30 May 2021 Current affairs

मध्याह्न भोजन योजना के तहत बच्चों के लिए नकदी सहायता

  • केंद्र सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से कक्षा 8 तक पढ़ने वाले, मध्याह्न भोजन योजना के लाभार्थी, प्रत्येक बच्चे को लगभग ₹100 देने का फैसला किया गया है।
  • इस प्रकार प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से , ₹1200 करोड़ की कुल राशि, 11.8 करोड़ बच्चों के लिए एकमुश्त भुगतान के रूप में प्रदान की जाएगी।

मध्याह्न भोजन योजना’ के तहत नकद भुगतान:-

  • यह राशि, ‘मध्याह्न भोजन योजना’ के तहत ‘खाना पकाने की लागत’ घटक से दी जाएगी।
  • वर्ष 2021-22 में खाना पकाने की लागत, ‘मध्याह्न भोजन योजना’ के लिए केंद्रीय आवंटन का सबसे बड़ा घटक है।।
  • इसमें दालों, सब्जियों, खाना पकाने का तेल, नमक और मसालों जैसी सामग्री की कीमतों को शामिल किया गया है।

मध्याह्न भोजन योजना’ के बारे में:-

  • यह योजना, सरकारी विद्यालयों, सहायता प्राप्त स्कूलों तथा समग्र शिक्षा के अंतर्गत सहायता प्राप्त मदरसों में सभी बच्चों के लिए एक समय के भोजन को सुनिश्चित करती है।
  • इस योजना के अंतर्गत, आठवीं कक्षा तक के छात्रों को एक वर्ष में कम से कम 200 दिन पका हुआ पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाता है।
  • इस योजना का कार्यान्वयन मानव संसाधन विकास मंत्रालय के द्वारा किया जाता है।
  • इस योजना को एक केंद्रीय प्रायोजित योजना के रूप में 15 अगस्त, 1995 को पूरे देश में लागू किया गया था।
  • इसे प्राथमिक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पौषणिक सहायता कार्यक्रम (National Programme of Nutritional Support to Primary Education: NP– NSPE) के रूप में शुरू किया गया था।
  • वर्ष 2004 में, इस कार्यक्रम को मिड डे मील योजना के रूप में फिर से शुरू किया गया था।

उद्देश्य:

  • भूख और कुपोषण को दूर करना, स्कूल में नामांकन और उपस्थिति बढ़ाना, विभिन्न जातियों के मध्य समाजीकरण में सुधार करना, जमीनी स्तर पर, विशेष रूप से महिलाओं को रोजगार प्रदान करना।

मध्याह्न भोजन योजना (MDM) नियम 2015 के अनुसार:-

  • बच्चों को केवल स्कूल में ही भोजन परोसा जाएगा।
  • खाद्यान्नों की अनुपलब्धता अथवा किसी अन्य कारणवश, विद्यालय में पढाई के किसी भी दिन यदि मध्याह्न भोजन उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो राज्य सरकार अगले महीने की 15 तारीख तक खाद्य सुरक्षा भत्ता का भुगतान करेगी।
  • निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के अंतर्गत अधिदेशित स्कूल प्रबंधन समिति मध्याह्न भोजन योजना के कार्यान्वयन की निगरानी करेगी।

आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट 2020-21

वित्तीय वर्ष 2020-21 में विदेशी मुद्रा लेन-देन से लाभ 29,993 करोड़ से बढ़कर 50,629 करोड़ हो गया है।

सरकार को अधिशेष स्थानांतरण

  • मार्च 2021 की वित्तीय वर्ष की समाप्ति के दौरान प्रावधानों में तेज गिरावट खर्च में कमी न्यून प्रावधानों के कारण थी और विदेशी मुद्रा लेनदेन के लाभ के पश्चात आरबीआई इस वर्ष सरकार को अधिशेष के रूप में एक उच्च राशि (99,122 करोड) हस्तानांतरित करने में सक्षम है। इससे सरकार को कोविड-19 से लड़ने में मदद मिलेगी।
  • आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 47 के अनुसार खराब और संदिग्ध ऋणों के लिए प्रावधान बनाने के पश्चात संपत्ति में मूल्यह्रास, कर्मचारियों और सेवानिवृत्त निधि में योगदान और उन सभी मामलों हेतु जिनके लिए प्रावधान अधिनियम द्वारा या उसके तहत किए जाने हैं। या बैंकरों द्वारा जो आमतौर पर प्रदान किए जाते हैं, आरबीआई के लाभ की शेष राशि का भुगतान केंद्र सरकार को करना होता है।
  • अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 3.5% मजबूत हुआ है लेकिन वर्ष 2020- 21 के दौरान अन्य एशियाई देशों की तुलना में भारत का प्रदर्शन काफी कमजोर रहा है।
  • वर्ष 2020 -21 में ₹100000 या उससे अधिक की बैंक धोखाधड़ी से संबंधित मामलों के कुल मूल्य में 25% की गिरावट आई है।

डिजिटल भुगतान

  • कोविड-19 ने डिजिटल भुगतान के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • वैश्विक डिजिटल परिस्थितिकी तंत्र में भारत की स्थिति और मजबूत करने हेतु विभिन्न उपाय जैसे – नवाचार केंद्र, नियामक सेडबास और ऑफलाइन भुगतान समाधान जैसी विभिन्न पहलुओं पर जोर दिया जा रहा है।
  • आरबीआई ने देशभर में बैंक शाखाओं और एटीएम के स्थान का पता लगाने के लिए जियो टैगिंग ढांचे का विस्तार करने पर जोर दे रहा है।
  • इसके अलावा सीमा पार लेन देन की सुविधा के लिए भारत की घरेलू भुगतान प्रणाली का लाभ उठाने की संभावना का पता लगाया जा रहा है। और प्रेषण के लिए कारिडोर स्थापित करने तथा शुल्क समाप्त करने की समीक्षा की जा रही है।

