पद्म पुरस्कार 2021
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में पद्म पुरस्कार 2021(Padma Awards 2021) की घोषणा की गई है।
प्रमुख बिन्दु
- 119 लोगों को पद्म पुरस्कार प्रदान किए जाने की घोषणा की गई है। जिसमें 7 पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 102 पद्मश्री पुरस्कार हैं।
- 29 महिलाएं ,एनआरआई, पीआईओ और ओसीआई 10 लोगों को शामिल किया गया है।
- वहीं 16 लोगों को मरणोपरांत पद्म, एक व्यक्ति को ट्रांसजेंडर की श्रेणी में पद्म पुरस्कार दिया जाएगा।
पद्म विभूषण पाने वाले व्यक्ति
- जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे (पब्लिक अफेयर्स)
- एस पी बालासुब्रमण्यम (मरणोपरांत)- कला
- सुदर्शन साहू( कला)
- बी बी लाल (पुरातत्व)
- मौलाना वहीद्दुीन खान (अध्यात्मवाद)
- डॉक्टर मोनप्पा हेगडे(मेडिसिन)
- नरिंदर सिंह कपानी (विज्ञान और इंजीनियरिंग)
पद्म भूषण पाने वाले व्यक्ति
- असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई (पब्लिक अफेयर्स)
- पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन (पब्लिक अफेयर्स)
- नृपेंद्र मिश्रा (सिविल सेवा)
- पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (मरणोपरांत)- पब्लिक अफेयर्स
- धर्मगुरु कब्ले सादिक (मरणोपरांत) – अध्यात्मवाद
- कृष्णन नायर शांतकुमारी (कला)
- चंद्रशेखर कंबरा (साहित्य एंव शिक्षा)
- केशुभाई पटेल (मरणोपरांत)- पब्लिक अफेयर्स
- रजनीकांत देवीदास (व्यापार और उद्योग)
- तरलोचन सिंह (पब्लिक अफेयर्स)
तथ्य
- 1954 में स्थापित किए गए इन पुरस्कारों की घोषणा प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है।
- पद्म विभूषण’ असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए।
- ‘पद्म भूषण’ उच्च क्रम की विशिष्ट सेवा के लिए
- ‘पद्मश्री’ किसी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं।
क्वाड नौसैनिक अभ्यास: ‘सी ड्रैगन’
चर्चा में क्यों?
प्रशांत महासागर में क्वाड देशों (अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया) के मध्य आयोजित की जा रही एक संयुक्त नौसेना अभ्यास ‘सी ड्रैगन’ में पहली बार कनाडा भी भाग ले रहा है।
सी ड्रैगन 2021 के बारे मे
- आयोजन संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अमेरिकी क्षेत्र गुआम स्थित एंडरसन एयर फोर्स बेस में किया जा रहा है।
- प्रतिभाग रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फोर्स, इंडियन नेवी और जापान मैरीटाइम सेल्फ-डिफेंस फोर्स
पृष्ठभूमि?
- ‘क्वाड’ हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के चार देशों भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका का एक समूह है।
- हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के कुछ समुद्री भागों के हिस्से को हिंद प्रशांत क्षेत्र (Indo- Pacific Area) कहते हैं।
- 2017 में भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका ने मिलकर ‘क्वाड’ को ‘क्वाड’ 2.0 के रूप में फिर से पुनर्जीवित किया।
उद्देश्य
- क्वाड के सैन्यीकरण से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्र नेविगशन सुनिश्चित होगा और इस क्षेत्र की सुरक्षा में भी इजाफा होगा क्योंकि क्वाड ग्रुप के सदस्य देशों का लक्ष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति व स्थिरता को बढ़ावा देना है।
वैश्विक जलवायु जोखिम सूचकांक – 2021
चर्चा में क्यों?
