प्रमुख बिन्दु
- भारत में स्तनधारी जानवरों में हाथी सबसे अधिक महत्वपूर्ण है । ये असम , कर्नाटक , और केरल के उष्ण तथा आर्द्र वनों में पाए जाते हैं । एक सिंग वाले गैंडे अन्य जानवर हैं ।
- भारत जीव सुरक्षा अधिनियम सन 1972 में लागू किया गया था ।
- भारत विश्व का अकेला देश है जहाँ शेर तथा बाघ दोनों पाए जाते हैं भारतीय बाघों का प्राकृतिक वास स्थल गुजरात में गिर जंगल है । बाघ मध्य प्रदेश तथा झारखंड के वनों पशिचमी बंगाल के सुंदरवन तथा हिमालय क्षेत्रों में पाए जाते हैं ।
- भारत के नदियों , झीलों तथा समुद्री क्षेत्रों में कछुए , मगरमच्छ और घडियाल पाए जाते हैं । घडियाल , मगरमच्छ कि प्रजाति का एक ऐसा प्रतिनिधि है जो विश्व में केवल भारत में पाया जाता है ।
- भारत में अनेक रंग – बिरंगे पक्षी पाए जाते हैं । मोर , बत्तख , तोता , मैना , सारस तथा कबूतर आदि कुछ पक्षी प्रजातियाँ हैं जो देश के वनों तथा आर्द्र क्षेत्रों में रहती हैं । बहुत से कीड़े – मकौड़े फसलों , फलों और वृक्षों के परागण में मदद करते हैं और हानिकारक कीड़ों पर जैविक नियंत्रण रखते हैं । प्रत्येक प्रजाति का पारिस्थितिक तंत्र में योगदान है । अतः उनका संरक्षण अनिवार्य है ।
- पारिस्थितिक तंत्र के असंतुलन का मुख्य कारण लालची व्यापारियों का अपने व्यवसाय के लिए अत्यधिक शिकार करना है |
- रासायनिक और औधोगिक अवशिष्ट तथा तेज़ाबी जमाव के कारण प्रदुषण विदेशी प्रजातियों का प्रवेश कृषि तथा निवास के लिए वनों कि अन्धाधुन कटाई पारिस्थितिक तत्र के असंतुलन का कारण हैं ।
- भारत देश में पादप और जीव सम्पति कि सुरक्षा के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं : –
( 1 ) देश में चोदह जीव मंडल निचय स्थापित किए गए हैं । इनमें से चार सुंदरवन ( पशिचम बंगाल ) , नंदादेवी ( उत्तरांचल ) , मन्नार कि खाड़ी ( तमिलनाडु ) , निलगिरी ( केरल , कर्नाटक , तथा तमिलनाडु ) कि गणना विश्व के जीव मंडल निचय में कि गई है । ( ii ) सन 1992 से सरकार द्वारा पादप उद्दानों को वित्तीय तथा तकनिकी सहायता देने कि योजना बनाई है । ( ii ) शेर संरक्षण , गैंडा संरक्षण , भारतीय भैसा संरक्षण तथा पारिस्थितिक तत्रं के संतुलन के लिए कई योनएं बनाई गई हैं । ( iv ) 89 राष्ट्रिय उद्दान , 49 पक्षी आश्रय स्थल और कई चिड़ियाघर राष्ट्र कि पादप और जीव संपत्ति कि रक्षा के लिए बनाए गए महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
प्रश्न : भारत में कितने प्रकार की पादप प्रजातियाँ पाई जाती है ?
उत्तर : भारत में 47000 पादप प्रजातियाँ तथा 89000 जन्तु प्रजातियाँ पाई जाती है ।
प्रश्न : भारत का वनस्पति जगत में विश्व में कौन सा स्थान है ।
उत्तर : दसवाँ स्थान ।
प्रश्न : वनस्पति क्या है ?
उत्तर : एक क्षेत्र विशेष में उगने वाली प्राक्रतिक पेड़ – पौधो को वनस्पति कहते है ।
प्रश्न : अक्षत वनस्पति किसे कहते है ?
उत्तर : वह वनस्पति जो मनुष्य के सहायक के बिना अपने आप पैदा होता है , और लंबे समय तक उस पर मानव प्रभाव नही पडता इसे ही अक्षत वनस्पति खाते हैं ।
प्रश्न : देशज वनस्पति किसे कहते है ?
उत्तर : वह वनस्पति जो कि मूलरूप से भारतीय हो उसे देशज वनस्पति कहते है ।
प्रश्नः पादप और जंतु जगत की विपुल विविधता के जिम्मेदार घटक कौन कौन है ?
उत्तर : 1. भूभाग 2. मृदा 3. तापमान 4. वृष्टि 5. सूर्य का प्रकाश
प्रश्र : उस राज्य का नाम लिखे जिसमें वन आवरण अधिकतम है ?
उत्तर : अंडमान और निकोबार द्वीप समूह ।
प्रश्नः सन 2001 में वनों का कुल क्षेत्रफल का कितना प्रतिशत था ?
उत्तर : 20.55 प्रतिशत ।
प्रश्नः पारिस्थितिक तंत्र किसे कहते है ?
उत्तर : जब वनस्पति बदल जाती है तो प्राणी जीवन नही बदली जाते है । किसी भी क्षेत्र के पादप तथा प्राणी आपस में तथा अपने भौतिक पयार्वरण से अंतर्संबंचित होता है । इसे ही पारिस्थितिक तत्रि कहते है ।
प्रश्न : जीवोम किसे कहते है ?
