इटली के नए प्रधान मंत्री
चर्चा में क्यों
यूरोपीय सेंट्रल बैंक के पूर्व प्रमुख , मारियो द्रागी ने इटली के प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली है ।
तथ्य
- यूरोपीय ऋण संकट के दौरान यूरो को बचाने में उनकी भूमिका के लिए उन्हें ” सुपर मारियो ” के रूप में भी जाना जाता है ।
- वह किसी भी पार्टी से संबंधित नहीं है ।
- उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री गिउसेप कोंटे की जगह ली है ।
- राजनीतिक उथल – पुथल की शुरुआत तब हुई थी जब मातेओ रेन्ज़ी ने सत्ताधारी गठबंधन से अपना समर्थन वापस ले लिया था ।
- नव निर्वाचित प्रधान मंत्री के लिए मुख्य चुनौती टीकाकरण कार्यक्रम और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना होगा ।
इटली के बारे में
- यह एक यूरोपीय देश है
- जिसमें एक लंबी भूमध्य तटीय रेखा है ।
- इसकी राजधानी रोम है और मुद्रा यूरो है ।
- राष्ट्रपति सर्जियो मटेरेला हैं।
- इटली में सरकार का संसदीय स्वरूप है ।
- इटली के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति करते हैं ।
कोविड वारियर मेमोरियल
चर्चा में क्यों
ओडिशा सरकार भुवनेश्वर के बीजू पटनायक पार्क में एक कोविड योद्धा स्मारक का निर्माण करेगी ।
तथ्य
- 15 अगस्त 2021 को इसका उद्घाटन होगा ।
- कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान गंवा ने वालो के सम्मान में ।
- राज्य सरकार ने पहले ही घोषणा की थी कि स्वास्थ्य कर्मचारियों को शहीद का दर्जा और 50 लाख अनुग्रह राशि दी जाएगी ।
ओडिशा
- बंगाल की खाड़ी पर स्थित एक राज्य है ।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से 8 वां सबसे बड़ा राज्य है ।
- राजधानी – भुवनेश्वर
- मुख्यमंत्री – नवीन पटनायक
- राज्यपाल – गणेशी लाल
- ओडिशा के कुछ प्रसिद्ध नृत्य हैं- गोटीपुआ , ओडिसी , घमुरा ।
- जगन्नाथ मंदिर और लिंगराज मंदिर ओडिशा में स्थित हैं ।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना
संदर्भ
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (Soil Health Card scheme), देश के 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू की जा रही है।
योजना के बारे में:
- शुरुआत 5, दिसंबर, 2015 को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा की गयी थी।
- इस योजना में उपयुक्त कौशल विकास के पश्चात रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
क्या है मृदा स्वास्थ्य कार्ड’
- यह एक मुद्रित रिपोर्ट कार्ड होता है।
- प्रत्येक कृषि-जोत के लिए प्रदान किया जाएगा।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड, छह फसलों के लिए, जैविक खादों सहित उर्वरकों की सिफारिशों के दो सेट उपलब्ध कराता है।
- इसमें मृदा के संदर्भ में निम्नलिखित 12 मानकों के स्तरों को शामिल किया जाता है:
- नाईट्रोजन, फास्फोरस तथा पोटेशियम / एन, पी, के (N,P,K) (वृहत-पोषक तत्व)
- सल्फर (S) (मध्यम-पोषक तत्व)
- जिंक (Zn), आयरन (Fe), मैगनीज (Mn), बोरान (Bo) (सूक्ष्म- पोषक तत्व)
- पीएच (pH), वैद्युत चालकता (EC), जैविक कार्बन (OC) (भौतिक मानक)।
उद्देश्य
- मृदा के पोषक तत्वों की स्थिति के बारे में जानकारी देना है।
- मृदा के पोषक तत्वों में सुधार हेतु समय पर उपचारात्मक कदम उठाए जा सकें।
- कृषि-कार्य में लगे युवाओं के लिए रोजगार भी पैदा करना।
कैलाश पर्वत श्रेणी
संदर्भ
वर्ष 1962 के चीनी आक्रमण के दौरान, कैलाश पर्वत श्रेणी (Kailash Range) एक युद्ध क्षेत्र बन गयी थी, और इसमें रेजांग ला (Rezang La) और गुरुंग हिल (Gurung Hill) की प्रमुख लड़ाईयां लड़ी गई थी।
वर्ष 2020 में, भारतीय सैनिकों ने, चीनियों को आश्चर्यचकित करते हुए, एक ऑपरेशन में ‘कैलाश रिज’ पर अपना अधिकार सुरक्षित कर लिया।
कैलाश रेंज के बारे में
- पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी छोर पर काराकोरम पर्वत श्रेणी की समाप्ति होती है। उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पूर्व की दिशा में 60 किमी से अधिक दूरी तक फ़ैली हुई है।
- इस पर्वत श्रेणी में 4,000-5,500 मीटर की ऊंचाई की कई उबड़-खाबड़ और खंडित पहाड़ियां पायी जाती हैं।
- इसकी प्रमुख विशेषताओं में हेलमेट टॉप, गुरुंग हिल, स्पैंग्गुर गैप, मग्गर हिल, मुखपरी, रेजांग ला और रेचिन ला शामिल हैं।
- यह कटक, चूशुल घाटी पर प्रभुत्व रखती है, जोकि एक महत्वपूर्ण संचार केंद्र है।
इबोला वायरस
चर्चा में क्यों?
पश्चिमी अफ्रीकी देश गिनी में पुनः 5 साल बाद इबोला वायरस संक्रमण के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए इसे महामारी घोषित कर दिया गया है। अफ्रीकी देश डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में भी लगातार इबोला वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
इबोला वायरस के बारे में
- इस रोग को इबोला हिमोरहेजिक बुखार के नाम से जाना जाता था ।
- एक गंभीर रोग है जिसमें मृत्यु दर 90 प्रतिशत तक है। यह बीमारी मनुष्यों के साथ-साथ गैर मानव प्रजातियों (प्राइमेट्स) (वानर, गोरिल्ला और चिंपेंजी) को अपनी चपेट में लेती है।
- मध्य और पश्चिम अफ्रीका के गांवों में दर्ज किये गए हैं।
- इबोला विषाणु की पहचान सर्वप्रथम 1976 में की गई थी।
- पहला मामला गिनी के एक गावं में आया एवं 2014 के अंत में मिला।
- इबोला विषाणु के संक्रमण से हुए रोग का कोई इलाज नहीं है।