भौतिक भूगोल का अध्ययन करने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि हमें पृथ्वी के भूगर्भिक समय सारणी का ज्ञान हो। हम जानते हैं कि पृथ्वी की उत्पत्ति आज से लगभग 4.6 बिलियन वर्ष पहले हुई है। चुंकि पृथ्वी की आयु का संबंध सौर मंडल तथा आकाशगंगा मिल्की वे से हुई है। इसलिए भूगर्भिक समय सारणी के अध्ययन के दौरान हम सौर मंडल एवं आकाशगंगा के विषय में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
बिग बैंग से आज तक पृथ्वी का बना एक विस्तृत समय काल रहा है जिसको क्रमशः इरा, पीरियड, इपक, तथा एज मैं वर्गीकृत किया गया है। इसका निर्माण करते समय अग्रलिखित स्रोतों से साक्ष्य प्राप्त किए गए हैं।
- क्षेत्रीय प्रवेक्षण
- जीवाश्म साक्ष्य
- स्तरित भूस्तरित सहसंबन्ध
- रेडियोएक्टिव डेटिंग
- पूरा चुंबकत्व अध्ययन
- पृथ्वी का परिक्रमण एवं परिभ्रमण
अनेकों बृहद घटनाएं पृथ्वी की इतिहास में घटित हुई हैं। जैसे
- बृहद विलोपन
- नई प्रजातियों की उत्पत्ति
- पर्वत जनित भू संचलन
- कुछ निश्चित प्रजातियों का प्रभुत्व
- हिमनदो का विस्तार
- महाद्वीपों का विस्थापन
- महासागरीय नितल का विस्तार
उपरोक्त सभी तथ्यों को भूगर्भिक समय सारणी में प्रमुख स्थान दिया गया है।
सामान्यता समय का मापन हेतु कई प्रकार की घड़ियों का प्रयोग किया गया है।
- मैकेनिकल क्लॉक ( यांत्रिकी घड़ी)
- नेचुरल क्लॉक ( प्राकृतिक घड़ी)
- रेडियोएक्टिव अथवा एटॉमिक क्लॉक
- भू स्तरीय इकाई बिग बैंग सिद्धांत के अनुसार यह माना जाता है की 15 बिलियन वर्ष पूर्व संपूर्ण ब्रह्मांड एक एकल बिंदु पर केंद्रित था। 10 से 12 बिलियन वर्ष पूर्व आकाशगंगाए बनना आरंभ हो गई।
5 बिलियन वर्ष पूर्व हमारा सौरमंडल ने आकार लेना शुरू किया।
हम जानते हैं कि पृथ्वी की आयु वर्तमान में 4.6 बिलियन वर्ष मानी जाती है। पृथ्वी के आयुक्त का अध्ययन की सुविधा के लिए अग्र लिखित समय इकाइयों में वर्गीकृत किया है।
Eon – 0.5 बिलियन का समय
Era – सैकड़ों मिलियन का समय
Period – 100 मिलियन का समय
Epoc – 10 मिलियन का समय
Age – एक मिलियन का समय
पृथ्वी के भूगर्भिक इतिहास को दो प्रकार से वर्गीकृत किया है।
आफैनेरोजोइक – इसका तात्पर्य उस समय से है जब पृथ्वी पर जीवन नहीं था।
फैनरोजोइक – इसका तात्पर्य पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व से है।
पृथ्वी के भूगर्भिक इतिहास को पुनः अग्रलिखित प्रमुख Era में वर्गीकृत किया गया है।
- प्रीकैंब्रियन एरा
- पैलियोजोइक एरा
- मेसोजोइक एरा
- सेनोजोइक एरा
प्रीकैंब्रियन एरा को पुनः दो भागों में वर्गीकृत किया गया है।
I – प्रोटेरोजोइक
II – आर्कियन
प्रीकैंब्रियन एरा पृथ्वी के कुल भूगर्भिक इतिहास का 88% है। जिसके बारे में हमें बहुत कम जानकारी है। तब भी कुछ महत्वपूर्ण तथ्य प्रीकैंब्रियन एरा में देखे जाते हैं पहली बार जीवन की उत्पत्ति प्लेटो का बनना तथा उनका घूमना वायुमंडल में ऑक्सीजन की सघनता का बढ़ना।