तरलता सुनिश्चित करना

  • RBI मौद्रिक नीति के अनुरूप 2021-22 के दौरान वित्तीय प्रणाली में सरलता सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगा।

आर्थिक विकास

  • जैसे-जैसे टीकाकरण अभियान में तेजी आएगी और संक्रमण के मामले में गिरावट होगी, वैसे ही आर्थिक विकास में भी तेजी आएगी।
  • आरबीआई ने वर्ष 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद GDP में 10.5% की वृद्धि दर की भविष्यवाणी की है।

क्लाइमेट ब्रेकथ्रू समिट

यह W.E.F मिशन पॉसिबल पार्टनरशिप,U.N. क्लाइमेट चैंपियंस और यूनाइटेड किंगडम (Cop-26) के बीच एक सहयोग है।
उद्देश्य – जीरो कार्बन अर्थव्यवस्था, जोकि न्यून उर्जा खपत और न्यून प्रदूषण के आधार पर हरित परिस्थितिकी अर्थव्यवस्था को संदर्भित करता है।
• इसका प्रमुख अभियान – Race to zero

शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताएं
• U.N. ने 2050 तक तापमान वृद्धि को पूर्व औद्योगिक स्तर की तुलना में 1.5 डिग्री सेंटीग्रेड तक सीमित रखने का लक्ष्य।
• मर्स्क ( maersk) विश्व की सबसे बड़ी कंटेनर शिपिंग लाइन तथा पोत संचालक है, इसने 2030 तक अपने उत्सर्जन को आधा करने के साथ race to zero में शामिल हो गया है।

महत्त्व
• औद्योगिक क्षेत्र में उत्सर्जन में कमी।
• स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा।
• ईधन आपूर्तिकर्ता देशों पर निर्भरता घटेगी।
• जलवायु परिवर्तन में कमी।

Race to zero – U.N. समर्थित अभियान जिसमें गैर राज्य अभिनेता ( non- state actors) द्वारा अपने उत्सर्जन को 2030 तक आधा करने का लक्ष्य रखा गया है।

मेकेदातू परियोजना : कावेरी नदी

• कुल लागत 9000 करोड़
उद्देश्य

  • बेंगलुरु शहर के लिए पानी की आपूर्ति।
  • 400 मेगावाट बिजली उत्पन्न करने का प्रस्ताव।
  • 2017 में कर्नाटक सरकार द्वारा अनुमोदित।

तथ्य

  • जल संसाधन मंत्रालय की मंजूरी मिल चुकी है।
  • पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की मंजूरी मिलना अभी बाकी है।
  • इस परियोजना से कावेरी वन्य जीव अभ्यारण का 63% वन क्षेत्र जलमग्न हो जाएगा।
  • 2018 में तमिलनाडु राज्य द्वारा परियोजना के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील की गई, हालांकि कर्नाटक ने आश्वासन दिया तमिलनाडु के जल प्रवाह को प्रभावित नहीं करेगा।
  • जून 2020 में, कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक के दौरान तमिलनाडु ने पुनः विरोध व्यक्त किया।
  • कर्नाटक को बिना निचले तटवर्ती राज्य यानि तमिलनाडु के बिना (सहमति) अंतराज्यीय नदी पर कोई जलाशय से बनाने का अधिकार नहीं है।
  • CWDT ( Cavvery water dispute Tribunal ) और सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि कावेरी बेसिन में उपलब्ध मौजूदा भंडारण सुविधा जल भंडारण और वितरण हेतु पर्याप्त थी, इसलिए कर्नाटक का प्रस्ताव सीधे तौर पर खारिज कर दिया जाना चाहिए।

         “ युवा ” योजना 

  चर्चा में क्यों

 शिक्षा मंत्रालय ने “ युवा ” – युवा लेखकों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रधानमंत्री योजना की शुरुआत की है । 

    तथ्य

  • युवा ( YUVA ) का मतलब युवा , आगामी और बहुमुखी लेखकों है । 
  • इसे देश में पढ़ने , लिखने और पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किया गया है । 
  • इसे भारत @ 75 परियोजना ( आजादी का अमृत महोत्सव ) के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया है ।
  •  यह युवा पीढ़ी के लेखकों को विस्मृत नायकों , स्वतंत्रता सेनानियों , अज्ञात और भूले हुए स्थानों और राष्ट्रीय आंदोलन में उनकी भूमिका पर लिखने के लिए प्रोत्साहित करेगा । 
  •  इसे शिक्षा मंत्रालय के तहत नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा लागू किया जाएगा । 
  • एक अखिल भारतीय प्रतियोगिता के माध्यम से कुल 75 लेखकों का चयन किया जाएगा ।
  • कुछ चयनित युवा लेखक दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ लेखकों के साथ बातचीत करेंगे । 
  • इस मेंटरशिप योजना के तहत लेखकों को छह महीने के लिए 50,000 रुपये प्रति माह की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी ।

 टीम रूद्रा

मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs ) 

अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता) 

डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या 

अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर) 

योगराज पटेल (VDO)- 

अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )

प्रशांत यादव – प्रतियोगी – 

कृष्ण कुमार (kvs -t ) 

अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)

 मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)

अश्वनी सिंह – प्रतियोगी

प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।

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