रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल ऋण पर एक कार्य दल का गठन
चर्चा में क्यों
RBI ने ऑनलाइन प्लेटफार्म और मोबाइल ऐप के माध्यम से ऋण देने सहित डिजिटल उधार पर एक कार्य दल का गठन किया है।
कार्य दल के कार्य क्षेत्र की शर्तें
- रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं में डिजिटल उधार गतिविधियों का मूल्यांकन करना और आउटसोर्स डिजिटल ऋण गतिविधियों की पैठ और मानकों का आकलन करना है।
- वित्तीय स्थिरता विनियमित संस्थाओं और उपभोक्ताओं को अनियमित डिजिटल ऋण द्वारा उत्पन्न जोखिमों की पहचान करना।
- डिजिटल ऋण की क्रमिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए विनियामक परिवर्तनों पर सुझाव देना।
- डिजिटल उधार सेवाओं के नियोजन के लिए मजबूत डाटा प्रशासन, डाटा गोपनीयता और डेटा सुरक्षा मानकों के लिए उपायों की सिफारिश करना।
डिजिटल ऋण देने वाले एप्स से संबंधित मुद्दे:-
- यह ऋणकर्ताओं को शीघ्र और परेशानी मुक्त तरीके से ऋण देने का वादा करते है।
- लेकिन,बाद में ऋणकर्ताओं से ब्याज की अत्यधिक दरो और छिपे हुए अतिरिक्त शुल्क की मांग की जाती है।
- ये ऋणकर्ताऔ के मोबाइल फोन डेटा का उपयोग करने संबंधी समझौतों का दुरुपयोग करते हैं।
नेप्च्यून बॉल्स (Neptune Balls)
चर्चा में क्यों?
शोधकर्ताओं ने पाया है कि समुद्र तटवर्ती क्षेत्रों में पानी के भीतर का मौजूद समुद्री घास प्लास्टिक प्रदूषण को प्राकृतिक रूप से फाइबर बंडलों में बदल रही है।
समुद्री घास द्वारा प्राकृतिक रूप से बनाए गए इन फाइबर बंडलों को “नेप्च्यून बॉल्स” के नाम से जाना जाता है।
प्रमुख निष्कर्ष
- यह शोध बार्सिलोना विश्वविद्यालय में जीवविज्ञानियों द्वारा भूमध्यसागर के क्षेत्र में किया गया है।
- साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया है कि इंसानों की मदद के बिना ही हर साल अकेले भूमध्यसागर में लगभग 900मिलियन प्लास्टिक की वस्तुओं को इकट्ठा किया जाता है।
- प्लास्टिक का यह मलबा समुद्री घास के अवशेषों में फंसकर समुद्रतट में पहुंचता है।
- समुद्री घास प्राकृतिक रूप से प्लास्टिक मलबे को समुद्र से बाहर के निकाल कर निरंतर शुद्धिकरण का प्रतिनिधित्व करती है।
समुद्री घास
- समुद्री घास समुद्र तथा महासागरो ,उथले समुद्री तटों में में पानी के अंदर पाई जाने वाली घास है।
- पूरे विश्व के समशीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय महासागरों में लगभग 72 प्रकार की समुद्री घास प्रजातियां पायी जाती हैं।
लाभ
- पारिस्थितिक तंत्रों और तटीय क्षेत्रों में रहने वालों मनुष्यों के लिए ।
- CO2 को अवशोषित और ऑक्सीजन का उत्सर्जन ।
- मछलियों की सैकड़ों प्रजातियों के लिए शरणस्थली प्रदान करना।
- विनाशकारी तूफान के प्रभाव को कम करने
पिस्तौल ‘अस्मी’ (Asmi)
चर्चा में क्यों?
