झंडा सत्याग्रह
(Flag Satyagraha)
चर्चा में क्यों?
संस्कृति मंत्रालय द्वारा 18 जून को मध्य प्रदेश के जबलपुर में ‘ध्वज सत्याग्रह’ / ‘झंडा सत्याग्रह’ मानने हेतु एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
‘झंडा सत्याग्रह’ क्या है?
- स्वतंत्रता सेनानियों के झंडा सत्याग्रह आंदोलन के ब्रिटिश सरकार की चूलें हिला दी थीं, और इसने स्वतंत्रता आंदोलन के लिए एक संजीवनी का कार्य किया था।
- झंडा सत्याग्रह का आयोजन वर्ष 1923 में जबलपुर और नागपुर में किया गया था।
- जबलपुर में झंडा फहराने की खबर देश भर में आग की तरह फैल गई और इसके बाद देश भर में कई जगहों पर झंडा फहराया गया।
महत्व:
- यह शांतिपूर्ण सविनय अवज्ञा आन्दोलन के तहत एक अभियान था, जिसका उद्देश्य राष्ट्रवादी झंडे को फहराने और नागरिक स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करने संबंधी कानूनों की अवहेलना करते हुए राष्ट्रवादी ध्वज फहराने की स्वतंत्रता और अधिकार का प्रदर्शन और ब्रिटिश शासन की वैधता को चुनौती देना था।
परिणाम:
- . झंडा फहराने के अधिकार की मांग करने वाले राष्ट्रवादी प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी, विशेषकर महात्मा गांधी की हालिया गिरफ्तारी से पूरे भारत में आक्रोश फैल गया।
- अंत में, अंग्रेजों द्वारा सरदार पटेल और अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ एक समझौते पर बातचीत की गई, जिसमें गिरफ्तार किए गए सभी लोगों की रिहाई, तथा प्रदर्शनकारियों को बिना अवरोध जुलूस निकालने की अनुमति दी गयी।
भारत में फिल्मों को सेंसरशिप
चर्चा में क्यों
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने हाल ही में सिनेमैटोग्राफी ( संशोधन विधेयक 2021) कि अपने मसौदे पर सार्वजनिक टिप्पणी मांगी है, यह केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड पर अपनी संशोधन शक्तियों को वापस लेने का प्रस्ताव करता है।
• नया विधेयक ” बदलते हुए समय के अनुरूप प्रदर्शन के लिए फिल्मों को मंजूरी देने की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी तथा पाइरेसी के खतरे को भी रोकेगा।
मसौदा सिनेमैटोग्राफी ( संशोधन विधेयक 2021 का प्रावधान)
- पुनरीक्षण अधिकार प्रदान करना।
- मौजूदा UA श्रेणी का उप-विभाजन ( आयु के अनुसार)
- फिल्म पाइरेसी को रोकना।
- पाइरेसी के लिए सजा का प्रावधान
संबंधित समितियां
- न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल समिति ( 2013)
- श्याम बेनेगल समिति ( 2016)
सेंसरशिप का प्रावधान
• अनुच्छेद 19 (2) राज्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर उचित प्रतिबंध लगाने का अधिकार रखता है। जिसके आधार
- भारत की सुरक्षा व संप्रभुता
- मानहानि
- विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध
- सार्वजनिक व्यवस्था
- शिष्टाचार / सदाचार
- न्यायालय की अवमानना
दिव्यांगता प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र
चर्चा में क्यों
हाल ही में सामाजिक न्याय मंत्रालय ने किसी जोखिम रहने वाले या दिव्यांग बच्चों और शिशुओं को सहायता प्रदान करने के लिए देश भर में 14 क्राश डिसेबिलिटी अर्ली इंटरवेंशन सेंटर लांच किया है।
प्रमुख बिंदु
- दिव्यांगता एक व्यापक पद है, जिसमें असमर्थता, बाधित शारीरिक गतिविधियां और सामाजिक भागीदारी में असमर्थता शामिल है।
- संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के अनुसार दिव्यांग व्यक्तियों को सभी मानव अधिकारों तथा मौलिक स्वतंत्रता का लाभ मिलना चाहिए।
- इन केंद्रों पर दिव्यांगता स्क्रीनिंग पहचान, पुनर्वास, परामर्श, चिकित्सीय सेवा, माता-पिता की काउंसलिंग और प्रशिक्षण के साथ-साथ सहकर्मी परामर्श आदि सेवा प्रदान की जाएगी।
- 0 से 6 वर्ष के आयु वर्ग में 20 लाख से अधिक बच्चे हैं जो दृष्टिबाधित, श्रवण बाधित ,चलन अक्षमता से ग्रस्त हैं।
अन्य पहल
- दिव्यांगजन अधिकार 2016
- सुगम्य भारत अभियान
- दीनदयाल दिव्यांग पुनर्वास योजना
- राष्ट्रीय न्यास की योजना
एकीकृत ट्राईसर्विस थिएटर कमांड
एकीकृत थिएटर कमांड का आशय सुरक्षा और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण किसी भौगोलिक क्षेत्र के लिए एक ही कमान के अधीन तीनों सशस्त्र सेनाओं ( थल सेना, वायु सेना और नौसेना) एकीकृत कमांड से हैं।
प्रमुख तथ्य
- इन बलों ( थल सेना, वायुसेना और नौसेना) के कमांडर अपने क्षमताओं के साथ भी विपरीत परिस्थिति में सभी संसाधनों को वाहन करने में सक्षम होंगे।
