मजदूरी रोजगार योजना
चर्चा में क्यों
तमिलनाडु में शहरी गरीबों के लिए मजदूरी रोजगार योजना तमिलनाडु सरकार द्वारा प्रस्तावित यह मनरेगा की तर्ज पर राज्य में लागू किया जाएगा। इसका उद्देश्य शहरी गरीबों की आजीविका में सुरक्षा करना है।
आवश्यकता
- राज्य में शहरी आबादी की बढ़ती गति बताती है कि राज्य में 2036 तक कुल आबादी का 60% हो जाएगी।
- कोरोना महामारी के कारण शहरी क्षेत्रों में नौकरियों का जाना।
उद्देश्य
- प्रत्येक परिवार में इच्छुक वयस्कों को न्यूनतम 100 दिन का रोजगार।
- कुओं, तालाबों, सड़कों व शहरों जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थाई परिसंपत्तियों का निर्माण करना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले शहरी प्रवसन को कम करना।
- प्रशिक्षण के द्वारा श्रम का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना।
पात्रता मानदंड
- भारत का नागरिक होना चाहिए।
- आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- आवेदक किसी स्थानीय परिवार का हिस्सा होना चाहिए।
- आवेदक स्वेच्छा से अकुशल श्रम के लिए तैयार होना चाहिए।
योजना का कार्यान्वयन
- आवेदन जमा करने के 15 दिन के भीतर रोजगार दिया जाना।
- पारदर्शिता वह जवाबदेही हेतु समय-समय पर सोशल ऑडिट।
- शिकायत दर्ज कराने की ग्राम सभा स्तर पर जांच।
- 15 दिन के भीतर रोजगार न मिलने पर रोजगार भत्ता।
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन
चर्चा में क्यों
इस मिशन का कार्यकाल 17 सितंबर को समाप्त हो रहा है। इसके कार्य विधि के नवीनीकरण हेतु वैश्विक नेताओं द्वारा एक बैठक आयोजित करने की योजना।
• अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी व सत्ता पर तालिबान की वापसी के बाद उसके द्वारा राष्ट्रव्यापी आक्रामक कार्यवाही भी बैठक आयोजित किए जाने का एक बड़ा कारण।
मुख्य तथ्य
- UNSC के संकल्प 140(1) के अंतर्गत इस मिशन की स्थापना 2002 में हुई । इसका मूल कार्य कार्य बान समझौता ( 2001) के क्रियान्वयन में सहयोग करना था।
बान समझौता
- एक बंद दरवाजे के भीतर हुई समझौता वार्ता भी जिसमें भागीदारों का संपर्क बाहरी दुनिया से काट दिया गया था। इस समझौते को UNSC द्वारा पूर्ण समर्थन।
- तालिबान को इस वार्ता से पूरी तरह अलग रखा गया था।
बान समझौता के द्वारा तय रोड मैप
- जून 2002 में आयोजित आपातकालीन, लोया जिरगा द्वारा संक्रमण कालीन प्रशासन स्थापित किया गया।
- 2004 में एक नए संविधान को अंगीकार किया गया।
- 2004 एवं 2005 में राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव करवाए गए।
भारत में कैबिनेट मंत्री को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया
चर्चा में क्यों
हाल ही में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ अपमानजनक वक्तव्य देने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था।
गिरफ्तार करने की संवैधानिक प्रक्रिया
- केंद्रीय मंत्री या संसद सदस्यों को कुछ विशेष अधिकार प्राप्त तो होते हैं, किंतु उनमें से अधिकांश संसद सत्र जारी होने के दौरान उपलब्ध होते हैं।
- यदि संसद सत्र नहीं चल रहा , तो किसी अपराधिक मामले में, पुलिस या अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियां केंद्रीय कैबिनेट मंत्री को गिरफ्तार कर सकती हैं।
- हालांकि, राज्यसभा के प्रक्रिया एवं कार्य संचालन विशेष नियमों के उपखंड 222a के तहत पुलिस या गिरफ्तारी आदेश जारी करने वाले न्यायाधीश को गिरफ्तारी के कारण और स्थान के बारे में राज्यसभा के सभापति को सूचित करना पड़ता है।
- सभापति द्वारा सभी सदस्यों की सूचना उसे राज्यसभा बुलेटिन में प्रकाशित कराया जाता है ।
केंद्रीय मंत्रियों को प्राप्त संरक्षण
- किसी भी केंद्रीय मंत्री या सांसद को संसद सत्र शुरू होने से 40 दिन पहले सत्र के दौरान तथा सत्र समापन के 40 दिन बाद तक गिरफ्तारी से सुरक्षा प्राप्त होती है।
नारायण राणे
- इनकी गिरफ्तारी एक अपराधिक मामले में हुई थी, और आपराधिक मामले या निवारक निरोध मामले में किसी मंत्री या संसद सदस्य को गिरफ्तारी से सुरक्षा प्राप्त नहीं होती।
युक्तधारा
चर्चा में क्यों
यह पोर्टल अब इसरो के जियोपोर्टल भुवन के तहत कार्य करेगा।
क्या है युक्ति धारा?
