‘WHO COVID-19 App’
सन्दर्भ
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में एक COVID-19 मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च की है। यह एप्लीकेशन यूजर्स को कोविड-19 पर नवीनतम अपडेट्स प्रदान करेगी। इस एप्लीकेशन को “WHO COVID-19 App” नाम दिया गया है।
मुख्य बिंदु
- यह मोबाइल एप्लीकेशन संगठन और क्षेत्रीय भागीदारों के विशेषज्ञों से विश्वसनीय जानकारी प्रदान करेगा।
- इस एप्लीकेशन को “WHO Academy COVID-19 Mobile Learning App” नाम दिया गया है।
- यह कोविड-19 के वैज्ञानिक निष्कर्षों के बारे में नियमित अपडेट्स प्रदान करेगा।
- इस एप्प के माध्यम से कोविड-19 रोग के लक्षणों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
- यह एप्प वैक्सीन की प्रगति की जानकारी भी प्रदान करेगा।
- यह एप्प सात अलग-अलग भाषाओं जैसे अंग्रेजी, अरबी, पुर्तगाली, फ्रेंच, चीनी, स्पेनिश, रूसी में उपलब्ध है।
महत्व
यह मोबाइल एप्लीकेशन यह सुनिश्चित करेगा कि केवल सत्यापित और वैज्ञानिक रूप से सटीक जानकारी नागरिकों तक पहुंचे।
6 महीने के लिए AFSPA को बढ़ाया गया
सन्दर्भ
केंद्र सरकार ने नागालैंड को अशांत क्षेत्र घोषित करते हुए सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (AFSPA) को नागालैंड में 6 महीने के लिए बढ़ाया है।
सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (AFSPA)
- AFSPA को 1958 में लागू किया गया था,
- इसका उपयोग अशांत घोषित किये गये क्षेत्रों में किया जाता है।
- इस अधिनियम के द्वारा किसी क्षेत्र में धार्मिक, नस्लीय, भाषायी तथा समुदायों के बीच विवाद के कारण इसे राज्य अथवा केंद्र सरकार द्वारा अशांत घोषित किया जा सकता है।
अशांत क्षेत्र की घोषणा
- इस अधिनियम के सेक्शन 3 में राज्य अथवा केंद्र शासित प्रदेश के राज्यपाल को भारत में गज़ट में अधिसूचना जारी करने की शक्ति दी गयी,
- जिसे बाद केंद्र के पास नागरिकों की सहायता के लिए सशस्त्र बल भेजने की शक्ति है।
- यह स्थिति कम से कम तीन महीने के लिए लागू होगी।
नोट – वर्तमान में AFSPA इन राज्यों में लागू है : असम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश (केवल तिरप, चांगलांग और लॉन्गदिंग जिले तथा असम के साथ 20 किलोमीटर की सीमा में), मणिपुर (इम्फाल नगरपालिका क्षेत्र के अतिरिक्त), मेघालय (असम के साथ 20 किलोमीटर सीमा तक ही सीमित) तथा जम्मू-कश्मीर।
स्वदेशी वैक्सीन ‘न्यूमोसिल’
- सिरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया द्वारा निर्मित पूर्ण स्वदेशी ‘न्यूमोकोकल’ कंजुगेट वैक्सीन( Pneumococcal Conjugate Vaccine- PVC) को लांच किया गया है।
- यह वैक्सीन न्यूमोकोकल जीवाणु को लक्षित करती है जो निमोनिया और मेनिनजाइटिस (Meningitis) व सेप्सिस जैसी जानलेवा बीमारियों का प्रमुख कारक है।
- WHO के अनुसार, 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में मृत्यु के कुल मामलों में 15% का कारक निमोनिया होता है।
जीरो कूपन पुनर पुनर्पूंकरण बाण्ड
- जारीकर्ता- भारत सरकार
- कारण- पंजाब और सिंध बैंक के पुनर्पूंजीकरण हेतु
- कीमत- 5,500 करोड़
बैंक पुनर्पूंजीकरण (ReCapitalisation)
- राज्य द्वारा संचालित बैंकों में पूंजी पर्याप्तता मानदंड को पूरा करने के लिए उनमें पूंजी डालना।
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए पूंजी पर्याप्तता अनुपात (Capital adequacy Ratio- CAR)- 12%
C.A.R.- जोखिम भारित संपत्ति और वर्तमान देनदारियों के मध्य बैंक की पूंजी का अनुपात होता है।
विशेष शून्य कूपन पुनर्पूंजीकरण बाण्ड
- बाण्ड जो विशेष रूप से सरकार द्वारा किसी संस्था को जारी किया जाता है।
- यह बाण्ड व्यापार योग्य नहीं होता न ही स्थानांतरण किया जा सकता।
- यह R.B.I के परिपक्व प्रतिभूतियों (Held-To’Maturity-HTM) में शामिल हैं।
- ब्याज प्राप्त नहीं होता।
- अवधि- 10-15 वर्ष के लिए।
विधानसभा सत्र आह्वान में राज्यपाल की भूमिका
- हाल ही में केरल के राज्यपाल द्वारा कृषि कानून पर विशेष सत्र बुलाए जाने के मंत्रिमंडल की मांग को खारिज कर दिया।
संवैधानिक प्रावधान
- Art-174- राज्यपाल समय-समय पर स्थान जहां वो ठीक समझे विधानमंडल के सदन/प्रत्येक सदन को अधिवेशन के लिए आहत कर सकता है।
Art-163- राज्यपाल को सदन बुलाने का विशेषाधिकार प्राप्त है, परंतु राज्यपाल को मंत्रिमंडल की ‘सहायता और सलाह’ पर कार्य करना आवश्यक है।
अपवाद
- सदन के पास बहुमत ना होने की स्थिति पर।
- इस स्थिति में राज्यपाल विवेकाधीन शक्तियों का प्रयोग करता है।
- राज्यपाल के विवेकाधीन शक्तियों को न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है।
सदन को आहत करना (Summon)- संसद/विधानसभा के सभी सदस्य को मिलने के लिए बुलाने की प्रक्रिया।
स्थगित करना (Prorogue)- सदन के एक सत्र की समाप्ति।
भंग करना (Dissolve)- संसद को पूरी तरह समाप्त अर्थात नए चुनाव के बाद ही सदन का गठन होगा।
सरकारिया आयोग (1983)
- विषय- केंद्र-राज्य संबंध।
- राज्यपाल विधानसभा के मंत्रिमंडल की सलाह बाध्यकारी होगी जब तक उसे बहुमत प्राप्त है।
- संवैधानिक प्रावधानों के उल्लंघन पर ही राज्यपाल अपनी विवेकाधीन शक्तियों का प्रयोग करता है।
ढाका द्वारा शरणार्थियों को भासन चार द्धिप पर स्थानांतरण
संदर्भ
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद बांग्लादेश ने रोहिंग्या शरणार्थियों को’बंगाल की खाड़ी’ में स्थित एक विवादित बाढ़ – प्रवण भाषन चार द्वीप पर स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है।
संबंधित चिंताएं
- भाषन चार द्वीप का निर्माण मात्र 20 वर्ष पूर्व बंगाल की खाड़ी में हिमालयन गाद से हुआ था।इस द्वीप पर मौसमी चरम स्थितियों और आयात स्थिति में मुख्य भूमि से दूरी को लेकर लगातार चिंताएं व्यक्त की जाती रही हैं।
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