- एकीकृत थिएटर कमांड किसी एक विशिष्ट सेवा के प्रति जवाबदेह नहीं होगा।
- तीनों बलों का एकीकरण संसाधनों के दोहराव को कम करेगा।
- शेकातकर समिति वर्ष 2015 में तीन एकीकृत थिएटर कमांड बनाने की सिफारिश की है।
- चीन सीमा हेतु उत्तरी कमांड
- पाकिस्तान सीमा हेतु पश्चिमी कमांड
- समुद्री क्षेत्र हेतु दक्षिणी कमांड
- प्रस्तावित वायु रक्षा कमान के तहत वायु सैन्य कंपनियों को एकीकृत करने की योजना बना रही है, वही मैरिटाइम थिएटर कमांड के तहत नौसेना, तटरक्षक बल के साथ-साथ सेना और वायु सेना के समग्र तटीय संरचनाओं की सभी संपत्तियों को एक साथ लाने की योजना बनाई गई है।
- थल सेना की उत्तरी कमान और पश्चिमी कमान को 2-5 थिएटर कमांड में बदल दिया जाएगा।
ट्विटर के लिए सेफ हार्बर दर्जा खोने का तात्पर्य
चर्चा में क्यों
26 मई से लागू हुए नए IT नियमों का पालन न करने के कारण ट्विटर ने भारत में अपना मध्यस्थ दर्जा गवा दिया है।
- सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 2 (1) के अनुसार मध्यस्थ व्यक्ति/संस्थाए होती हैं जो सूचना प्राप्त करते हैं, संग्रहित करते हैं और सूचनाओं के प्रसारण हेतु सेवा प्रदान करते हैं।
- ट्विटर जैसी मध्यस्थो को सूचना प्रौद्योगिकी की धारा 79 के तहत संरक्षण प्रदान किया गया है। इसके तहत मध्यवर्ती इकाइयों को अपने प्लेटफार्म पर पोस्ट की गई किसी भी सामग्री के लिए कानूनी अभियोजन से प्रतिरक्षा प्रदान की जाएगी।
- अगर किसी उपयोगकर्ता के ट्विटर वायरल हो जाते हैं और जिसके कारण हत्या या हिंसा घटित होती है। तो सेफ हार्वर संरक्षण के तहत ट्विटर को केवल इस कारण के लिए उत्तरदाई नहीं ठहराया जा सकता है।
- चुकि ट्विटर को दी गई प्रतिरक्षण अब समाप्त हो गए हैं तो अब किसी भी सामग्री के प्रकाशक के रूप में जिससे किसी भी प्रकार की हिंसा या किसी भी प्रकार से भारतीय कानून का उल्लंघन होता है तो ट्विटर करने वाले व्यक्तियों के साथ-साथ ट्विटर भी कानूनी रूप से दंडित या जिम्मेदार होगा।
एकीकरण के विपक्ष में तर्क
- वास्तव में युद्ध के दौरान ऐसा कोई अवसर नहीं आया जब तीनों सेनाओं ने सराहनीय सहयोग के साथ कार्य न किया हो।
- बढ़ते संचार नेटवर्क ने तीनों सैन्य बलों के बीच संचार को आसान बनाया है।
- एकीकृत बल कमांडर के ज्ञान का उनके कमांड के तहत अन्य दो सेवा घटकों के संबंध में सीमित होने की संभावना है, जिससे उन्हें सबसे उपयुक्त तरीके से और उचित समय पर नियोजित करने की उनकी क्षमता सीमित हो जाती हैं।
वर्तमान स्थिति
- भारतीय सशस्त्र बलों के पास 17 कमांड है। थलसेना और वायुसेना प्रत्येक में 7 और नौसेना के पास 3 कमांड हैं।
- प्रत्येक कमांड का नेतृत्व 4 स्टार रैंक का सैन्य अधिकारी करता है।
- अंडमान और निकोबार दीप समूह में एक संयुक्त कमान है।
- चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ( CDS) की नियुक्ति और सैन्य मामलों के विभाग ( DMA) का निर्माण रक्षा बलों के एकीकृत और उन्नति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
अदन की खाड़ी
(Gulf Of Aden)
चर्चा में क्यों?
● हाल ही में, अदन की खाड़ी में पहला भारतीय नौसेना-यूरोपीय संघ नौसैनिक बल (EUNAVFOR) युद्धाभ्यास आयोजित किया गया था।
बारे में~
- अदन की खाड़ी, जिसे बरबेरा की खाड़ी के रूप में भी जाना जाता है, उत्तर में यमन, पूर्व में अरब सागर, पश्चिम में जिबूती और दक्षिण में गार्डाफुई चैनल, सोकोटा (यमन) और सोमालिया से घिरी हुई गहरे पानी की एक खाड़ी है।
- उत्तर-पश्चिम में, यह बाब-अल-मंडेब जलडमरूमध्य के माध्यम से लाल सागर से जुडती है। इसके पूर्व में अरब सागर है और पश्चिम में, यह जिबूती में तदजौरा की खाड़ी में मिल जाती है।
टीम रूद्रा
मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs )
अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता)
डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या
अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर)
योगराज पटेल (VDO)-
अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )
प्रशांत यादव – प्रतियोगी –
कृष्ण कुमार (kvs -t )
अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)
मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)
अश्वनी सिंह – प्रतियोगी
प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।