जीव विज्ञान ( biology) परिचय

जीव विज्ञान ( biology) परिचय

  • Biology ग्रीक भाषा का शब्द है। जो 2 शब्दों से Bios and Logos से बना है।Bios का अर्थ सजीव ( leaving) और Logos का अर्थ अध्ययन ( study) होता है।

अर्थात

सजीवों का अध्ययन ही biology कहलाता है

सजीवों के गुण ( properties of living)

  • जो पोषण करते हो ( nutrition)
  • जिन में वृद्धि एवं विकास होता हो (growth and development)
  • जो चल फिर सकता हो ( movement)
  • जो प्रजनन कर सकता हो ( reproduction)
  • जो श्वसन करता हो ( respiration)

ये पांचों गुण जिसके अंदर होगा वह सजीव होंगे।

कार्ल लीनियस ने सबसे पहले अपनी पुस्तक “sistema nature ” (1735) में सजीवो को दो भागों में वर्गीकृत किया।

(i) पादप ( plant)

(ii) जीव ( animal)

  • वर्गीकरण का अध्ययन taxonomy ( वर्गिकी) कहलाता है।
  • कार्ल लीनियस को वर्गीकरण का पिता कहा जाता है।
  • कार्ल लीनियस को नाम पद्धति का पिता भी कहा जाता है।
  • जीव विज्ञान शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग “लैमार्क” ने किया था।
  • जीव विज्ञान और जंतु विज्ञान का पिता “अरस्तु ( Aristotle) को कहा जाता है।
  • “Historia animalium” पुस्तक अरस्तु ने लिखा था जिसमें 500 प्रकार के जंतुओं के बारे में बताया था।
  • वनस्पति विज्ञान के पिता थियोफ्रेस्ट्स ( theophrastus) को कहा जाता है।
  • “history Plantarum” नामक पुस्तक थियोफ्रेस्ट्स ने लिखा था जिसमें 500 प्रकार के वनस्पतियों के बारे में बताया था।
  • सूक्ष्म जीव विज्ञान (microbiology) का पिता एंटोनीवान ल्यूवोनहाक ( antoni van leeuwenhoek) को कहा जाता है।
  • चिकित्सा विज्ञान ( medical science) का पिता हिप्पोक्रेट्स को कहा जाता है। क्योंकि इन्होंने modern medicine की खोज की थी।
  • डॉक्टरों को हिप्पोक्रेट्स के सिद्धांतों का शपथ दिलाया जाता है।
  • होम्योपैथी का पिता सैमुअल हनीमैन को कहा जाता है।
  • विश्व होम्योपैथी दिवस 10 अप्रैल को मनाया जाता है।
  • अनुवांशिकी का पिता ग्रेगर जॉन मेंडल को कहा जाता है क्योंकि इन्होंने जीन की खोज मटर के पौधों में सबसे पहले की थी।
  • जीन को जीन नाम सर्वप्रथम जोहान्सन के द्वारा दिया गया था।
  • विकासवाद ( evaluation) का पिता चार्ल्स डार्विन को कहा जाता है। अपनी पुस्तक “On the origin of species” में यह सिद्धांत दिया था।
  • Immunology का पिता एडवर्ड जेनर को कहा जाता है क्योंकि इन्होंने चेचक के टीके की खोज की थी।
  • जीवाणु विज्ञान का पिता एंटोनी वोन ल्यूवोनहाक को कहा जाता है क्योंकि इन्होंने माइकोप्लाजमा नामक बैक्टीरिया की खोज की थी।
  • कोशिका विज्ञान का पिता राबर्ट हुक ( Robert hook) को कहा जाता है।
  • जीवाश्मों के अध्ययन को paleontology कहां जाता है।
  • paleontology का पिता Leonard da Vinci को कहा जाता है।
  • जीवाश्म का उम्र कार्बन डेटिंग से पता किया जाता है। इसमें कार्बन के कार्बन-14 आइसोटोप का प्रयोग किया जाता है।
  • पत्थरों के अध्ययन को petrology कहा जाता है।
  • भारतीय ब्रायोलॉजी का जनक  आर. एस. कश्यप को कहा जाता है।
  • भारतीय शैवाल विज्ञान का जनक एम. ओ. ए. आयंगर वह कहा जाता है।
  • प्रतिरक्षा विज्ञान का जनक एडवर्ड जैनर को कहा जाता है।
  • उत्परिवर्तन सिद्धांत के जनक ह्यूगो डी. ब्राइज को कहा जाता है।
  • भारतीय पारिस्थितिकी जनक आर.डी. मिश्रा को कहा जाता है।
  • भारतीय कवक विज्ञान का जनक ई. जे. बुट्लर कहा जाता है।
 

