भारत – चीन ने पूर्वी लद्दाख में तनाव
चर्चा में क्यों
भारतीय और चीनी सैनिकों ने लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे पर तनाव समाप्त करने के लिए पीछे हटना शुरू कर दिया है ।
तथ्य
- यह लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) के पास दोनों देशों के बीच गतिरोध को हल करने का पहला कदम है ।
- इस समझौते के तहत , चीनी सैनिक फिंगर 4 की अपनी वर्तमान स्थिति से फिंगर 8 के स्थान पर वापस जाएंगे ।
- भारतीय सेनाएं फिंगर 3 के पास धन सिंह थापा पोस्ट पर तैनात रहेंगी ।
- दोनों देश इस बात पर सहमत हुए हैं कि फिंगर 3 और फिंगर 8 के बीच का क्षेत्र नो – पैट्रोलिंग ज़ोन होगा ।
- दोनों पक्ष 2015 से पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट पर उनके द्वारा किए गए सभी निर्माण कार्य को हटा देंगे ।
- यह समझौता 24 जनवरी को वरिष्ठ कमांडर बैठक के नौवें दौर का परिणाम है । यह केवल पैंगोंग झील क्षेत्रों तक ही सीमित है ।
पैंगोंग झील क्षेत्रों का महत्व
- यह पूर्वी लद्दाख में रणनीतिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण स्थान है ।
- इस झील का उत्तरी और दक्षिणी तट वह क्षेत्र है , जहाँ मई 2020 में दोनों देशों के बीच गतिरोध शुरू हुआ था ।
वास्तविक नियंत्रण रेखा
- यह एक लाइन है जो भारत के नियंत्रण वाले क्षेत्र को चीनी
- नियंत्रित क्षेत्र से अलग करती है ।
- भारत और चीन के बीच प्रमुख असहमति एलएसी के पश्चिमी तरफ है ।
- भारत – चीन एलएसी तीन भागों में विभाजित है : अरुणाचल और सिक्किम बॉर्डर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सीमा लद्दाख बॉर्डर
कृषि में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (NeGPA)
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में ‘कृषि में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना’ (NeGPA) को 31 मार्च, 2021 तक बढ़ा दिया गया है।
NeGPA के बारे में
- ‘कृषि में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना एक केन्द्र प्रायोजित योजना है।
- 2010-11 में 7 राज्यों में प्रायोगिक तौर पर शुरू किया गया था।
- इस योजना को 31 मार्च, 2021 तक बढ़ा दिया गया है।
- इस योजना के चरण- II के तहत, कंप्यूटर प्रशिक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना, हार्डवेयर / सिस्टम सॉफ्टवेयर की स्थापना और लेखांकन के लिए राज्यों को धन जारी किया गया है।
उद्देश्य
- ‘कृषि में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना’ (एनईजीपीए) का उद्देश्य किसानों तक कृषि संबंधी जानकारी समय पर पहुंचाना।
- इस योजना के माध्यम से भारत में कृषि क्षेत्र के डिजिटलीकरण को बढ़ाया जा रहा है।
- किसानों की आय दोगुना करने के संबंध में समिति ने भारत सरकार की डिजिटल कृषि पहलों के विस्तार और उसमें वृद्धि करने की सिफारिश की है।
कर्नाटक का 31 वाँ जिला
चर्चा में क्यों
कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक भूमि राजस्व अधिनियम , 1964 के तहत बल्लारी जिले के क्षेत्रों को काटकर विजयनगर जिले का गठन किया है ।
- विजयनगर जिला छह तालुकों से युक्त होगा और होसपेट इसका प्रशासनिक मुख्यालय होगा ।
- सितंबर 2019 में बीएस येदियुरप्पा द्वारा एक नया विजयनगर जिला बनाने का अभियान शुरू किया गया था ।
- राज्य मंत्रिमंडल ने 18 नवंबर 2020 को विजयनगर जिले के गठन को मंजूरी दी थी ।
विजयनगर जिला
- यह हम्पी और विरुपाक्ष मंदिर के लिए प्रसिद्ध है ।
- यह कर्नाटक के उत्तर – पूर्वी भाग में स्थित है ।
कर्नाटक
- यह दक्षिण भारत का सबसे बड़ा राज्य है ।
- यह महाराष्ट्र , तेलंगाना , आंध्र प्रदेश , तमिलनाडु और केरल के साथ अपनी सीमा साझा करता है ।
- वर्तमान में , इसमें 31 जिले हैं ।
- मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा हैं और राज्यपाल वजुभाई वाला हैं ।
- कर्नाटक विधायिका द्विसदनीय विधायिका है ।
भारतीय सांकेतिक भाषा का मानकीकरण
चर्चा में क्यों?
