राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 2021
सन्दर्भ
24 अप्रैल प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 24 अप्रैल को मनाया जाता है । यह स्थानीय प्रशासन में पंचायतों के महत्व को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है । इस दिन को पहली बार 2010 में मनाया गया था ।
तथ्य
- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पंचायती राज के अवसर पर राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2021 भी प्रदान करेंगे ।
- भारत में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाने के लिए पंचायती राज मंत्रालय जिम्मेदार है ।
- 24 अप्रैल 1993 को , राष्ट्रपति ने पंचायतों को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने के लिए 73 वें संवैधानिक संशोधन विधेयक को अपनी स्वीकृति दी थी ।
73 वां संवैधानिक संशोधन अधिनियम
- इसने पंचायतों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया ।
- भारत में पंचायती राज व्यवस्था एक त्रिस्तरीय प्रणाली है।
- ग्राम स्तर पर पंचायत , मध्यवर्ती स्तर पर पंचायत समिति और जिला स्तर पर जिला परिषद ।
- पंचायत राज प्रणाली को सबसे पहले राजस्थान के नागौर जिले में अपनाया गया था ।
- भारत में 2.6 लाख से अधिक पंचायतें हैं ।
- 73 वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम ने संविधान में भाग IX और ग्यारहवीं अनुसूची को जोड़ा ।
दूसरी विश्व महासागर मूल्यांकन रिपोर्ट
सन्दर्भ
हाल ही में , संयुक्त राष्ट्र ने दूसरी विश्व महासागर मूल्यांकन रिपोर्ट जारी की है । यह वैश्विक स्तर पर विश्व के महासागर के पर्यावरण , आर्थिक और सामाजिक पहलुओं का एक एकीकृत मूल्यांकन है ।
तथ्य
- यह समुद्री पर्यावरण पर व्यापक वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करता है ।
- इस रिपोर्ट के अनुसार , महासागर के मानव उपयोग के प्रबंधन में बेहतर समन्वय और सहयोग की आवश्यकता है ।
- समुद्री संरक्षित क्षेत्रों की स्थापना करके , और प्रदूषण और मत्स्य पालन के बेहतर प्रबंधन से समुद्री पर्यावरण की रक्षा की जा सकती है ।
- जलवायु परिवर्तन , अरक्षणीय मछली पकड़ना और प्रदूषण जैसी कई मानवीय गतिविधियों ने दुनिया में महासागरों की स्थिति को खराब कर दिया है ।
- महासागरों में मृत क्षेत्र ( dead zone ) 2008 से 2019 के बीच दोगुना हो गए हैं । 90 % से अधिक मैंग्रोव सीग्रस और मार्श पौधों विलुप्त होने के कगार पर है ।
- पहला विश्व महासागर मूल्यांकन ( WOAI ) 2015 में जारी किया गया था ।
SDG-14
- स्थायी सतत् विकास के लिये महासागरों , समुद्रों और समुद्री संसाधनों का संरक्षण और उपयोग ।
‘मधुक्रांति पोर्टल’ व ‘हनी कॉर्नर’
सन्दर्भ
- हाल ही में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने ‘मधुक्रांति पोर्टल’ व ‘हनी कॉर्नर’ लॉन्च किया है।
मधुक्रांति पोर्टल
- यह ‘राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं मधु मिशन’ (NBHM) के तहत राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (NBB), कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की एक पहल है।
- यह पोर्टल डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शहद व अन्य मधुमक्खी उत्पादों के स्रोत का पता लगाने के लिये उनके ऑनलाइन पंजीकरण हेतु विकसित किया गया है।
- यह प्लेटफॉर्म शहद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और मिलावट के स्रोत का पता लगाने में काफी मददगार साबित होगा।
