कवि – परिचयः

कवि – परिचयः

1. महाकवि कालिदास

पत्नी – विद्योत्तमा श्वसुर शारदानन्द

मित्र – लङ्का के राजा कुमारदास

समय – ईसापूर्व प्रथम शताब्दी

जन्मस्थान – उज्जयिनी ( काश्मीरी / बंगाली )

आश्रयदाता – चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य

जाति / गोत्र ब्राह्मण

रचनायें कालक्रम की दृष्टि से-

1. ऋतुसंहार ( गीतिकाव्य ) ,

2. कुमारसम्भवम् ( महाकाव्य ) ,

3. मालविकाग्निमित्रम् ( नाटक ) ,

4. विक्रमोर्वशीयम् ( त्रोटक ) ,

5. मेघदूतम् ( खण्डकाव्य ) ,

6. रघुवंशम् ( महाकाव्य ) ,

7. अभिज्ञानशाकुन्तलम् ( नाटक ) शिव के प्रिय छन्द – उपासक – उपजाति / अनुष्टुप् प्रिय अलङ्कार -उपमा

कालिदास की रीति एवं गुण – वैदर्भी रीति एवं प्रसादगुण कालिदास का प्रिय रस – शृङ्गार रस

कालिदास की अन्य कृतियाँ

( i ) कालीस्तोत्र

( ii ) गङ्गाष्टक

( iii ) ज्योतिर्विदाभरण

( iv ) राक्षसकाव्य

( v ) श्रुतबोध संस्कृतगंगा

कालिदासीय जीवन के कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • काली देवी की उपासना से विद्या की प्राप्ति ।
  • विद्याप्राप्ति के बाद कालिदास का कथन ‘ अनावृतकपाटं द्वारं देहि ‘ ( दरवाजा खोलो )
  • इसके उत्तर में पत्नी विद्योत्तमा का कथन ‘ अस्ति कश्चित् वाग्विशेषः ‘ ( लगता है कोई विद्वान् है )
  • ‘ अस्ति ‘ से कुमारसम्भवम् – ” अस्त्युत्तरस्यां दिशि देवतात्मा …. ” ‘ कश्चित् ‘ से मेघदूतम् – ” कश्चित् कान्ता विरहगुरुणा …. ‘ वाग् ‘ से रघुवंशम् – ” वागर्थाविव सम्पृक्ती ….. ‘ विक्रमादित्य की सभा में 9 रत्न थे ,
  • जिसमें से एक कालिदास भी थे धन्वन्तरि – क्षपणकामरसिंह – शङ्कु वेतालभट्ट – घटकपर – कालिदासाः ।
  • ख्यातो वराहमिहिरो नृपतेः सभायां रत्नानि वै वररुचिर्नव विक्रमस्य ।।

कालिदास की उपाधियाँ

( i ) दीपशिखा कालिदास

( ii ) रघुकार

( iii ) कविकुलगुरु

( iv ) कविताकामिनीविलास

( v ) उपमासम्राट

वैदर्भीरीतिसन्दर्भे कालिदासो विशिष्यते । उपमा कालिदासस्य कालिदासस्य सर्वस्वमभिज्ञानशाकुन्तलम् । तत्रापि च चतुर्थोऽङ्कः यत्र याति शकुन्तला ।।

Leave a Reply