11 September 2021 Current affairs

न्यूनतम समर्थन मूल्य

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2022- 23 के लिए सभी रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करने की मंजूरी दे दी है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य, किसी भी फसल का वह न्यूनतम मूल्य होता है जिस पर सरकार किसानों के फसल खरीदती है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य की गणना किसानों की उत्पादन लागत के कम से कम डेढ़ गुना कीमत के आधार पर की जाती है। MSP का निर्धारण कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की संस्तुति पर 1 वर्ष में दो बार किया जाता है।

MSP की सीमाएं

  • गेहूं एवं चावल को छोड़कर अन्य साभी फसलों की खरीद के लिए सरकारी मशीनरी की कमी है।
  • MSP आधारित खरीद प्रणाली बिचौलियों, कमीशन एजेंटों और APMC अधिकारियों पर भी निर्भर होती है और छोटे किसानों तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है।
  • अवसंरचनात्मक विकास की कमी।

13वाॅ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन

प्रधानमंत्री का संबोधन

  • वर्ष 2021मे भारत की अध्यक्षता के दौरान शुरू की गई कई नई पहलो की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया । जिसमें रिमोट सेंसिंग उपग्रहों के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता, आभासी ब्रिक्स वैक्सीन अनुसंधान एवं विकास केंद्र, हरित पर्यटन पर ब्रिक्स गठबंधन आदि शामिल हैं।
  • प्रधानमंत्री ने कोविड-19 के बाद वैश्विक रिकवरी प्रक्रिया में ब्रिक्स देशों की महत्वपूर्ण एवं अग्रणी भूमिका पर भी प्रकाश डाला । उन्होंने बिल्ड बैक रेजिलिएंटली, इनोवेटिवली, क्रेडिबली एवं सस्टेनेबली के आदर्श वाक्य के तहत ब्रिक्स सहयोग को बढ़ाने का आह्वान किया।

ब्रिक्स आतंकवाद विरोधी कार्ययोजना

  • यह आतंकवाद विरोधी सहयोग के क्षेत्र के प्रति ब्रिक्स देशों के दृष्टिकोण और कार्यों को परिभाषित करती है जिसमें कट्टरता और ऑनलाइन आतंकवादी खतरों का मुकाबला, सीमा प्रबंधन, सूचना/ खुफिया साझाकरण आदि शामिल है।
  • अफगानिस्तान के अलावा ब्रिक्स नेताओं ने म्यांमार, सीरिया में संघर्ष कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव, इजराइल – फिलिस्तीन हिंसा और अन्य क्षेत्रों के विवादों को भी उठाया।
  • ब्रिक्स देश वैश्विक आबादी का 41% ,वैश्विक जीडीपी का 24% और वैश्विक व्यापार का 16% प्रतिनिधित्व करते हैं।

नए कोयला आधारित विद्युत संयंत्रों की अव्यवहार्यता

EMBER और क्लाइमेट रिस्क होराइजंस के द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत को वित्तीय वर्ष 2030 तक बिजली की अपेक्षित वृद्धि को पूरा करने हेतु अतिरिक्त नई कोयला क्षमता की आवश्यकता नहीं है।

रिपोर्ट की प्रमुख बातें

  • वर्ष 2030 तक बिजली की चरम मांग 301 गीगावाट तक पहुंच जाएगी, अगर यह 5% वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ती है, तो भारत की नियोजित सौर क्षमता इसमें से अधिकांश को कवर कर सकती हैं।
  • इसलिए नए कोयला संयंत्रों को शामिल करने के उद्देश्य से ‘जोम्बी यूनिट्स'( Zombie units) स्थापित की जाएगी जो मौजूद तो होगी लेकिन क्रियान्वयन में नहीं होगी।
  • भारत इन अधिशेष संयंत्रों में निवेश न करके 2.5 लाख करोड़ रुपए बचा सकता है।
  • रिपोर्ट का निष्कर्ष : वित्त वर्ष 2030 तक कुल मांग वृद्धि को पूरा करने के लिए पहले से निर्माणाधीन क्षमता से अधिक कोयला क्षमता की आवश्यकता नहीं है।

आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण का त्रैमासिक सर्वेक्षण

संदर्भ

हाल ही में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ( NSO) ने अक्टूबर – दिसंबर 2020 हेतु आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण बुलेटिन जारी किया। इसमें शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को शामिल किया गया है। NSO सांख्यिकी सेवा अधिनियम 1980 के अधीन सरकार की केंद्रीय सांख्यिकी एजेंसी है।

सर्वेक्षण के मुख्य बिंदु

  • दी गई अवधि के दौरान शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के लिए बेरोजगारी दर बढ़कर 10.3% हो गई है। 1 वर्ष पूर्व इसी अवधि में यह 7.9% थी।
  • वर्ष 2020 की अक्टूबर दिसंबर तिमाही में शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के लिए श्रम बल भागीदारी दर 47.3% रही जबकि 1 वर्ष पूर्व इसी अवधि में यह 47.8% थी।

