जल जीवन मिशन (शहरी)
चर्चा में क्यों?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021 के केंद्रीय बजट में शहरी क्षेत्रों के लिए एक सार्वभौमिक जल आपूर्ति योजना- जल जीवन मिशन (शहरी) की घोषणा
प्रमुख बिन्दु
- अवधि पाँच वर्ष रखी गयी है।
- इसके तहत 2,87,000 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है।
- इसका सार्वभौमिक जल आपूर्ति योजना का उद्देश्य सभी 4,378 शहरी स्थानीय निकायों में 2.86 करोड़ घरों तक नल-जल की आपूर्ति सुनिश्चित करना
- 500 अमृत शहरों में तरल अपशिष्ट का प्रबंधन करना है।
- यह योजना 2021 से 2026 तक पांच वर्ष की अवधि के लिए लागू की गई है।
भारत में स्वच्छ जलापूर्ति की स्थिति
- सभी घरों तक नल-जल की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए देश का 12वां प्रयास है,
- भारत एक भी वांक्षित सफलता प्राप्त नहीं की है।
- इस योजना के तहत अभी तक केवल लक्षित घरों (6.55 करोड़) में से केवल 34 प्रतिशत घरों तक ही नल-जल की पहुंछ सुनिश्चित हो सकी है।
मिशन के बारे में
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ‘जल जीवन मिशन’ की घोषणा की थी।
- मुख्य उद्देश्य 2024 तक सभी घरों को पाइप के जरिये पानी पहुंचाना है।
- कृषि में पुनः उपयोग के लिए वर्षा जल संचयन, भू-जल पुनर्भरण और घरेलू अपशिष्ट जल प्रबंधन हेतु बुनियादी ढाँचे के निर्माण पर भी ज़ोर दिया जा रहा है।
म्यांमार में सेना द्वारा तख्तापलट
संदर्भ
- हाल ही में, म्यांमार के सेना ने नोबेल पुरस्कार विजेता ‘आंग सान सू की’ की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के खिलाफ तख्तापलट कर दिया है।
- सेना का कहना है, कि नेताओं को ‘चुनावी धोखाधड़ी’ की प्रतिक्रिया स्वरूप हिरासत में लिए गया है।
भारत के लिए निहितार्थ:
- भारत के लिए, म्यांमार की सेना ‘तातमाडॉ’ द्वारा सैन्य शासन की वापसी और आंग सान सू की तथा नेशनल लीग ऑफ डेमोक्रेसी (NLD) के राजनीतिक नेताओं की गिरफ्तारी, 30 साल पहले की घटनाओं का दोहराव है।
प्रतिक्रिया:
- भारत की प्रतिक्रिया इस बार अलग होने की संभावना है।
- इसका महत्व जानते हुए भी वह सैन्य तख्तापलट का विरोध करने का जोखिम नहीं उठा सकता है। क्योंकि
- म्यांमार की सेना के साथ भारत के सुरक्षा संबंध प्रगाढ़ हो चुके हैं,
- सुश्री ‘सू की’ सेना रखाइन राज्य में रोहिंग्या समुदाय पर नृशंसता करने से रोकने में विफल रहीं
- अमेरिका की तरह भारत की कठोर प्रतिक्रिया से मुख्यतः चीन को लाभ होगा।
- भारत ने म्यांमार में कई अवसंरचना एवं विकास परियोजनाओं में निवेश किया है।
- भारत के लिए अभी भी बांग्लादेश में पलायन करने वाले रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दे को सुलझाने में मदद करने की उम्मीद है,
म्यांमार का सैन्य संविधान:
- म्यांमार में सेना द्वारा वर्ष 2008 में एक संविधान का मसौदा तैयार किया गया था,
- यह संविधान, सेना द्वारा तैयार किया गया ‘लोकतंत्र का रोडमैप’ था, जिसे सेना ने पश्चिमी देशों के दबाव के कारण निर्मित किया था।
- संसद के दोनों सदनों में 25 प्रतिशत सीटें सेना के लिए आरक्षित की गयी है,
- एक प्रतिनिधि राजनीतिक दल का गठन किया गया जो सेना की ओर से चुनावों में भाग लेता है।
स्टारडस्ट 1.0
चर्चा में क्यों
31 जनवरी को ‘मेन (Maine)’, अमेरिका स्थित लोरिंग कॉमर्स सेंटर से स्टारडस्ट 1.0 प्रक्षेपित किया गया था।
तथ्य
- यह जैवईंधन चालित पहला वाणिज्यिक अंतरिक्ष प्रक्षेपण बन गया है।
- ये जैवईंधन, पारंपरिक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले रॉकेट ईंधन के विपरीत पर्यावरण के लिए अ-हानिकारक है।
- ‘स्टारडस्ट 0’ छात्रों एवं बजट पेलोड के लिए उपयुक्त एक प्रक्षेपण वाहन है।
‘जैवईंधन’ क्या होते हैं?
