ध्वनि

ध्वनि

  • ध्वनि एक प्रकार की ऊर्जा हैं।
  • किसी वस्तु में कंपन के कारण ध्वनि उत्पन्न होती है।
  • ध्वनि अनुदैर्ध्य तरंग है।
  • कंपन दो प्रकार के होते हैं।

1- to and fro (चम्मच और थाली)

अनुदैर्ध्य तरंग

2- up and down ( तबला)

  • मानव के गले में lyrynx (वाक् यंत्र) / कंठ में दो vocal cord (वाक् तंत्र) पाया जाता है। मे वाइब्रेशन के कारण साउंड उत्पन्न होता है।
  • पुरुष में इसकी लंबाई -1.75 से 2.25 सेंटीमीटर
  • महिला में इसकी लंबाई – 1.25 से 1.75 सेंटीमीटर
  • पक्षियों में sarynx पाया जाता है।

पक्षियों के अध्ययन को –

ध्वनि के प्रकार

1- infrasonic sound ( अवश्रव्य ध्वनि) – जिसकी आवृति 20 हर्टज से कम हो

  • हाथी, ब्लू व्हेल, कुत्ता, बिल्ली, सांप, हिरण आज सुन सकते हैं।

2- audible sound ( श्रव्य ध्वनि) – जिसकी आवृति 20 हर्टज 20000 हर्टज के बीच हो

  • मनुष्य इसको सुन सकता है।

3- ultrasonic sound ( पराश्रव्य ध्वनि) – 20000 हर्टज से अधिक

  • चमगादड़, सोंस सुन सकते हैं।

पराश्रव्य ध्वनि के प्रयोग

  • गठिया (Arthritis) के इलाज में
  • भूकंप की तरंगे
  • SONAR सोनार में – sound navigation and radiation) (पानी वाले जहाज में लगा होता है)
  • Ultrasonography में प्रयोग होता है।
  • Echo cartography (हृदय की ध्वनि को सुनने के प्रयोग में लाया जाता है)
  • CT scan में प्रयोग होता है।( CT- computed tomography )

ध्वनि की चाल

  • जीरो डिग्री सेंटीग्रेड पर – 332 मीटर प्रति सेकंड
  • 20 डिग्री सेंटीग्रेड पर – 343 मीटर प्रति सेकंड
  • ध्वनि की चाल सबसे अधिक ठोस > द्रव > गैस
  • एल्युमीनियम में ध्वनि की चाल सबसे अधिक होती है 6420 मीटर प्रति सेकंड।
  • इसके बाद निकेल में 6040 मीटर प्रति सेकंड।
  • इसके बाद स्टील में 5940 मीटर प्रति सेकंड।
  • इसके बाद लोहे में 5950 मीटर प्रति सेकंड।
  • इसके बाद तांबा में 4600 मीटर प्रति सेकंड।
  • शीशा में 1210 मीटर प्रति सेकंड।
  • इसके बाद सोने में 3240 मीटर प्रति सेकंड।
  • रबड़ लेटेस्ट के पेड़ से प्राप्त किया जाता है।
  • रबड़ में इसकी चाल 60 मीटर प्रति सेकंड होता है।
  • निर्वात में ध्वनि की चाल 0 मीटर प्रति सेकंड होता है।

ध्वनि का चाल ज्ञात करने का सूत्र –

  • जीरो डिग्री सेल्सियस पर समुद्र के जल में ध्वनि की चाल 1533 मीटर प्रति सेकंड।
  • आसुत जल में ध्वनि की चाल 1493 मीटर प्रति सेकंड।
  • हाइड्रोजन गैस में ध्वनि की चाल जीरो डिग्री सेंटीग्रेड पर 1269 मीटर प्रति सेकंड होता है।
  • हीलियम में ध्वनि की चाल 965 मीटर प्रति सेकंड होती है।
  • हाइड्रोजन गैस की खोज कैंवेंडिस की थी।

ध्वनि की चाल को प्रभावित करने वाले कारक

तापमान (temperature)

  • तापमान बढ़ने पर ध्वनि की चाल भी बढ़ती है। और तापमान घटने पर ध्वनि की चाल भी घटती है।

दाब (pressure)

  • ध्वनि पर दाब का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

प्रत्यास्थता (elasticity)

  • प्रत्यास्थता अधिक होने पर ध्वनि की चाल अधिक होती है और प्रत्यास्थता कम होने पर ध्वनि की चाल कम होती है।

आर्द्रता (humidity)

  • आर्द्रता बढ़ने पर ध्वनि की चाल पड़ती है और आर्द्रता घटने पर ध्वनि की चाल कटती है।

घनत्व ( density)

  • घनत्व बढ़ने पर ध्वनि की चाल घटती है और घनत्व घटने पर ध्वनि की चाल बढ़ती है।

ध्वनि के लक्षण (characteristics of sound)

1- intensity (तीव्रता)

