15 &16 June 2021 Current affairs

15 &16 June 2021 Current affairs

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ईयर बुक 2021

चर्चा में क्यों

हाल ही में, स्वीडिश थिंक टैंक ‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट’ (SIPRI) द्वारा अपनी ईयर बुक 2021 जारी की गई है।

प्रमुख निष्कर्ष:

1.वर्ष 2021 की शुरुआत में भारत के पास अनुमानतः 156 परमाणु हथियार थे, जबकि पिछले साल की शुरुआत में इनकी संख्या 150 थी।
2.वर्ष 2020 में पाकिस्तान के पास परमाणु हथियारों की संख्या 160 थी, जोकि अब बढकर 165 हो गई है।
3.चीन के परमाणु शस्त्रागार में 2020 की शुरुआत में 320 से अधिक परमाणु हथियार शामिल थे, जोकि वर्ष 2021 में 350 हो चुके हैं।
4.परमाणु हथियार संपन्न नौ देशों – अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इज़राइल और उत्तर कोरिया – के पास वर्ष 2021 की शुरुआत में अनुमानित रूप से कुल 13,080 परमाणु हथियार थे।
5.कुल मिलाकर वैश्विक परमाणु हथियारों का 90% से अधिक हिस्सा, रूस और अमेरिका के पास है।

वर्तमान में चिंता का विषय:

वैश्विक सैन्य भंडारों में हथियारों की कुल संख्या, वर्तमान में बढ़ती हुई प्रतीत हो रही है, जोकि इस बात का एक चिंताजनक संकेत है, कि शीत युद्ध की समाप्ति के बाद से वैश्विक परमाणु शस्त्रागार में कमी होने की प्रवृत्ति अब रुक गई है।

  1. सबसे बड़ी चिंता यह है, कि भारत और पाकिस्तान, परमाणु युद्ध की सीमा पर एक दूसरे की सुरक्षा को खतरनाक रूप से कमजोर करने वाली नई प्रौद्योगिकियों और क्षमताओं की खोज में लगे हैं।
    2.भारत-पाकिस्तान “भविष्य में किसी संकटकालीन स्थिति के दौरान गलत अनुमान या गलत व्याख्या की वजह से अपने परमाणु हथियारों का उपयोग करने में ठोकर खाने का जोखिम उठा सकते हैं”।
  2. परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र के रूप में चीन की उभरती हुई छवि, भारत की सुरक्षा चुनौतियों को बढ़ा रही है।

परमाणु हथियारों पर भारत का दृष्टिकोण:

  • भारत, परमाणु हथियार संपन्न देशों के खिलाफ पहले इस्तेमाल न करने (No First Use– NFU) की नीति और गैर-परमाणु हथियार वाले राज्यों के खिलाफ ‘उपयोग न करने’ की नीति के लिए प्रतिबद्ध है।
  • भारत के अनुसार, निशस्त्रीकरण सम्मेलन’ (The Conference on Disarmament- CD) को विश्व का एकमात्र बहुपक्षीय निशस्त्रीकरण समझौता मंच है, और भारत इस मंच के माध्यम से एक व्यापक परमाणु हथियार सम्मेलन के तहत वार्ता आयोजित करने का समर्थन करता है।
  • भारत निशस्त्रीकरण सम्मेलन में ‘फिसाइल मैटेरियल कट-ऑफ ट्रीटी’ (Fissile Material Cut-off Treaty– FMCT) के संदर्भ में भी वार्ता के लिये प्रतिबद्ध है।

ओलिव रिडले कछुओं के लिये ऑपरेशन ओलिविया:-

●हाल ही में भारतीय तटरक्षक बल ने ओलिव रिडले कछुओं की रक्षा के लिये ऑपरेशन ‘ओलिविया’ हेतु एक विमान को सेवा में लगाया है।

ओलिविया:
●प्रतिवर्ष आयोजित किये जाने वाले भारतीय तटरक्षक बल का “ऑपरेशन ओलिविया” 1980 के दशक की शुरुआत में शुरू हुआ था, यह ओलिव रिडले कछुओं की रक्षा करने में मदद करता है क्योंकि वे नवंबर से दिसंबर तक प्रजनन और घोंसले बनाने के लिये ओडिशा तट पर एकत्र होते हैं।
●यह अवैध ट्रैपिंग गतिविधियों को भी रोकता है।
●कानूनों को लागू करने के लिये तटरक्षक बल की संपत्ति जैसे- तेज़ गश्ती जहाज़ों, एयर कुशन जहाज़ों, इंटरसेप्टर क्राफ्ट और डोर्नियर विमान का उपयोग करते हुए नवंबर से मई तक चौबीसों घंटे निगरानी की जाती है।