महत्त्व
- यह पोर्टल किसानों की आय बढ़ाने, शहद के निर्यात को बढ़ावा देने और रोज़गार सृजन में काफी मददगार होगा।
- यह पोर्टल शहद उत्पादन, विपणन शृंखला, मधुमक्खी पालन और बिक्री आदि प्रक्रियाओं में शामिल सभी हितधारकों के डेटाबेस का निर्माण करेगा।
- यह अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में शहद की पहुँच बढ़ाएगा।
हनीकर्नर
- शहद के विपणन और बिक्री के लिये ‘हनी कॉर्नर’ एक विशेष स्थान है।
- इसे ‘भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड’ (NAFED) द्वारा संचालित किया जाएगा। मूल्यांकन ( WOAI ) 2015 में जारी किया गया था ।
- विकास के लिये महासागरों , समुद्रों और समुद्री संसाधनों का संरक्षण और उपयोग ।
एआईएम-प्राइम
हाल ही में (Atal Innovation Mission- AIM), नीति आयोग (NITI Aayog) ने एआईएम-प्राइम (AIM-PRIME- नवाचार, बाज़ार परकता और उद्यमिता पर शोध कार्यक्रम) का शुभारंभ किया।
लक्ष्य:
- 12 महीने की अवधि के प्रशिक्षण और मार्गदर्शन से विज्ञान आधारित ठोस प्रौद्योगिकी के विचारों को बढ़ावा देना है।
- ठोस प्रौद्योगिकी मूर्त इंजीनियरिंग नवाचार या वैज्ञानिक प्रगति और खोजों पर आधारित होती है।
केंद्रित क्षेत्र:
- विज्ञान आधारित, ज्ञानवर्धक, ठोस प्रौद्योगिकी उद्यमिता।
लॉन्च और कार्यान्वयन करने वाली एजेंसी:
- बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ सहयोग किया है जिसे वेंचर सेंटर द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा।
लाभार्थी
- ठोस टेक बिजनेस आइडिया के साथ तकनीक विकसित करने वालों को मिलेगा।
- वित्तपोषित अटल ऊष्मायन केंद्रों के वरिष्ठ ऊष्मायन प्रबंधक जो गहरी तकनीक उद्यमियों का समर्थन कर रहे हैं।
- यह कार्यक्रम एआईएम द्वारा अनुदान प्राप्त के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और वरिष्ठ प्रबंधकों के लिये भी खुला है, जो टेक उद्यमियों को मदद उपलब्ध करा रहे हैं।
महत्त्व:
- इसके लिये चयनित अभ्यर्थियों को समग्र व्याख्यान शृंखला, लाइव स्ट्रीम परियोजनाओं और परियोजना विशिष्ट हेतु मार्गदर्शन प्रदान कर प्रशिक्षित किया जाएगा।
- इनके पास टेक स्टार्टअप के लिये प्ले बुक, क्यूरेटेड वीडियो लाइब्रेरी और सीखने के अन्य कई अवसर उपलब्ध होंगे।
विश्व पशु चिकित्सा दिवस 2021
सन्दर्भ
विश्व पशु चिकित्सा दिवस (World Veterinary Day) हर साल अप्रैल के चौथे शनिवार को मनाया जाता है. 2021 में, यह दिन 24 अप्रैल, 2021 को मनाया जा रहा है.
तथ्य
- 2021 विश्व पशु चिकित्सा दिवस का विषय ‘COVID-19 संकट पर पशुचिकित्सा
- प्रतिक्रिया (Veterinarian response to the COVID-19 crisis)’ है.
- इस दिन की शुरुआत विश्व पशु चिकित्सा संघ (WVA) द्वारा जानवरों और समाज के स्वास्थ्य के लिए पशु चिकित्सकों के योगदान का जश्न मनाने के लिए 2000 में की गई थी.
टीम रूद्रा
मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs )
अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता)
डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या
अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर)
योगराज पटेल (VDO)-
अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )
प्रशांत यादव – प्रतियोगी –
कृष्ण कुमार (kvs -t )
अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)
मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)
अश्वनी सिंह – प्रतियोगी
प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।