प्रमुख शाखाएँ 

शरीररचनाविज्ञान (Anatomy) – जीवों की संरचना का अध्ययन

तुलनात्मक शारीरिकी (Comparative anatomy) – विभिन्न प्रजातियों (स्पीसीज) के शरीररचना की समानता और अन्तर के आधार पर उनके क्रमिक विकास (evolution) का अध्ययन

ऊतकविज्ञान (Histology) – ऊतकों का अध्ययन, यह शरीररचनाविज्ञान का सूक्ष्म अध्ययन करती है।

स्वाभाविकी (Ethology) – प्राणियों के व्यवहार का अध्ययन

कीटविज्ञान (Entomology) – कीटों (insects) का अध्ययन

उभयसृपविज्ञान (Herpetology) – सरीसृप और उभयचर का अध्ययन

मत्स्यविज्ञान (Ichthyology) – मछलियों का अध्ययन

स्तनिकी (Mammalogy) – स्तनधारी प्राणियों का अध्ययन

पक्षिविज्ञान (Ornithology) – [पक्षियों का अध्ययन

विज्ञान की प्रमुख शाखाएँ एवं उनके अध्ययन विषय।।

1.   अरबोरीकल्चर —  वृक्ष उत्पादन संबंधी विज्ञान

2.   आरकियोलाजी —  पुरातत्व सम्बन्धित विज्ञान की शाखा है

3.   आर्थोपीडिक्स —  अस्थि उपचार का अध्ययन

4.   इकोलोजी —  जीव व पर्यावरण के बीच पारस्परिक सम्बन्धोँ का अध्ययन

5.   इथेनोलोजी  — विभिन्न संस्कृतियों का तुलनात्मक अध्ययन

6.   इथेनोग्राफी  — किसी विशिष्ट संस्कृति का अध्ययन

7.   इथोलोजी —  प्राणियोँ के व्यवहार का अध्ययन

8.   इक्थियोलोजी — मत्स्य की संरचना , कार्यिकी इत्यादि का अध्ययन

9.   एंटोमोलोजी  — कीटों का वैज्ञानिक अध्ययन

10. एंथोलोजी —  फूलो का अध्ययन

11. एग्रोस्टोलॉजी  — घास का अध्ययन

12. एकोस्टिक्स  — यह ध्वनि से सम्बन्धित विज्ञान है

13. एपीकल्चर —  मधुमक्खियोँ के पालन का अध्ययन

14. एपीग्राफी —  शिलालेख सम्बन्धी ज्ञान का अध्ययन

15. एरोनोटिक्स  — वायुयान सम्बन्धी विज्ञान की शाखा है

16. एस्ट्रोनॉमी —  खगोलीय पिण्डों का अध्ययन

17. एस्ट्रोलॉजी  — मानव पर ग्रह – नक्षत्र के प्रभाव का अध्ययन18. ऐक्रोबेटिक्स  — व्यायाम सम्बन्धी विज्ञान की शाखा है

  19. ऐस्ट्रोनोटिक्स —  यह अन्तरिक्ष यानो से सम्बन्धित विज्ञान है

20. ऑरनीथोलॉजी —  पक्षियों का अध्ययन

21. ऑस्टियोलॉजी —  हड्डियों का अध्ययन

22.  ओडोण्टोलोजी —  दाँत व मसूङोँ का अध्ययन

23. ओरोलॉजी  — पर्वतों का अध्ययन

24. ओप्टिक्स —  प्रकाश के प्रकार व गुणोँ का अध्ययन

25. ओलिवोकल्चर —  जैतून की कृषि का अध्ययन

26. ओलेरीकल्चर —  सब्जियों की व्यापारिक कृषि

27. औनीरोलॉजी —  स्वप्नों का अध्ययन

28. कार्डियोलोजी —  ह्रदय की रचना तथा रूधिर कार्यविधि का अध्ययन

29. कीमोथेरैपी —  रासायनिक यौगिको से कैँसर का उपचार किया जाता है

30. कैलोलॉजी —  मनुष्य के सौन्दर्य का अध्ययन

31. कोस्मोलॉजी  — ब्रहाण्ड का अध्ययन

32. कोस्मोलोजी  — ब्रह्माण्ड के जन्म , विकास और विलोपन का अध्ययन किया जाता है33. क्रायोजेनिक्स —  निम्न ताप पर वस्तुओँ के गुणोँ और अन्य परिघटनाओँ का अध्ययन