मुख्य उद्देश्य

  • प्रतिवर्ष ग्रामीण व शहरी दोनों ही क्षेत्रों में सामान्य स्थिति ( पीएस + एसएस) और CWS ( current weekly status) दोनों में रोजगार व बेरोजगारी संकेतको का अनुमान लगाना।
  • वर्तमान सप्ताहिक स्थिति ( CWS) में केवल शहरी क्षेत्रों के लिए 3 माह के अल्पकालिक अंतराल पर प्रमुख रोजगार व बेरोजगारी संकेतकों अनुमान लगाना।
  • आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण की शुरुआत अप्रैल 2017 में हुई।

निर्यात को बढ़ावा देने हेतु प्रोत्साहन योजना

  • वित्त वर्ष 2020 – 21 में निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने व्यापार तथा सेवा निर्यात के लिए 56027 करोड रुपए के लंबित दावे को जारी करने का निर्णय लिया है।
  • अप्रैल अगस्त 2021 के लिए मर्चेंटाइज निर्यात लगभग 164 बिलियन डालर था जो वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में 23% अधिक था।

निर्यातकों को निम्नलिखित योजनाओं के तहत प्रोत्साहन दिया जाएगा

  • मर्चेंटाइज एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम ( MEIS)
  • सर्विस एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम ( SEIS)
  • राज्य लेवी की छूट (ROSL)
  • राज्य और केंद्रीय करो तथा लेवी की छूट

महत्व

  • विदेशी मुद्रा लाने में मदद मिलेगी।
  • कम चालू खाता घाटा।
  • तरलता में बढ़ोतरी होगी।
  • Make in India जैसे कार्यक्रमों को प्रोत्साहन।

इंडिया रैंकिंग्स – 2021

चर्चा में क्यों
हाल ही में शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क ‘ ( NIRF ) द्वारा स्थापित इंडिया रैंकिंग 2021 जारी की है।

राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF)

  • लांच – सितंबर 2015 तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत देश में उच्च शिक्षण संस्थानों को रैंक प्रदान करने के लिए भारत सरकार का पहला प्रयास।
  • 2018 से देश के सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों का इसमें हिस्सा लेना अनिवार्य।

पांच मापदंडों पर मूल्यांकन

  • शिक्षण – शिक्षा संसाधन
  • अनुसंधान और व्यवसायिक अभ्यास
  • स्नातक परिणाम
  • आउटरीच और समावेशीता
  • अनुभूति
  • लांच करने का कारण “क्यू एस” वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग और टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग द्वारा विकसित रैकिंग पद्धति में व्यक्तिपरकता ने भारत को शंघाई रैंकिंग की तर्ज पर भारतीय संस्थानों के लिए अपने रैंकिंग प्रणाली शुरू करने हेतु प्रेरित किया।
  • इस वर्ष 6000 से अधिक संस्थानों ने भाग लिया।
  • कुल 11 श्रेणियों में – सर्वश्रेष्ठ संस्थानों को सूचीबद्ध किया गया।

1- समग्र राष्ट्रीय रैंकिंग – आईआईटी मद्रास, आईआईटी बेंगलुरु, और IIT-bombay शिर्ष तीन उच्च शिक्षा संस्थान।
2- विश्वविद्यालय – IISc, बंगलुरु सबसे ऊपर।
3- अनुसंधान संस्थान – IISc बंगलुरु सर्वश्रेष्ठ।
4- कॉलेज – मिरांडा कॉलेज ( DU) लगातार 5वें वर्ष सर्वश्रेष्ठ
5- इंजीनियरिंग – आईआईटी मद्रास सर्वश्रेष्ठ
6- प्रबंधन – भारतीय प्रबंधन संस्थान ( IIM) अहमदाबाद
7- चिकित्सा – AIIMS , Delhi – लगातार चौथे वर्ष शीर्ष पर
8- फार्मेसी – जामिया हमदर्द
9- वास्तु कला – आईआईटी रुड़की
10- कानून – नेशनल लॉ स्कूल आफ इंडिया यूनिवर्सिटी बेंगलुरू – लगातार चौथे वर्ष
11- दंत चिकित्सा – मणिपाल कॉलेज आफ डेंटल साइंसेज, मणिपाल

 टीम रूद्रा

मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs ) 

डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या 

अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर) 

योगराज पटेल (VDO)- 

अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )

प्रशांत यादव – प्रतियोगी – 

कृष्ण कुमार (kvs -t ) 

अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)

 मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)

अश्वनी सिंह – प्रतियोगी 

सुरजीत गुप्ता – प्रतियोगी

प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।

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