व्यक्तित्व (personality)
- Personality लैटिन भाषा के Persona (मास्को/मुखौटा) शब्द से बना है।
- प्राचीन काल में व्यक्तित्व का मापन शारीरिक रचना/वाह्यरुप से किया जाता था।
- आधुनिक काल में व्यक्तित्व का मापन आंतरिक गुणों के आधार पर की जाती है।
- व्यक्तित्व दो शब्दों से मिलकर बना है। व्यक्ति (आंतरिक रूप)+ तत्व (नकारात्मक, सकारात्मक तत्व)
व्यक्तित्व की परिभाषा
गिलफोर्ड के अनुसार – व्यक्तित्व व्यक्ति के गुणों का समन्वित रूप है।
विलियम बुड़वर्थ- व्यक्तित्व व्यक्ति के व्यवहार की समग्र विशेषता है।
वेलेंटाइन – व्यक्तित्व व्यक्ति की जन्मजात और अर्जित प्रवृत्तियों का योग होता है।
डेशील – व्यक्तित्व व्यक्ति के संगठित व्यवहार का संपूर्ण चित्र है।
ऑलपार्ट – व्यक्तित्व व्यक्ति के अंदर उन मनोदैहिक की गुणों का एक गत्यात्मक संगठन है जो वातावरण के साथ एक अनु समायोजित स्थापित करता है।
सन 1961 में संशोधन करके वातावरण के साथ अनूठा शब्द हटा दिया और उसके स्थान पर विशिष्ट व्यवहार व विचार शब्द रख दिया।
व्यक्तित्व के प्रमुख सिद्धांत
1- मनोविश्लेषणात्मक सिद्धांत – सिगमंड फ्रायड। (ऑस्ट्रेलिया)
2- मांग/आवश्यकता का सिद्धांत – अब्राहम मैस्लो
3- शरीर रचना के आधार – शेल्डन, क्रेश्मर
4- शील गुणों का सिद्धांत – ऑलपोर्ट, कैटेल
5- सामाजिक दृष्टि का सिद्धांत – कार्ल जंगू/यूंग
6- मूल्य दृष्टि के आधार पर- स्प्रेंगर
मनोविश्लेषणात्मक सिद्धांत
- व्यक्तित्व का प्रथम व्यापक सिद्धांत।
- मन के प्रकार
- अचेतन मन (90%) दमित इच्छा, भावना, संवेग, मूल प्रवृत्ति, यौन ऊर्जा, अमर्यादित गुण
- अर्द्बचेतन मन / अवचेतन मन (अर्जित)
- चेतन मन (10%) (अर्जित)
- व्यक्तित्व के अंग – इदम I’d , / अहम Ego , / परम अहम Super Ego
- अचेतन मन व्यक्तित्व का निर्धारण करता है।
इन्होंने मूल प्रवृत्ति को यौन उर्जा को बल देती है। जिसे लिबिडो कहा।
इन्होने 5 मनो लैंगिक अवस्था बताइए।
1- मुख अवस्था – 0-1 वर्ष (यौन ऊर्जा मुख में)
2- गुदावस्था – 1-3 वर्ष (यौन ऊर्जा-मल्ल, मित्र के मार्ग)
3- शैशवावस्था – 3-6 वर्ष (सक्रिय)
4- अव्यक्तवस्था – 6-12 वर्ष ( निष्क्रिय)
5- जननेन्द्रिय अवस्था -13-18 वर्ष ( जनन अंगों में)
शरीर रचना के आधार पर व्यक्तित्व का सिद्धांत
शेल्डन काय कृशचकाय
1- गोलाकार 1- कृशकाय
2- आयताकार 2- पुष्टकाय / सुडौलकाय
3 – लम्बाकार 3 – स्थूलकाय / लम्बकाय
गोलाकार
- हंसमुख
- परंपरावादी
- भोजन प्रिय
- शौकीन मिजाजी।
आयताकार –
- रोमांच प्रिय
- हष्ट पुष्ट
- क्रोधी
लम्बाकार
- जल्दी थमने वाले
- आलस्य