34. जेनेटिक्स  — जीवोँ के आनुवंशिक लक्षणोँ के पीढी दर पीढी हस्तांतरण की प्रकिया का अध्ययन

35. जेरेंटोलॉजी  — बृद्ध ब्यक्तियों का अध्ययन

36. ट्राइबोलोजी —  घर्षण एवं स्नेहक का अध्ययन

37. न्यूमिस्मेटिक्स —  पुराने सिक्कों का अध्य्यन

38. न्यूमेरोलोजी  — अंकोँ का अध्ययन

39. न्यूरोलॉजी  — तंत्रिकाओं ( नाड़ी ) का अध्ययन

40. न्यूरोलोजी  — तंत्रिका तंत्र का अध्ययन

41. पीसीकल्चर  — मछलियों का व्यापारिक उत्पादन का अध्ययन

42. पेडागोजी  — अध्यापन कला का अध्ययन

43. पैरासिटोलॉजी  — परजीवी जीवो काअध्ययन

44. पैडोलोजी —  मिट्टी का अध्ययन

45. पैथोलोजी  — रोगोँ की प्रक्रति के कारण, उपचार आदि का अध्ययन

46. पैलिनोलॉजी — विभिन प्रकार के परागकणों का अध्ययन

47. पैरालोजी —  स्पंजोँ का अध्ययन

48. पैलियोण्टोलोजी(पैलियोबॉयोलोजि) —  जीवाश्मोँ का अध्ययन

49. पोमोलॉजी  — फलों का अध्ययन

50. फ्रैनोलाजी — मष्तिष्क के विभिन्न भागो के क्रियाशीलता व् विक्षिप्तता का अध्ययन

51. फाइकोलोजी —  शैवालोँ का अध्ययन

52. फिजियोग्राफी —  प्राक्रतिक भूगोल का अध्ययन

53. फिलालोजी   — भाषा की संरचना व् विकास व् इतिहास अध्ययन

54. फ्लोरीकल्चर —  फूलों की कृषि

55. बायोकेमिस्ट्री —  जीव शरीर की रासायनिक क्रियाओँ के अध्ययन सम्बन्धी विज्ञान की शाखा है

56. माइक्रोबायोलोजी —  सूक्ष्म जीवों का अध्ययन

57. माइक्रोलॉजी —  फफूंद एवं संबंधित विषयों का अध्ययन

58. मारफोलॉजी —  जीव एवं भौतिक जगत् की आकारिकी का अध्ययन

59. मिनेरालॉजी  — खनिजों का अध्ययन

60. मेटेरोलॉजी  — वातावरण एवं संबंधित विषयों का अध्ययन

61. मेमोग्राफी  — स्त्रियोँ के स्तनोँ की जाँच करने वाली चिकित्सा विज्ञान की शाखा है

62. मेमोलोजी  — स्तनधारी जन्तुओँ का अध्ययन

63. मैरिकल्चर  — समुद्री जीवों का उत्पादन

64. मोर्फोलोजी  — पौधोँ की बाह्य संरचना का अध्ययन

65. मोलीक्यूलर  — बायोलोजी आणविक स्तर पर जीवोँ की संरचना व कार्योँ का अध्ययन

66. लिथोलॉजी  — चट्टानों एवं पत्थरो से संबंधित विषयों का अध्ययन

67. लेक्सिकोग्राफी  —  शब्द कोष का संकलन

68. विटीकल्चर —  अंगूर की खेती का अध्ययन

69. साइकोलोजी —  मनोविज्ञान का अध्ययन

70. साइटोजेनेटिक्स —  जीव कोशिका और उसकी आनुवंशिक विशेषताओँ का अध्ययन

71. साइटोलोजी —  जीव कोशिका का अध्ययन

72. सिल्वीकल्चर —  वन्य कृषि का अध्ययन

73. सिस्मोलॉजी —  भूकम्प का अध्ययन

74. सेरीकल्चर  — रेशम उत्पादन का अध्ययन

75. सोरोलोजी —  छिपकलियोँ का अध्ययन76. हाइड्रोपैथी   — पानी से रोगोँ की

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