यूरेनियम से समृद्ध है।
- मध्य एशिया में विशाल कृषि योग्य भूमि बंजर पड़ी है जिसका उपयोग दलहनी फसलों के उत्पादन हेतु किया जा सकता है।
- भारत की योजना अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे का अफगानिस्तान और उज्बेकिस्तान के साथ तेजी से एकीकृत हो रहा है।
राज्यों को पूंजीगत व्यय के लिए वित्तीय सहायता योजना
- वित्त मंत्रालय ने राज्यों को पूजा गीत परियोजना पर खर्च करने के लिए 50 वर्षों के लिए ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 15000 करोड़ रुपए तक की अतिरिक्त रकम प्रदान करने का फैसला किया है।
- योजना का पहले भाग में उत्तर-पूर्व और पहाड़ी राज्यों के लिए छब्बीस सौ करोड़ रुपए की रकम निर्धारित की गई है।
- इसके दूसरे भाग में पहले राज्य को छोड़कर अन्य राज्यों को 7400 करोड़ रुपए निर्धारित किए गए हैं।
- इसका आवंटन 15वे वित्त आयोग के निर्देशों के आधार पर किया गया है।
एशियाई विकास बैंक
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ‘एशियाई विकास बैंक’ की वार्षिक बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भाग लिया।
तथ्य
- कोविड-19 महामारी के संदर्भ में डबल्यूटीओ के बौद्धिक संपदा अधिकार से जुड़े व्यापार संबंधित पहलुओं (ट्रिप्स) पर गौर करने की जरूरत पर भी जोर दिया।
- भारत की वित्त मंत्री ने इस बात पर काफी ज़ोर दिया कि कोविड-19 महामारी की चुनौतियों से निपटने के लिये वैश्विक स्तर पर सबको मिलकर काम करने की जरूरत है।
- कोविड-19 महामारी से संबन्धित मुद्दों के अलावा, उन्होने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम का भी जिक्र किया।
- वैक्सीन बनाने वाली कई भारतीय कंपनियों को हाल ही में वैक्सीन के उत्पादन में समस्याओं का सामना करना पड़ा था, क्योंकि यूरोप और अमेरिका ने इसके कच्चे माल के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था।
एशियाई विकास बैंक
- 19 दिसम्बर 1966 को एशियाई देशों के आर्थिक विकास के सुगमीकरण के लिए की गयी
- मुख्यालय मनीला, फिलीपींस में है।
- इस बैंक की स्थापना 31 सदस्यों के साथ हुई थी।
- वर्तमान में एडीबी के 68 सदस्य हैं;
- जिसमे से 49 एशिया और पैसिफिक से हैं और 19 सदस्य बाहरी हैं।
विश्व व्यापार संगठन (WTO)
- विश्व व्यापार संगठन 1 जनवरी, 1995 को बहुआयामी व्यापार समझौते के उरुग्वे दौर में
- मुख्यालय जेनेवा (स्विट्जरलैंड) में स्थित है।
कार्य
- व्यापार समझौतों को प्रशासित करना,
- व्यापार प्रतिनिधियों के लिए फोरम की स्थापना करना
- व्यापार विवादों को सुलझाना,
- व्यापार नीतियों की निगरानी करना,
टीम रूद्रा
मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs )
अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता)
डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या
अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर)
योगराज पटेल (VDO)-
अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )
प्रशांत यादव – प्रतियोगी –
कृष्ण कुमार (kvs -t )
अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)
मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)
अश्वनी सिंह – प्रतियोगी
प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।