उत्तर : धरातल पर एक विशिष्ट प्रकार की वनस्पति या प्राणी जीवन वाले विशाल पारिस्थितिक तंत्र को जिवोम कहते है ?
प्रश्न : भारत में कितने प्रकार की वनस्पतियाँ पाई जाती है ?
उत्तर : भारत में निम्नलिखित प्रकार कि वनस्पतियाँ पाई जाती है : 1. उष्ण कतिबंधीय वर्ष वन 2. उष्ण कतिबंधीय पर्णपाती वन 3. उष्ण कतिबंधीय कटीले वन तथा झाड़ियाँ 4. पर्वतीन वन 5. मैग्राव वन
प्रश्न : भारत में हाथी कहाँ पर पाए जाते है ?
उत्तर : असम , कर्नाटक , और केरल । प्रश्नः भरातीय जीव सुरक्षा अधिनियम कब लागू किया गया ? उत्तरः सन 19721
प्रश्न : भारत के प्रमुख वनस्पति क्षेत्रो का वर्णन करो ?
उत्तर : 1. उष्ण कतिबंधीय वर्षा वाले वन : ये वन पश्चिमी घाटो वाले क्षेत्र लक्षद्वीप , अंडमान और निकोबार द्वीप समूह | असम के क्षेत्रो में पाए जाते है | 2 | 200 सेमी से अधिक वर्षा वाले क्षेत्र में ये वन पाए जाते है । इन वनों कद वृक्ष 60 मीटर से अधिक लंबे होते है । यहाँ हर प्रकार की वनस्पति वृक्ष , झाड़ियाँ , पाई जाते है । इन वनों में आबनूस , महोगनी , रोजवुद , रबड़ और सिकोना के वृक्ष पाए जाते है । इन वनों में हाथी , बंदर , लंगूर , और हिरण आदि पाए जाते है । 2. उष्ण कतिबंधीय पर्णपाति वन : ये भारत में सबसे बड़े क्षेत्र में फेले हुए वनल है । ये 70 सेमी से 200 सेमी वर्षा वाले क्षेत्र में पाए जाते है । इन वनों के वृक्ष शुष्क ग्रीष्म में आपने पत्ते गिरा देते है । ये वन मध्यप्रदेश , छतिसगढ़ , उड़ीसा , बिहार , झारखण्ड , 21 महाराष्ट्र , केरल आदि राज्यो में पाया जाता है । सागौन इन वनों की प्रमुख प्रजातियाँ है । इन वन में बाँस साल , शीशम , चंदन , अर्जुन तथा शहतूत के वृक्ष व्यापारीक महत्व वाली प्राजातियाँ है । इन जंगलों में प्रायः सिंह सूअर हिरण और हाथी इत्यादी जानवर पाए जाते है ।
3. कँटीले वन तथा झाड़ियाँ :
1 ये वन 70 सेमी से कम वर्षा वाले क्षेत्र में उगते है । इन वनों में कैंटीले वृक्ष और झाड़ियाँ पाई जाती है । ये वन गुजरात , राजस्थान , छतीसगढ़ , उतर प्रदेश , मध्य प्रदेश और हरियाणा में पाए जाते है । यहाँ पर अकासिया , खजूर , पाम , नागफनी आदि वृक्ष पाए जाती है । नागफल यहाँ कि प्रमुख पादप प्रजातियाँ है । इन जंगलों में प्राय : चूहे , खरगोश , लोमड़ी , सिंह , जंगली गधे घोड़े तथा उँट पाए जाते है ।
4. पर्वतीय वन : ये वन और घासे 120 सेमी से अधिक वर्षा वाले प्राप्त करने वाली उतरी पर्वतीय क्षेत्र में पाए जाते है । 1000 और 2000 मीटर तक कि उँचाई वाले क्षेत्रो में आद्र शीतोष्ण कतिबंधीय पाए जाते है । यहाँ एक लाख 1500 से 3000 मीटर के उँचाई वाले भागो में माँस , लाइकेन घास , टूड्रा वनस्पति का भाग है । यहाँ प्राय : जंगली खरगोश , भेड़ , यो , आदि जानवर पाए जाते है ।
5. मैग्रोव वन : ये वनस्पति तटवतीय क्षेत्रो में ज्वार भाटे आते है की सबसे महत्वपुत्र वनस्पति है | मिटटी और बालू इन तटो पर एकत्रित हो जाती है । धने मैग्रोव एक प्रकार कि वनस्पति है जिसमे पौधे कि जड़े पानी में डूब रहते है । गंगा , महानदी , गोदावरी , कृष्णा तथा कावेरी नदियो के भाग में यह वनस्पति मिलती है | गंगा ब्रह्मपुत्र डेल्टा में सुंदरी वृक्ष पाए जाते है । इस क्षेत्र का रायल बंगाल टाईगर , प्रसिध्द जानवर है । इन वनों में कछुए , मगरमच्छ घड़ियाल एवं कई प्रकार के साँप भी इन वनों में पाए जातेेेे हैं।
टीम रूद्रा
– मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs )
अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता)
डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या
अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर)
योगराज पटेल (VDO)-
अभिषेक कुमार वर्मा (प्रतियोगी)
प्रशांत यादव – प्रतियोगी –
कृष्ण कुमार (kvs -t )
अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)
मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)
प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।