ओलिव रिडले कछुए:

  • ओलिव रिडले कछुए विश्व में पाए जाने वाले सभी समुद्री कछुओं में सबसे छोटे और सबसे अधिक हैं।
  • ये कछुए मांसाहारी होते हैं और इनका पृष्ठवर्म ओलिव रंग (Olive Colored Carapace) का होता है जिसके आधार पर इनका यह नाम पड़ा है।
  • वे हर वर्ष भोजन और संभोग के लिये हज़ारों किलोमीटर की दूरी तय करते हैं।
  • ये कछुए अपने अद्वितीय सामूहिक घोंसले,अरीबदा (Arribada) के लिये सबसे ज़्यादा जाने जाते हैं, अंडे देने के लिये हज़ारों मादाएँ एक ही समुद्र तट पर एक साथ यहाँ यहाँ आती हैं।
  • ये मुख्य रूप से प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागरों के गर्म पानी में पाए जाते हैं।
  • ओडिशा के गहिरमाथा समुद्री अभयारण्य को विश्व में समुद्री कछुओं के सबसे बड़े प्रजनन स्थल के रूप में जाना जाता है।
  • संरक्षण की स्थिति:
  • आईयूसीएन रेड लिस्ट: सुभेद्य (Vulnerable)
  • CITES: परिशिष्ट- I
  • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची- 1

संकट:

  • ● इन कछुओं के मांस, खाल, चमड़े और अंडे के लिये इनका शिकार किया जाता है।
  • हालाँकि उनके सामने सबसे गंभीर खतरा घोंसले का नुकसान, संभोग के मौसम के दौरान समुद्र तटों के आसपास अनियंत्रित रूप से मछली पकड़ने के कारण ट्रॉल नेट और गिल नेट में उलझने से उनकी आकस्मिक मौत है।
  • ओडिशा सरकार ने ट्रॉल के लिये टर्टल एक्सक्लूडर डिवाइसेस (TED) का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया है।

न्यू शेफर्ड रॉकेट सिस्टम
(New Shephard rocket system):-

● अमेज़ॅन के संस्थापक और अरबपति जेफ बेजोस की अंतरिक्ष कंपनी ‘ब्लू ओरिजिन’ (Blue Origin) द्वारा, हाल ही में, पर्यटकों को अंतरिक्ष में ले जाने वाले ‘न्यू शेफर्ड’ (New Shephard) रॉकेट सिस्टम में पहली सीट के लिए ऑनलाइन नीलामी पूरी की गई।
● न्यू शेफर्ड 20 जुलाई को मानव-सहित अपनी पहली उड़ान भरेगा।
● बोली जीतने वाले को जेफ बेजोस और उसके भाई के साथ न्यू शेफर्ड पर उड़ान भरने का मौका मिलेगा।

‘न्यू शेफर्ड’ रॉकेट सिस्टम क्या है?

  • यह पर्यटकों को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक सैर कराने वाला एक रॉकेट सिस्टम है।
  • यह प्रणाली / सिस्टम ‘ब्लू ओरिजिन’ द्वारा निर्मित की गई है।
  • ‘न्यू शेफर्ड’ का नामकरण अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री ‘एलन शेफर्ड’ के नाम पर किया गया है।
  • यह पृथ्वी से 100 किमी से अधिक दूरी पर अंतरिक्ष में उड़ान भरने और अंतरिक्ष उपकरण (Payloads) ले जाने की सुविधा उपलब्ध कराता है।
  • ‘न्यू शेफर्ड’, पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य (Reusable), ऊर्ध्वाधर उड़ान भरने वाला और ऊर्ध्वाधर लैंडिंग करने वाला अंतरिक्ष वाहन है।
  • यह मिशन, अंतरिक्ष यात्रियों और अनुसंधान संबंधी अंतरिक्ष उपकरणों को ‘क्रेमन लाइन’ (Karman line) से आगे तक ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।