भारत सरकार ने केन्द्रीय बजट 2021 में श्रवण दोष के शिकार बच्चों के हित में देशभर में भारतीय सांकेतिक भाषा के मानकीकरण पर काम करने की घोषणा की हई।
तथ्य
- यूडीएल (Universal Design for Learning) दिशा-निर्देशों के अनुसार पुस्तकों को ई-पुस्तकों के रूप में परिवर्तित किया जाना।
- सांकेतिक भाषा के वीडियो बनाया जाना।
- सांकेतिक भाषा के लिए एक शब्दकोश/शब्दावली को विकसित किया जाना।
लाभ
- श्रवण दोष के शिकार बच्चों के सीखने की प्रक्रिया को भी बढ़ावा देगा।
- सभी बच्चे आसानी से एक दूसरे के साथ संवाद कर सकेंगे ।
- समावेशन को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा।
प्रशिक्षण केंद्र
- सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 28 सितंबर, 2015 को नई दिल्ली में ISLRTC की स्थापना को मंजूरी दी।
उद्देश्य
- जनशक्ति विकसित करना और द्विभाषिता शिक्षण और अनुसंधान का संचालन करना।
- प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा स्तरों पर मूक-बधिर छात्रों को सांकेतिक भाषा के उपयोग को बढ़ावा देना।
- भारतीय सांकेतिक भाषा के विश्लेषण / भाषाई रिकॉर्ड तैयार करने,।
राष्ट्रीय कोयला सूचकांक
चर्चा में क्यों
केंद्रीय कोयला मंत्री श्री प्रहलाद जोशी ने लोकसभा में राष्ट्रीय कोयला सूचकांक के बारे में जानकारी प्रदान की ।
तथ्य
- इसे कोयला मंत्रालय द्वारा 4 जुलाई 2020 को लॉन्च किया गया था ।
- यह वाणिज्यिक खनन से राजस्व हिस्सेदारी को सुनिश्चित करने में मदद करेगा ।
- यह आधार वर्ष के सापेक्ष किसी विशेष महीने पर कोयले के मूल्य स्तर में बदलाव के बारे में जानकारी देगा ।
- इस सूचकांक का आधार वर्ष वित्त वर्ष 2017 18 है ।
- यह नॉन – कोकिंग कोल के तीन उप – सूचकांकों और कोकिंग कोल के दो उप – सूचकांकों पर आधारित है ।
उत्पादकता दिवस
चर्चा में क्यों
- 12 फरवरी को हर साल उत्पादकता दिवस के रूप में मनाया जाता है और 12 फरवरी से 18 फरवरी तक हर साल राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह मनाया जाता है ।
- राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद इस वर्ष राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह के दौरान विभिन्न विषयों पर सेमिनार आयोजित कर रही है ।
- ‘ उत्पादकता के लिए उद्योग मंथन ‘ वर्ष 2021 का विषय है ।
- उत्पादकता दिवस राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद के गठन का प्रतीक है ।
- राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद : यह उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग , वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है ।
- इसका गठन 12 फरवरी 1958 को हुआ था । वाणिज्य और उद्योग मंत्री इसके अध्यक्ष हैं । यह एक स्वायत्त , त्रिपक्षीय ( तीन पक्ष वाला ) , गैर – लाभकारी संगठन है ।
बाई मैनी ए हैप्पी एक्सीटेंडः रीकलेक्शन ऑफ ए लाइफ ‘ का विमोचन
- भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति , मोहम्मद हामिद अंसारी , ने ‘ बाई मैनी ए हैप्पी एक्सीटेंडः रीकलेक्शन ऑफ ए लाइफ ‘ नामक एक पुस्तक लिखी है ।
- यह उनकी आत्मकथा है ।
- पुस्तक उनके निजी जीवन और सार्वजनिक जीवन की घटनाओं को बयां करती है ।
- इसे रूपा पब्लिकेशंस इंडिया ने प्रकाशित किया है ।
- उन्होंने अपनी कूटनीति और राष्ट्रपति के दिनों के अनुभवों के बारे में भी लिखा है ।
- मोहम्मद हामिद अंसारी 2007 से 2017 तक भारत के उपराष्ट्रपति थे ।
- उन्होंने सिटीजन एंड सोसाइटी , टीजिंग क्वेश्चन , डेयर आई क्वेश्चन बुक्स आदि सहित कई किताबें लिखी हैं ।
- उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में भी काम किया है ।
टीम रूद्रा
- मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs )
- अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता)
- डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या
- अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर)
- योगराज पटेल (VDO)-
- अभिषेक कुमार वर्मा (प्रतियोगी)
- प्रशांत यादव – प्रतियोगी –
- कृष्ण कुमार (kvs -t )
- अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)
- मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)
- प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।