22 January 2021 Current affairs

22 January 2021 Current affairs

एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल प्रणाली

   चर्चा में क्यों? 

 ‘एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल रक्षा प्रणाली’ के प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने के लिये भारतीय सैन्य विशेषज्ञों का पहला समूह जल्द ही मास्को (रूस) जाएगा।

  प्रमुख बिंदु

  • एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल प्रणाली’ के लिये  5.43 बिलियन अमेरिकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किये।
  • रूस द्वारा डिज़ाइन की गई 
  •  सतह से हवा में मार करने वाली (SAM) मिसाइल 
  • 100 हवाई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकती है ।
  • रक्षा सहयोग, भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी का एक महत्त्वपूर्ण स्तंभ है।

  युद्धाभ्यास इंद्र – झ़भारत और रूस की सेनाओं के बीच आयोजित किया जाने वाला एक संयुक्त त्रि-सेवा अभ्यास है।

नौसेना 

  • सक्रिय विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य रूस से लिया गया है। परमाणु सक्षम पनडुब्बी चक्र-II भी रूस से ली गई है।

थल सेना

  • भारतीय सेना के टी-90 और टी-72 मुख्य युद्धक टैंक रूसी मूल के हैं।

वायु सेना

  •  सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान भी रूस से खरीदा गया है।

ट्यूनीशिया में विरोध प्रदर्शन

चर्चा में क्यों?

ट्यूनीशियाई युवाओं की एक नई पीढ़ी आर्थिक समस्याओं, सामाजिक असमानता, राजनीतिक भ्रष्टाचार और अन्य समस्याओं को लेकर लगतार विरोध प्रदर्शन कर रही है।

विरोध के प्रमुख कारण

  • उत्तरी अफ्रीका में गंभीर आर्थिक बदहाली है।
  • युवाओं द्वारा “रोजगार एक अधिकार है, एहसान नहीं है”  जैसे नारों 
  •  राष्ट्रपति कास सैयद (Kaïs Saied) और उनकी सरकार पर वादों को पूरा न करने और देश को दिवलियेपन की ओर ले जाने का आरोप 
  • एक तिहाई युवा बेरोजगार हैं और देश का पांचवां हिस्सा गरीबी रेखा के नीचे रहता है।

    कोविड महामारी का प्रभाव

  • सख्त लॉकडाउन प्रतिबंधों और अक्टूबर से लागू रातकालीन के कर्फ्यू ने तनाव 
  • पर्यटन क्षेत्र को विशेष रूप से अत्यधिक चोट पहुंचाई है।
  • हवाई यातायात बंद है।

              शैडो उद्यमी

चर्चा में क्यों?

शिक्षा , वित्त , सट्टेबाज़ी की अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य सेवा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर शैडो उद्यमियों की उपस्थिति में वृद्धि देखी जा रही है।

शैडो उद्यमी –  ऐसे व्यक्ति को कहा जाता है जो किसी व्यवसाय का प्रबंधन करता है तथा वैध वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री करता है परंतु वह अपने व्यवसायों को सरकार के साथ पंजीकृत नहीं कराता है।

   प्रमुख बिंदु

  • शैडो उद्यमी कर का भुगतान नहीं करते हैं, 
  •  शैडो अर्थव्यवस्था वह स्थिति है जहाँ सरकारी अधिकारियों की पहुँच के बाहर व्यावसायिक गतिविधियाँ की जाती हैं।
  • बिना लाइसेंस वाली टैक्सी सेवा, सड़क किनारे भोजन स्टाल लगाना और छोटे भू-निर्माण आदि कार्य शामिल हैं।
  • इंडोनेशिया के बाद भारत में सबसे अधिक शैडो उद्यमी हैं।

   वृद्धि का कारण:

  • कराधान और प्रवर्तन
  • COVID-19 का प्रभाव
  • प्रौद्योगिकी प्रगति

  लाभ 

  • आर्थिक विकास का चालक
  • गरीबी में कमी
  • गैर कृषि रोज़गार प्रदान कर कृषि पर दबाव को कम करना।
  • उपभोक्ताओं के लिये विविध विकल्प मौजूद

  चुनौतियाँ

  • प्रतिस्पर्द्धा में कमी
  • संदिग्ध और अवैध
  • आर्थिक नुकसान
  • भ्रष्टाचार में वृद्धि

 H-1B वीजा (H-1B Visa)

चर्चा में क्यों?

  • नियोक्ता-कर्मचारी संबंध में बदलाव के लिए एक प्रस्तावित H-1B वीजा गैर-आप्रवासी वीजा नियम अब मान्य नहीं होंगे, क्योंकि इन्हें अभी तक फेडरल रजिस्टर में प्रकाशित नहीं किया गया था।

   प्रमुख तथ्य

  • फेडरल रजिस्टर अमेरिकी सरकार का श्वेत पत्र होता है, जिसमें सरकारी एजेंसियों के नियम, प्रस्तावित नियम और सार्वजनिक नोटिस आदि लागू होने से पहले प्रकाशित किए जाते हैं।

   H-1B वीजा

  • H-1B आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम, धारा 101 (ए) (15) (एच) के तहत संयुक्त राज्य में एक वीजा हैं।
  • इसको प्राप्त करने के लिए एक विशेष व्यवसाय में पेशेवर ज्ञान के साथ स्नातक की डिग्री या कार्य अनुभव के समकक्ष की आवश्यकता होती है।
  •  इसमें रहने की अवधि तीन साल है, जो छह साल तक बढ़ाई जा सकती है।
  • H-1B वीजा की संख्या पर नियंत्रण कराया जाता है: 2017 में 180,440 नए और शुरुआती H-1B वीजा जारी किए गए।
  • H-1B वीजा का प्रयोग कंपनियाँ विदेशी कर्मचारियों को अपने रिक्त पदों को भरने के लिये प्रयोग करती हैं।
  • इस वीजा धारक अमेरिका में स्थाई नागरिकता के लिये आवेदन कर सकते हैं, साथ ही उसे अमेरिका में सम्पत्ति खरीदने व बेचने का भी अधिकार होता है।

    भारत व H-1 B वीजा

  • प्रतिवर्ष जारी होने वाले H-1 B वीजा का लगभग 70% भारत के पेशेवरों द्वारा प्रयोग किया जाता है।
  • भारतीय आईटी कम्पनियाँ इस वीजा पर निर्भर हैं तथा भारत सेवा क्षेत्र में सकल निर्यातक है।
  • निश्चित ही अभी रहने वाले बीजा धारकों पर नए वीजा नियमो का प्रभाव नहीं पड़ेगा ,परन्तु नवीन प्रोफेशनल्स तथा वीज़ा पुनरानवीकरण में समस्या हो सकती है।
  • इसके साथ ही विदेश जाने वाले पेशेवर का भार भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
  • यह भारत के रेमिटेंस और विदेशी मुद्रा अर्जन की क्षमता को कमजोर कर सकता है।

    Team rudra

   Abhishek Kumar Verma

           Amarpal Verma

           Krishna

           Yograj Patel 

            anil Kumar Verma

           Rajeev Kumar Pandey

            Prashant Yadav

            Dr.Sant lal 

           Sujata Singh

           Anand Yadav

  Geography team mppg college  ratanpura mau

      Surjit Gupta

Saty Prakash Gupta 

Shubham Singh 

Akhilesh Kumar

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