आर्कियन एरा – वृहद स्तर पर पर्वत का निर्माण जीवन की उत्पत्ति विशेषकर प्रोकैरियोटिक जीव, बैक्ट्रिया, नीले हरे शैवाल की उपस्थिति।
प्रोटोरोजोइक एरा – यूकैरियोटिक जीवो की उत्पत्ति सभी महाद्वीपों के स्थल खंडों के इकट्ठा होने पर बना, महाद्वीप रोडिनिया के नाम से जाना जाता है।
पैलोजोइक एरा – प्राचीन जीव
इसका संबंध कसे रूहीन प्राणियों से है। इसे छह पीरियड में बदला गया है।
कैंब्रियन, आडोविसियन, सिलुडियन , डिबोनियन , कार्बोनिफरस, पर्मियन।
कैंब्रियन – इस समय जीवन स्थल की तुलना में सागर समृद्ध था।
आडोविसियन – पहली बार कसेरू जीवों की उत्पत्ति ( गोंडवाना, बाल्टीक , साइबेरिया, लारेंसिया ) चार प्रमुख महाद्वीप स्थित थे।
सिलडियन – पहली बार स्थलीय पौधे दिखाई पड़े।
डिबोनियन – मछलियां प्रमुख जंतु विभूतियां पूर्व पैजिया का निर्माण।
मिसीसिपी – पहली बार बीज वाले पौधे ।
पेंसिलवेनिया – वर्तमान में उत्तरी अमेरिका अस्तित्व में आना शुरू हुआ।
परमिनियन – पेंजिया अस्तित्व में आया।
पृथ्वी पर 90% प्रजातियां साइबेरिया में हुई ज्वालामुखी प्रक्रिया में नष्ट हो गई।
अप्लेसिन पर्वत तथा उत्थान
ट्रियासिक , रॉकी पर्वत बना, पैंजिया टूटा पहली बार डायनासोर दिखाई पड़े।
जुरैसिक – इसे डायनासोरों का युग भी कहते हैं। पैंजिया का टूटना अभी भी जारी रहा।
पैंजिया का गोंडवाना तथा लौरेंशिया में टूटना
सेनोजोइक एरा को दो एरा में वर्गीकृत किया गया है।
- टर्शियरी -(age of mammals )
इसको पांच प्रमुख पीरियड में वर्गीकृत किया गया है।
i- पैलियोसीन
ii- इयोसीन
iii- ओलियोसीन
iv- मायोसीन
v- प्लायोसीन
उपरोक्त शुरुआती तीनों को पैलियोजीन के नाम से अंतिम तीन को नियोजीन के नाम से संबोधित किया जाता है।
- क्वार्टनरी एरा – ( Age of man)
प्लेस्टोसीन , होलोसीन
पैलियोसीन पीरियड – हिमालय की उत्पत्ति से आरंभ
इस प्रकार पृथ्वी की आयु से संबंधित प्रमुख कालों का श्रेणी करण इस प्रकार है।
Eno > Era > Period > Epoc > Age
छ: बृहद स्तरीय विलोपन
- First maas extinction – आडोविसियन पिरियड 86% प्रजातिया खत्म हो गई।
- Second mass extinction – डिवोनियन पिरियड 75% प्रजातियां नष्ट।
- Third mass extinction – पर्मियन पीरियड – 96% प्रजातियां खत्म।
- Forth mass extinction – ट्रिपाशिक पीरियड – 80% प्रजातियां खत्म।
- Fiveth mass extinction – क्रीटैशियस पीरियड – 76% प्रजातियां खत्म।
- Sixth mass extinction – होलोसीन Age – (disputed)
पर्वतीयकरण के काल
- प्रीकैंब्रियन पर्वतीय करण – लारेशियन पर्वत,एलगोयन,किलानियन पर्वत
- केलेडोनियन पर्वतीयकरण – ( सिलोडियन तथा डिवोनियन)
भारत के अरावली, सतपुड़ा तथा महादेव इसी काल में बना है।
हर्सिनियन पर्वतीयकरण – (परमियन तथा कार्बोनिफरस) – अप्लेसियन लैकफॉरेस्ट आदि पर्वत इसी काल में बने हैं।
अल्पाइन पर्वतीकरण ( टरशेयरी उपइरा ) – नवीन वलित पर्वतों का निर्माण।