■ ‘क्रेमन लाइन’, पृथ्वी के वायुमंडल और बाह्य अंतरिक्ष के बीच, एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त अंतरिक्ष सीमा है।

स्कूल न जाने वाले बच्चों के आंकड़ों के संकलन के लिए ऑनलाइन माड्यूल

चर्चा में क्यों
हाल ही में शिक्षा मंत्रालय ने प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश द्वारा चिन्हित स्कूल न जाने वाले बच्चों के आंकड़ों को संकलित करने के लिए ऑनलाइन माड्यूल विकसित किया है।

  • मॉड्यूल के माध्यम से सरकार 6-14 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों और सामाजिक तथा आर्थिक रूप से वंचित समूहों के बच्चों के आयु उपयुक्त प्रवेश की सुविधा प्रदान करेगी।
  • इसके अलावा 16-18 वर्ष आयु वर्ग के स्कूली बच्चों के लिए ओपन/डिस्टेंस लर्निंग मोड के माध्यम से उनकी शिक्षा जारी रखने के लिए सत्र 2021-22 में पहली वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
  • प्रारंभ दक्षता बढ़ाने और स्कूली शिक्षा के लिए एक केंद्र प्रायोजित एकीकृत योजना- समग्र शिक्षा के कार्यान्वयन का प्रबंधन करने हेतु प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की दिशा में एक कदम है।
  • समग्र शिक्षा पूर्व स्कूल से 12वीं कक्षा तक शिक्षा के सभी स्तरों पर समावेशी और न्यायसंगत गुणवत्तापूर्ण वाली शिक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एक योजना है।
  • इसका विजन सतत विकास लक्ष्य अर्थात SDG4 (समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करना है) का पूरक है।

ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली में सुधार हेतु महत्वपूर्ण योजना

  • प्रधानमंत्री ई विधा योजना
  • स्वयं
  • निष्ठा
  • शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन एवं समावेशन कार्यक्रम
  • राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

  • हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बीड मॉडल के राज्यव्यापी कार्यान्वयन के लिए कहा है।
  • बीड महाराष्ट्र का एक जिला है जो सूखाग्रस्त मराठवाड़ा क्षेत्र में स्थित है।
  • इस मॉडल को 80-110 मॉडल भी कहा जाता है।
  • बीमाकर्ता को एकत्र किए गए प्रीमियम के 110% से अधिक मुआवजे की लागत राज्य सरकार वहन करेगी।
  • इस पर सवाल उठ रहा है कि राज्य सरकार अतिरिक्त राशि कैसे जुटाएगी।
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) 2016 में लांच किया गया था।
  • दायरा– सभी खाद्य और तिलहन फसलें तथा वार्षिक वाणिज्यिक बागवानी फसलें जिनके पिछली उपज के आंकड़े उपलब्ध हैं।

प्रीमियम- सभी खरीफ फसलों के लिए किसानों द्वारा निर्धारित प्रीमियम 2% और सभी रबी फसलों के लिए 1.5% वार्षिक वाणिज्यिक/बागवानी फसलों के लिए प्रीमियम 5% है।

PMFBY के तहत प्रौद्योगिकी का उपयोग-

  • फसल बीमा ऐप
  • नवीनतम तकनीकी उपकरण
  • PMFBY पोर्टल

U.N.G.A का संकल्प 75/260 : HIV/AIDS


• केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने HIV/AIDS की रोकथाम के लिए UNGA के 75 वेें सत्र को संबोधित किया।
• UNGA- 75/260 – HIV/AIDS पर राजनीतिक घोषणाओं के कार्यान्वयन से संबंधित है।
HIV/AIDS नियंत्रण के लिए पहल-

  • HIV/AIDS निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम 2017
  • मुफ्त इलाज
  • राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (1992-99)
  • सनराइज परियोजना (2016)
  • लाल रिबन (जागरूकता)

HIV- यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में C.D-4, जो कि एक प्रकार का W.B.C- (T- Cell) होता है, हमला करता है।
• T- Cell वे कोशिकाएं होती हैं जो कोशिकाओं में विसंगतियों और संक्रमण का पता लगाने के लिए शरीर में घूमती रहती है।

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