- यह मनरेगा के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर योजनाओं को सुगम बनाने के लिए एक भू – स्थानिक योजना पोर्टल है।
भुवन के बारे में
- भुवन “युक्त धारा पोर्टल ” ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रालय द्वारा लांच।
- यह प्लेटफार्म विभिन्न राष्ट्रीय ग्रामीण विकास कार्यक्रमों यानी मनरेगा, एकीकृत वाटर सेड प्रबंधन कार्यक्रम पर ड्रॉप मोर क्राप और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना आदि के अंतर्गत बनाई गई परिसंपत्तियों (जियो टैग) के भंडार के रूप में कार्य करेगा।
हरियाणा सरकार का क्रीमीलेयर की श्रेणी बनाने संबंधी आदेश
चर्चा में क्यों
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को रद्द करते हुए कहा है कि आर्थिक आधार अन्य पिछड़ा वर्ग में क्रीमीलेयर बनाने का एकमात्र मानदंड नहीं हो सकता है।
- हरियाणा सरकार द्वारा क्रीमीलेयर के लिए मानदंड तय करते हुए पिछड़े वर्गों को पूरी तरह से आर्थिक आधार पर उपवर्गीकृत करते हुए दो अधिसूचनाएं जारी की थी।
- शीर्ष अदालत के अनुसार, हरियाणा सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में एकमात्र आय के आधार पर क्रीमीलेयर की पहचान करके इंदिरा साहनी मामले में दिए गए फैसले में घोषित कानून का उल्लंघन किया गया है।
- यद्यपि परिवार की आय एक मापदंड हो सकती है किंतु पूरी तरह से आर्थिक मानदंडों पर आधारित आरक्षण एक पूर्ण समाधान नहीं है। उसके अलावा आरक्षण कोई गरीबी उन्मूलन योजना नहीं है।
संवर्धित सोया खली / केक का आयात
- सोयाबीन की बढ़ती कीमतों के साथ पोल्ट्री उद्योगों में लागत बढ़ती जा रही है, इसे देखते हुए हाल ही में, केंद्र सरकार द्वारा 31 अक्टूबर 2021 तक 1.2 मिलियन मीट्रिक टन संदलित और तेल मुक्त जीन संवर्धित सोयाबीन की खली / केक के आयात की अनुमति प्रदान की गई है।
- भारत में GM सोयाबीन और कैनोला तेल के आयात की अनुमति दी गई है। GM सोयाबीन के बीज के आयात को भारत में अब तक मंजूरी नहीं मिली है।
- GM फसल उन फसलों को कहा जाता है जिनके जीन को वैज्ञानिक तरीके से रूपांतरित किया जाता है।
आवश्यकता
- सोयाबीन खाद्य, पोल्ट्री उद्योग के लिए एक आवश्यक कच्चा माल होता है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में सोयाबीन की कीमतें दोगुनी से अधिक हो गई है।
आई एम एस चिल्का
- यह भारतीय नौसेना का एकमात्र प्रारंभिक प्रशिक्षण संस्थान है, सालाना 6600 से अधिक नवोदित सैनिकों को प्रशिक्षित करता है ताकि उन्हें सक्षम नाविक बनाया जा सके।
- शुरुआत – 1980
- स्थान – चिल्का झील के नजदीक।
- हाल ही में INS chilka में कोविड-19 महामारी के दौरान 150 बेड की इकाई तैयार की गई।
टीम रूद्रा
मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs )
अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता)
डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या
अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर)
योगराज पटेल (VDO)-
अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )
प्रशांत यादव – प्रतियोगी –
कृष्ण कुमार (kvs -t )
अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)
मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)
अश्वनी सिंह – प्रतियोगी
सुरजीत गुप्ता – प्रतियोगी
प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।