शीलगुणो का सिद्धांत
सामान्य शीलगुण
- सभी व्यक्तियों में। समाज के बड़े समूह में पाए जाते हैं।- प्रशंसा, सम्मान, सहयोग।
विशिष्ट शीलगुण
- व्यक्ति विशेष में पाए जाते हैं।
प्रमुख शीलगुण – प्रत्येक व्यवहार में दिखाई देते हैं- महात्मा गांधी-अहिंसा , रामायण- अहंकार।, कारण – दानवीर
केंद्रीय शीलगुण – कभी-कभी दिखाई देता है।
गौणशीलगुण – छिपे हुए रहते हैं।
शीलगुणों का सिद्धांत – कैटेल
- शीलगुणो के दो प्रकार-
1- स्रोत शीलगुण – मित्रता
2- सतही शीलगुण- सहयोग, सम्मान, सत्य,
- शीलगुणों के एक मां अपनी बनाई – 16PF
सामाजिक दृष्टिकोण के आधार पर व्यक्तित्व सिद्धांत
- यह सिद्धांत कार्ल जुंग/यूंग के द्वारा दिया गया। इन्होंने दो प्रकार बताएं।
अंतर्मुखी – एकांत प्रिया, शंकोची, आत्म चिंतन, अध्ययन शील लज्जा शील।
गणितज्ञ, वैज्ञानिक, दार्शनिक।
बहिर्मुखी – अधिक वाचाल, निडर, साहसी, समाजसेवी, लोकप्रिय, आशावादी, व्यवहार कुशल।
जैसे- राजनेता, छात्र, क्रांतिकारी, व्यापारी, आंदोलनकारी, वकील,
मूल्य दृष्टिकोण के आधार पर व्यक्तित्व का सिद्धांत
- यह सिद्धांत स्प्रेंगर के द्वारा दिया गया। उन्होंने छह प्रकार बताएं।
1- सिद्धांतिक व्यक्तित्व – सिद्धांत के आधार पर कार्य करते हैं।
2- आर्थिक व्यक्तित्व –
3- सामाजिक व्यक्तित्व-
4- राजनीतिक व्यक्तित्व-
5- धार्मिक व्यक्तित्व
6- कलात्मक व्यक्तित्व- कला/सौंदर्य के पुजारी जैसे- चित्रकार, साहित्यकार
मांग/आवश्यकता का सिद्धांत – अब्राहम मैस्लो
उनके द्वारा पांच प्रकार के व्यक्तित्व बताएंगे।
1- शारीरिक मांग/दहीकी मांग
2- सुरक्षा की मांग
3- समाज की मांग
4- सम्मान की मांग
5- आत्मसिद्धि मांग
व्यक्तित्व मापन की विधि
A- आत्मनिष्ठविधियां – एक समय में केवल एक ही व्यक्ति के व्यक्तित्व का मापन।
1- अवलोकन विधि
2- साक्षात्कार विधि
3 – जीवन इतिहास विधि / नवीन गाथा विधि
4- अंतर दर्शन विधि
B- वस्तुनिष्ठ विधियां -़ एक समय में दो या दो से अधिक व्यक्तियों के व्यक्तित्व का मापन।
1- प्रश्नावली – R,.S. वुडवर्थ
2- निर्धारण मापनी – फ्रांसिस गाल्टन
3- क्रम निर्धारण मापनी – लुईस थर्स्टन
4- समाज मितियविधि – J.L. मैरिनो
5- बर्हि दर्शन विधि
6- निरीक्षण विधि
C- प्रक्षेपीय विधिया- अचेतन मन (90%) को अप्रत्यक्ष तरीके से जानने की विधियां।
1- साहचर्य प्रविधि
2- रचना पूर्ति प्रविधि
3- क्रम प्रविधि
4- वाक्य पूर्ति प्रविधि
5- अभिव्यक्ति प्रविधि
I.B.T – स्याही धब्बा परीक्षण – हरमन रोर्शा -192
- 10 कार्ड – 2 कार्ड काला और सफेद, 5 काला, सफेद या लाल,3 बहुरंगी