हाल ही में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) पहली स्वदेशी 9 मिमी मशीन पिस्तौल ‘अस्मी’(Asmi) विकसित की है।
- प्रमुख बिन्दु
- भारत की पहली स्वदेशी पिस्तौल।
- ‘अस्मी’ (Asmi) का अर्थ गर्व, आत्मसम्मान तथा कठिन परिश्रम है।
- इसका निर्माण केवल चार महीने के भीतर ही किया गया है।
विशेषताएं
- ऊपरी रिसीवर एयरक्राफ्ट ग्रेड एलुमिनियम से तथा निचला रिसीवर कार्बन फाइबर से बना है।
- डिजाइनिंग और प्रोटोटाइपिंग में 3डी प्रिटिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल किया गया है।
- उत्पादन लागत (production cost) 50,000 रुपये से भी कम है।
लाभ
- इस्तेमाल केंद्रीय तथा राज्य पुलिस संगठनों , वीआईपी सुरक्षा ड्यूटी ,पुलिसिंग
- निर्यात की संभावना
DRDO
- स्थापना 1958 में र
- क्षा मंत्रालय की एक आनुषांगिक इकाई के रूप में काम करता है।
नदी जल प्रदूषण पर फैसला
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने नदी जल प्रदूषण पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि प्रदूषण मुक्त जल नागरिकों का मौलिक अधिकार है और इसे सुनिश्चित करना कल्याणकारी राज्य का संवैधानिक दायित्व है।
प्रमुख बिन्दु
- यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने से की गई है।
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से यमुना प्रदूषण पर रिपोर्ट भी मांगी है।
- यमुना नदी के जल में अमोनिया की मात्रा बहुत ज्यादा है।
अनुच्छेद 21
- अनुच्छेद 21 ‘प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण’ प्रदान करता है।
- ‘जीवन जीने के अधिकार’ में स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार भी शामिल है।
- राज्य के नीति निदेशक तत्वों (डीपीएसपी) के अनुच्छेद 47 और 48 में जन स्वास्थ्य ठीक करना और पर्यावरण संरक्षित करना राज्यों का दायित्व है।
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
- यह एक सांविधिक संगठन है।
- जिसका गठन 1974
- जल (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम के अंतर्गत किया गया था।
विशेष विवाह अधिनियम, 1954
चर्चा में क्यों?
हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह के भावी पक्षों के लिये विवाह से 30 दिन पूर्व नोटिस जारी करना वैकल्पिक बना दिया है।
प्रमुख बिंदु
- अंतर-धार्मिक एवं अंतर्जातीय विवाह को पंजीकृत करने एवं मान्यता प्रदान करने हेतु बनाया गया है।
- दो व्यक्तियों को अपनी शादी विधिपूर्वक करने की अनुमति देता है।
- धार्मिक औपचारिकता के निर्वहन की आवश्यकता नहीं होती है।
धारा 4
- दोनों पक्षों में से किसी का भी जीवनसाथी नहीं होना चाहिये।
- वे वयस्क हों एवं अपने फैसले लेने में सक्षम हों।
- आयु कम-से-कम 21 वर्ष और महिला 18 वर्ष
धारा 5 और 6
- कोई एक पक्ष जो कि पिछले तीस दिनों से जिस क्षेत्र में निवास कर रहा है, अधिकारी को अपने विवाह संबंधी नोटिस दे।
- यदि किसी को भी इस विवाह से कोई आपत्ति है, तो वह अगले 30 दिनों की अवधि में इसके विरुद्ध सूचना दर्ज करा सकता है।
उच्च न्यायालय का निर्णय
- नोटिस के अनिवार्य प्रकाशन से संबंधित प्रावधान दोनों पक्षों की स्वतंत्रता और गोपनीयता संबंधी मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
- धर्म संबंधी व्यक्तिगत कानूनों के तहत विवाह से संबंधित नोटिस जारी करने अथवा आपत्ति दर्ज करने की आवश्यकता नहीं होती है
- वैवाहिक नोटिस प्रकाशित करना वैकल्पिक
Team rudra
Abhishek Kumar Verma
Amarpal Verma
Krishna
Yograj Patel
anil Kumar Verma
Rajeev Kumar Pandey
Prashant Yadav
Dr.Sant lal
Sujata Singh
Anand Yadav
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Surjit Gupta
Saty Prakash Gupta
Shubham Singh
Akhilesh Kumar