  • ध्वनि के वह गुण जिसके कारण ध्वनि धीमा या तेज सुनाई देता है।
  • तीव्रता आयाम ( amptitued) पर निर्भर करता है
  • तीव्रता के बढ़ने पर आयाम भी बढ़ता है और तीव्रता के घटने पर आयाम भी घटता है।
  • तीव्रता का मात्रक – Bel
  • व्यावहारिक मात्रक – डेसीबल = 1/10 of Bel
  • WHO के अनुसार 45 डेसीबल की ध्वनि मानव के कान के लिए परफेक्ट है।
  • आम बातचीत 40 से 45 डेसीबल की ध्वनि उत्पन्न होती है।
  • तेज बातचीत से 55 से 60 डेसीबल के बीच ध्वनि उत्पन्न होती है।
  • DJ 80 डेसिबल का ध्वनि उत्पन्न करता है।
  • 90 डेसिबल से अधिक की ध्वनि सुनने पर मानव के कान का पर्दा फट सकता है।
  • 100 डेसीबल से अधिक की ध्वनि सुनने पर व्यक्ति पागल हो सकता है।

2- pitch ( तारत्व)

  • ध्वनि के वह गुण जिसके कारण ध्वनि पतला या मोटा सुनाई देता है ।
  • तारत्व अधिक होने पर ध्वनि पतली होती है और तारत्व कम होने पर ध्वनि मोटी होती है।
  • मच्छर की ध्वनि सबसे पतली होती है। क्योंकि इसका तारत्व सबसे अधिक होता है।
  • बाघ, और मेंढक का तारत्व कम होता है।
  • तारत्व आवृत्ति पर निर्भर करता है अर्थात तारत्व जितना अधिक होगा आवृत्ति उतनी ही अधिक होती है।

3- quality (गुणत्ता)

  • समान तारत्व तथा समान तीव्रता के बावजूद ध्वनि का भिन्न-भिन्न होना गुणता कहलाता है। जैसे
  • परिचितों के आवाज में अंतर होता है।
  • संगीत वाद्य यंत्र के ध्वनि में अंतर होता है
  • संगीतकार के आवाज में अंतर।

ध्वनि के गुण ( properties of sound)

1- reflection of sound (ध्वनि का परावर्तन)

  • किसी परावर्तित सतह से टकरा कर ध्वनि का परावर्तन होना। जैसे-
  • सिनेमा घर में ध्वनि का टकराकर उसी में गुजना
  • जिस कोण पर टकराता है उसी कोण से वापस जाता है।

Echo ( गूंज)

  • परावर्तित सतह से टकराकर ध्वनि का का वापस सुनाई देना।
  • गूंज सुनने के लिए परावर्तक सतह से कम से कम 17.2 या मीटर की दूरी होनी चाहिए।
  • हमारे दिमाग पर कोई ध्वनि 1/10 या 0.1सेकंड तक रहता है।

Riverberation ( अनुरणन)

  • ध्वनि का भिन्न-भन्न परावर्तक सतह से टकराकर सुनाई देना।
  • जैसे किसी घाटी में बोलने पर बार-बार अपनी ही आवाज सुनाई देना।
  • इसे multiple reflection of sound भी कहते हैं।
  • इसलिए सिनेमा हॉल में दीवार ध्वनि अवशोषक पदार्थों से बने होते हैं।
  • प्लास्टिक, कारपेट, प्लाईवुड, का प्रयोग सिनेमा हॉल बनाने में किया जाता है।

refraction of sound (ध्वनि का अपवर्तन)

  • जब ध्वनि तरंग एक माध्यम से दूसरे माध्यम में गमन करती है तो वह अपने मार्ग से विचलित हो जाती है। जिसे ध्वनि का अपवर्तन कहते हैं। जैसे-
  • दिन की अपेक्षा रात में ध्वनि का ज्यादा सुनाई देना।

डॉप्लर का प्रभाव

  • जब किसी स्थिर व्यक्ति के पास से सीटी बजाती हुई ट्रेन दूर जाती है तो उस व्यक्ति को उसका आयाम और आवृत्ति कम होता महसूस होता है।

डॉप्लर प्रकाश प्रभाव

  • जब कोई प्रकाश स्रोत वस्तु से दूर जाता है तो वह लाल में परिवर्तित होता है। तरंगदैर्ध्य अधिक होती है।
  • जब कोई प्रकाश स्रोत वस्तु के नजदीक आता है तो वह बैगनी में प्रवर्तित हो जाता है।
  • पृथ्वी की ओर कोई तारा आता है तब वह बैगनी में बदल जाता है। बैगन की आवृत्ति अधिक होती है।

diffraction of sound (ध्वनि का विवर्तन)

  • किसी सतह को पार कर ध्वनि का सुनाई देना। जैसे-
  • कमरे के अंदर बाहर के ध्वनि का सुनाई देना।
  • ध्वनि में polarization की गुण नहीं होती है।

Resonance (अनुनाद)

  • प्राणोदित कंपन ( forced vibration) से आयाम ( Amplitude) का बढ़ना । जैसे-
  • रेडियो इसी सिद्धांत पर कार्य करता है।
  • सैनिक के प्रेड से पुल का गिरना।
  • अमेरिका के टैकोमा नेरो पुल का गिरना।
  • तानसेन के गाने से खिड़कियों का टूटना।

Mech number (मैंक नंबर)

  • मैक नंबर = velocity of object in medium / holy city of sound in medium
  • वायु में ध्वनि की चाल 332 मीटर प्रति सेकंड होता है।
  • मैक नंबर यदि 5 से ज्यादा है तो उसे hypersonic wave (अति पराध्वनिक ) बोलते हैं।
  • मैक नंबर यदि 2 से ज्यादा है तो उसे supersonic wave (पराध्वनिक) कहते हैं।
  • Hypersonic और supersonic wave को sock wave ( प्रघाती तरंग) बोलते हैं।
  • मैक नंबर 1 को sonic wave कहते हैं।

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