वैश्विक जलवायु जोखिम सूचकांक-2021 के अनुसार, 2019 में जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित देशों में भारत सातवें स्थान पर है।
सूचकांक के बारे में
- जर्मनी के बान में स्थित एक गैर-सरकारी संगठन द्वारा जारी किया जाता है।
- इस सूचकांक में मौसम से संबंधी घटनाओं जैसे तूफान, बाढ़, ताप लहरें आदि।
संबंधित तथ्य
- 2021 में जारी सूचकांक, वैश्विक जलवायु जोखिम सूचकांक का 16वां अंक है।
- सूचकांक-2021 के अनुसार वर्ष 2019 में सबसे अधिक प्रभावित देश थे- मोजाम्बिक ,जिम्बाब्वे , बहामास।
भारत की स्थिति
- सूचकांक-2021 में भारत 7वें स्थान पर है, जबकि -2020 में भारत 5वें स्थान पर था।
- अधिक वर्षा के कारण आने वाली बाढ़ के कारण लगभग 1800 लोगों की मृत्यु हुई और लगभग 1.8 मिलियन लोगों को पलायन करना पड़ा।
- आठ उष्णकटिबंधीय चक्रवात आए जिसमें से छह “बहुत गंभीर” प्रकृति के थे।
- चक्रवात फानी से 28 मिलियन लोग प्रभावित तथा 8.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की आर्थिक हानि हुई।
ग्रीन बॉण्ड
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किये गए एक अध्ययन के अनुसार, भारत में सूचना विषमता के कारण ग्रीन बॉण्ड जारी करने की लागत प्रायः अन्य बॉण्डों की तुलना में अधिक रही है।
ग्रीन बॉण्ड के बारे में:
- ग्रीन बॉण्ड ऋण प्राप्ति का एक साधन है जिसके माध्यम से ग्रीन ’परियोजनाओं के लिये धन जुटाया जाता है,
- यह मुख्यतः नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ परिवहन, स्थायी जल प्रबंधन आदि से संबंधित होता है।
- बॉण्ड जो कि आय का एक निश्चित साधन होता है, एक निवेशक द्वारा उधारकर्त्ता को दिये गए ऋण का प्रतिनिधित्व करता है।
- पारंपरिक बॉण्ड द्वारा निवेशकों को एक निश्चित ब्याज दर का भुगतान किया जाता है।
वर्तमान शेयर:
- वर्ष 2018 के बाद से भारत में जारी सभी प्रकार के बॉण्ड में ग्रीन बॉण्ड का हिस्सा मात्र 0.7% रहा है।
- हालाँकि मार्च 2020 तक गैर-पारंपरिक ऊर्जा के लिये बैंकों द्वारा दिया जाने वाला ऋण, विद्युत क्षेत्र के बकाया कुल बैंक ऋण का लगभग 7.9 प्रतिशत है।
- भारत में ज़्यादातर ग्रीन बॉण्ड सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों या कॉर्पोरेट्स द्वारा बेहतर वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखकर जारी किये जाते हैं।
चुनौतियाँ
- उच्च कूपन दर।
- उधार लेने की उच्च लागत।
- धन का दुरुपयोग।
- क्रेडिट रेटिंग का अभाव।
श्रमशक्ति पोर्टल
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय ने प्रवासी श्रमिकों के लिये राज्य और राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों के निर्माण को सुचारु बनाने के लिये एक राष्ट्रीय प्रवासन सहायता पोर्टल- ‘श्रमशक्ति’ शुरू किया है।
- इसके अलावा श्रमिकों के लिये एक प्रशिक्षण पुस्तिका ‘श्रमसाथी’ का भी शुभारंभ किया गया।
पोर्टल के बारे में
- इस पोर्टल की शुरुआत आदिवासी प्रवासी श्रमिकों से संबंधित डेटा एकत्र करने और उस डेटा को मौजूदा कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने के लिये की गई है।
उद्देश्य
- डेटा अंतराल को संबोधित करना।
- नीति निर्माण में सहायक।
- प्रवासियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों को संबोधित करना
- तस्करी
- मज़दूरों के वेतन और उनके उत्पीड़न से संबंधित मुद्दे
- कार्यस्थल पर व्यावसायिक जोखिम आदि
- अन्य योजनाओं से जोड़ना
Team rudra
Abhishek Kumar Verma
Amarpal Verma
Krishna
Yograj Patel
anil Kumar Verma
Rajeev Kumar Pandey
Prashant Yadav
Dr.Sant lal
Sujata Singh
Anand Yadav
Geography team mppg college ratanpura mau
Surjit Gupta
Saty Prakash Gupta
Sujit kumar prajapati
Shubham Singh
Akhilesh Kumar