- कोई भी हाइड्रोकार्बन ईंधन, जो किसी कार्बनिक पदार्थ (जीवित अथवा मृत पदार्थ) से कम समय (दिन, सप्ताह या महीने) में निर्मित होता है, जैव ईंधन (Biofuels) माना जाता है।
- जैव ईंधन प्रकृति में ठोस, तरल या गैसीय हो सकते हैं।
ठोस: लकड़ी, पौधों से प्राप्त सूखी हुई सामग्री, तथा खाद
तरल: बायोएथेनॉल और बायोडीजल
गैसीय: बायोगैस
भारत का पहला डिजिटल केंद्रीय बजट
चर्चा में क्यों
भारत का पहला डिजिटल केंद्रीय बजट केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा 01 फरवरी को पेश किया गया ।
तथ्य
- केंद्रीय बजट 2021-22 भारत का पहला डिजिटल केंद्रीय बजट है ।
- केंद्रीय बजट दस्तावेजों को पहली बार भौतिक रूप में नहीं छापा गया है ।
- केंद्रीय बजट 2021-22 ‘ केंद्रीय बजट मोबाइल ऐप ‘ पर ऑनलाइन उपलब्ध होगा ।
- केंद्रीय बजट 2021 22 के छह स्तंभ हैं ।
1- स्वस्थ्य एवं खुशहाली
2- भौतिक एवं वित्तीय पूंजी , और अवसंरचना
3- आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास
4- मानव पूंजी को फिर से ऊर्जावान बनाना
5- नवाचार और अनुसंधान व विकास
6- न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन
- बजट भाषण के अलावा , बजट में वार्षिक वित्तीय विवरण ( अनुच्छेद 112 ) , अनुदान की मांग ( अनुच्छेद 113 ) , वित्त विधेयक ( 110 ) और अन्य दस्तावेज भी शामिल होते हैं ।
बजट
- भारत में बजट 2016 के बाद से फरवरी के पहले दिन वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया जाता है ।
- जेम्स विल्सन ने 18 फरवरी , 1860 को भारत में पहला बजट पेश किया ।
- स्वतंत्रता के बाद , पहला केंद्रीय बजट 26 नवंबर 1947 को स्वतंत्र भारत के पहले वित्त मंत्री , आर.के. शनमुखम चेट्टी द्वारा पेश किया गया ।
विश्व आद्रभूमि दिवस 2021
सन्दर्भ
2 फरवरी यह हर साल 2 फरवरी को मनुष्यों और पृथ्वी के लिए आर्द्रभूमि के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है ।
- 2 फरवरी 1971 को ईरान के रामसर में वेटलैंड्स पर कन्वेंशन को अपनाने की तारीख को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है ।
2021 का विषय – वेटलैंड्स एंड वॉटर ‘
- रामसर कन्वेंशन 1971 में अपनाया गया था और 1975 में लागू हुआ ।
- यह दुनिया भर में सभी आर्द्रभूमि के संरक्षण के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है ।
- वर्तमान में , भारत के 42 वेटलैंड रामसर सूची में हैं ।
- वेटलैंड भूमि का एक क्षेत्र है जो या तो पानी से ढका या पानी से संतृप्त होता है । इसमें मैन्ग्रोव्स , डेल्टास , बाढ़ से प्रभावित ज़मीन , राइस – फील्ड्स , कोरल रीफ्स आदि शामिल हैं ।
नासा का नया कार्यकारी प्रमुख
सन्दर्भ
भारतीय – अमेरिकी वैज्ञानिक भाव्य लाल को नासा के कार्यकारी प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है ।
तथ्य
- उन्होंने 2005 से 2020 तक इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस एनालिसिस साइंस एंड टेक्नोलॉजी पॉलिसी इंस्टीट्यूट ( एसटीपीआई ) में शोध कर्मचारियों के सदस्य के रूप में काम किया है ।
- वह अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी , रणनीति और नीति विश्लेषण में अनुभवी है । उन्होंने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से संबंधित कई समितियों की अध्यक्षता भी की है।
- वह न्यूक्लियर एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज ऑन स्पेस ( NETS ) वार्षिक सम्मेलन की सह
- संस्थापक हैं । वह परमाणु इंजीनियरिंग और सार्वजनिक नीति सम्मान सोसायटी की सदस्य हैं । –नासा
- नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ( NASA ) अमेरिकी संघीय सरकार की एक स्वतंत्र अंतरिक्ष एजेंसी है ।
- 1958 में स्थापित किया गया था।
- यह संयुक्त राज्य अमेरिका में अंतरिक्ष कार्यक्रम , और अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए जिम्मेदार है।
- इसका मुख्यालय वाशिंगटन , डी.सी. में स्थित है । P
टीम रूद्रा
– मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs )
- अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता)
- डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या
- अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर)
- योगराज पटेल (VDO)-
- अभिषेक कुमार वर्मा (प्रतियोगी)
- प्रशांत यादव – प्रतियोगी –
- कृष्ण कुमार (kvs -t )
- अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)
- मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)
- प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।